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जन्म देने वाले माता-पिता को सौंपा गया मनीष

सात साल से मनीष का पालन करनेवाली मां अनीता देवी नहीं बरदाश्त कर पा रहीं उसकी जुदाई फुलवारीशरीफ : जानीपुर पुलिस ने शनिवार को सैकड़ों ग्रामीणों के बीच सात साल से गायब पुत्र अपने जन्मदाता माता-पिता के साथ घर चला गया. पुत्र को पाकर माता-पिता के चेहरे खिल उठे. पुलिस ने सोरमपुर पंचायत की मुखिया […]

सात साल से मनीष का पालन करनेवाली मां अनीता देवी नहीं बरदाश्त कर पा रहीं उसकी जुदाई
फुलवारीशरीफ : जानीपुर पुलिस ने शनिवार को सैकड़ों ग्रामीणों के बीच सात साल से गायब पुत्र अपने जन्मदाता माता-पिता के साथ घर चला गया. पुत्र को पाकर माता-पिता के चेहरे खिल उठे. पुलिस ने सोरमपुर पंचायत की मुखिया रेणु देवी और सरपंच समेत सैकड़ों ग्रामीणों के सत्यापन के बाद मनीष को सौंप दिया. पुलिस ने इसके लिए ललन राय से एक शपथ पत्र भी लिया है.
मूल रूप से जहानाहबाद जिला के काको थाना के बीबीपुर गांव निवासी किसान सुरेश प्रसाद वर्षों पूर्व चक मांझी टोला आकर अपने ससुराल में बस गये. तब से पूरा परिवार सोरमपुर में रहता है. ललन राय भी अपने पिता सुरेश प्रसाद के साथ रहते हैं. सात वर्ष पूर्व ललन राय का पुत्र मनीष उर्फ सुधीर मसौढ़ी के बाल विकास निकेतन के छात्रवास से गायब हो गया था. मसौढ़ी में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. मनीष उर्फ सुधीर शुक्रवार को जानीपुर थाना के नगावां गांव में मिला.
वहीं, जानीपुर के सोरमपुर निवासी ललन राय ने दावा किया था कि यह लड़का मेरा ही है. जब ललन का परिवार नगावां गांव के अनिल साव के घर लड़के को लाने गया, तो उन्होंने लड़का नहीं सौंपा था और तीखी नोक- झोंक भी हुई. इसके बाद यह मामला जानीपुर थाना आ गया था़ इसके बाद पुलिस ने छानबीन कर मनीष को उसके जन्मदाता पिता ललन राय और माता रिंकू देवी को सैकड़ों ग्रामीणों के बीच सौंप दिया.इधर, सात साल से मनीष का पालन-पोषण करनेवाली मां अनीता देवी उसकी जुदाई बरदाश्त नहीं कर पा रही है.
वह रोते हुए कहती है कि मनीष को अपने जान से अधिक प्यार करती हूं. उधर, मनीष को जन्म देनेवाली मां रिंकू देवी सात साल बाद उसे पाकर बेहद खुश है. वह कहती है कि इस बेटे की तलाश के लिए कितनी मन्नतें मांगी. आज भगवान ने मेरी मन्नत पूरी कर दी और भगवान की कृपा से बिछड़ा बेटा मिल गया.
इधर, मनीष अपनी जन्मदाता मां मां रिंकू देवी और पालनहार मां अनीता देवी की ममता के ज्चार में फंसा रहा.कभी जन्म देनेवाली मां के आंचल में जाता , तो कभी पालनहार मां के आंसू को देख कर उसकी गोद में जाकर सुबकने लगता और दिलासा देता कि मैं आता रहूंगा और तुम्हें छोड़ कर नहीं जाऊंगा. तुम ठीक से रहना. यह माजरा देख कर ग्रामीण भी भावुक हो गये. दोनों परिवार की दूरी महज एक किलोमीटर है .
दोनों परिवारों को दिलासा दिया कि मनीष दोनों घर आता- जाता रहेगा. थानेदार चंद्रशेखर ने बताया कि सोरमपुर पंचायत की मुखिया और सरपंच समेत सकैड़ों ग्रामीणों के बीच सत्यापान करने के बाद मनीष को जन्म देनवाले माता-पिता को सौंप दिया.

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