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तीन की जगह नौ सेक्शन
अनदेखी. मनमानी कर रहे स्कूल, बोर्ड नहीं ले रहा एक्शन पटना : स्कूलों में कमरे कम हैं, लेकिन छात्रों की संख्या ज्यादा हैं. स्कूल का इन्फ्रास्क्ट्रचर स्टूडेंट्स की संख्या के अनुसार काफी ज्यादा हैं. एक ही कमरे में दो-दो सेक्शन के छात्रों को एक साथ बैठाया जा रहा है. ऐसे स्कूल अपने यहां पर सेक्शन […]
अनदेखी. मनमानी कर रहे स्कूल, बोर्ड नहीं ले रहा एक्शन
पटना : स्कूलों में कमरे कम हैं, लेकिन छात्रों की संख्या ज्यादा हैं. स्कूल का इन्फ्रास्क्ट्रचर स्टूडेंट्स की संख्या के अनुसार काफी ज्यादा हैं. एक ही कमरे में दो-दो सेक्शन के छात्रों को एक साथ बैठाया जा रहा है. ऐसे स्कूल अपने यहां पर सेक्शन कम करें. तीन सेक्शन से अधिक कोई भी स्कूल नहीं रखेगा. यह आदेश 2014 में बिहार के 150 स्कूलों को सीबीएसइ विजिलेंस ने दिया था. लेकिन, अब तक रीजनल ऑफिस की ओर से किसी भी स्कूल को इसकी जानकारी ही नहीं दी गयी. इससे स्कूल मनमर्जी से ही सेक्शन चला रहे हैं.
सीबीएसइ विजिलेंस की ओर से 2013 और 2014 में बिहार के 150 स्कूलों की जांच की गयी. रेंडमली जांच के दौरान कई कमियां विजिलेंस ने स्कूलों में पकड़ा. इसमें जरूरत से ज्यादा सेक्शन चलाने का मामला भी पकड़ में आया था. विजिलेंस ने सीबीएसइ को स्कूलों का निगेटिव रिपोर्ट सौंपी और सेक्शन कम करने का आदेश दिया. वहीं अब तक रीजनल आॅफिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. सीबीएसइ विजिलेंस ने कार्रवाई करने के लिए दो महीने का समय दिया था.
पटना : पटना के हर स्कूल को पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ना है. स्कूल प्रशासन को स्कूल संबंधित सारी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को उपलब्ध करवानी है, लेकिन पटना का कोई भी स्कूल अब तक पुलिस कंट्रोल रूम से नहीं जुड़ा है.
अगर किसी स्कूल में कोई घटना होती है, तो पुलिस को सूचना मिलने के बाद ही कोई राहत का कार्य हो पायेगा. ज्ञात हो कि 2014 में सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों को स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम और स्कूल के लोकल थाने से जुड़ने का आदेश दिया था. दो साल से अधिक हो गया, लेकिन अब तक एक भी स्कूल कंट्रोल रूम से नहीं जुड़ा है.
एसओपी में फेल है पटना का स्कूल
सीबीएसइ के अनुसार पटना में एसओपी (स्थानीय पुलिस मानक प्रचालन प्रक्रिया) बिल्कुल ही फेल है. कोई भी स्कूल एसओपी पर काम नहीं किया है. इससे हमेशा स्कूल की सुरक्षा कटघरे में होती है.
ये जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को चाहिए
पुलिस कंट्रोल रूम में तमाम स्कूलों को टेलीफाेन नंबर देना है
स्कूल के प्राचार्य के साथ शिक्षकों का मोबाइल नंबर देना है
प्रिंसिपल चैंबर समेत तमाम क्लास रूमों का लोकेशन देना है
स्कूल कैंपस में पुलिस कंट्रोल रूम और स्थानीय थाने का नंबर चिपका रहे
पुलिस की ओर से हर स्कूल में एक नोडल अधिकारी भी होगा
पुलिस की ओर से स्कूल में सुरक्षा को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया जायेगा
स्कूल के टीचर्स और स्टाफ की सुरक्षा को लेकर मॉकड्रील भी करवायी जायेगी
समय-समय पर स्कूल के प्रिंसिपल पुलिस कंट्रोल रूम से भी संपर्क करेंगे
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