पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से राज्य में शराबबंदी के असर का अध्ययन कराने का आग्रह किया जिसे ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के संस्थापक ने स्वीकार कर लिया. नीतीश ने बिहार विधान परिषद की ओर से सत्यार्थी को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह में यह आग्रह किया.
प्रभाव पर अध्ययन की जरूरत-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जानते हैं कि शराबबंदी से माहौल पूरी तरह बदल गया है. शराबबंदी के बाद शराब छोड़ने वाले लोगों के जीवन में सुधार हुआ है. परंतु हमें इस पर एक तटस्थ संगठन की ओर से एक विस्तृत और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आप :सत्यार्थी: जैसे लोग इस मुद्दे पर अध्ययन कराने की पहल कर सकते हैं. सरकार खुद यह अध्ययन कराती लेकिन किसी तटस्थ व्यक्ति की ओर से अध्ययन कराना बेहतर रहेगा.
सत्यार्थी ने प्रस्ताव स्वीकार किया
सत्यार्थी ने कहा कि शराबबंदी छोटा कदम नहीं है, बल्कि एक साहसिक कदम है. इससे बाल उत्पीड़न और मजदूरी पर अंकुश लगाने में जरूर मदद मिलेगी. मैं अध्ययन कराने के सुझाव को स्वीकार करता हूं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी देर तक इस मसले पर सत्यार्थी ने बातचीत भी की. अब बिहार में शराबबंदी अभियान के प्रभाव का सत्यार्थी अपनी टीम के साथ अध्ययन करेंगे