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भाजपा सांसद छेदी की सदस्यता रद्द

हाइकोर्ट का फैसला. शपथपत्र में तीन आपराधिक मामला छिपाने का है आरोप पटना/सासाराम : पटना हाइकोर्ट ने सासाराम के भाजपा सांसद छेदी पासवान की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. जस्टिस केके मंडल के एकलपीठ ने भभुआ िसविल कोर्ट के वकील गंगा प्रसाद मिश्रा की चुनाव याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया. […]

हाइकोर्ट का फैसला. शपथपत्र में तीन आपराधिक मामला छिपाने का है आरोप
पटना/सासाराम : पटना हाइकोर्ट ने सासाराम के भाजपा सांसद छेदी पासवान की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. जस्टिस केके मंडल के एकलपीठ ने भभुआ िसविल कोर्ट के वकील गंगा प्रसाद मिश्रा की चुनाव याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया. छेदी पासवान सासाराम से 2014 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन स्पीकर और कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार को पराजित कर सदस्य निर्वाचित हुए थे.
छेदी पासवान पर लोकसभा चुनाव में नामांकन के समय दिये गये शपथपत्र में अपने खिलाफ चल रहे तीन आपराधिक मामलों की चर्चा नहीं करने का आरोप था. उनके खिलाफ मोहनिया पुलिस थाने में 168/06, 28/05 व 206/05 दर्ज हैं. कोर्ट ने छेदी पासवान के खिलाफ 2014 के लोकसभा चुनाव में सासाराम से खड़े सभी उम्मीदवारों
की गवाही करायी थी. सबों ने यह कहा था कि छेदी पासवान ने अपने शपथपत्र में तीन आपराधिक मामलों की चर्चा नहीं की थी. खुद छेदी पासवान ने भी सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था कि उन्होंने शपथपत्र में इसका जिक्र नहीं किया था. काेर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद तीन मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट का यह फैसला 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद दायर चुनाव याचिकाओं में पहला मामला है.
सासाराम से तीसरी बार चुने गये थे सांसद
छेदी पासवान तीसरी बार सासाराम से सांसद निर्वाचित हुए थे. जनता दल के टिकट पर वह वर्ष 1989 व 1991 में सांसद बने थे. पिछले लोकसभा चुनाव के ठीक पहले वह जदयू से भाजपा में शामिल हो गये थे और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को हरा कर तीसरी बार संसद पहुंचे थे. इससे पहले छेदी पासवान पहली बार 1985 में लोकदल के टिकट पर रोहतास जिले के चेनारी से विधायक चुने गये थे. 1996 में भाजपा के मुन्नीलाल से लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2000 में वह राजद के टिकट पर चेनारी से एक बार फिर विधायक बने और राबड़ी सरकार में 2000 से 2004 तक मंत्री रहे. लेकिन, 2005 में वह जदयू में चले गये और फरवरी, 2005 में विधानसभा चुनाव में मोहनिया से किस्मत आजमायी, लेकिन हार गये. लेकिन, खंडित जनादेश के बाद नवंबर, 2005 में जब फिर विधानसभा चुनाव हुआ, तो उन्होंने मोहनिया से बसपा के बाहुबली सुरेश पासी को हरा दिया. 2008 से 2010 तक वह नीतीश सरकार में मंत्री रहे. 2010 में एक बार फिर जदयू के टिकट पर मोहनिया से विधायक बने. लेकिन, 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का दामन थाम लिया.
ऊपरी अदालत में फैसले को दूंगा चुनौती : छेदी
छेदी पासवान ने कहा कि पटना हाइकोर्ट के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दूंगा. कोई मामला छिपाने की मेरी मंशा नहीं थी. वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान मैंने शपथपत्र में इसका जिक्र भी किया है. ऐसा होता, तो उस समय भी छिपा लेता. चूंकि, इन मामलों में मेरे खिलाफ आरोपपत्र भी दायर नहीं हुए व सजा भी नहीं हुई
इसलिए इसकी चर्चा नहीं की. जो मामले दर्ज हैं, वे दुर्गावती जलाशय से संबंधित हैं. 2006 में मैंने इस मुद्दे पर धरना दिया था. हम राजनीतिक लोग हैं. धरने पर बैठ कर अपराध नहीं किया है. कोर्ट का सम्मान करता हूं. लेकिन, ऊपरी अदालत में इसे चुनौती दूंगा. उन्होंने कहा िक मेरी सदस्यता रहे या जाये, मैं जनता की सेवा में संघर्ष करता रहूंगा.
इन मामलों को िछपाया
1. मोहनिया थाना कांड संख्या 168/06 : यह दुर्गावती जलाशय को लेकर धरना-प्रदर्शन कर जीटी रोड जाम करने से जुड़ा है.
2. मोहनिया थाना कांड संख्या 28/05
3. मोहनिया थाना कांड संख्या 206/05 : ये दोनों मामले चुनाव आचार संहिता से संबंधित हैं
आगे क्या : छेदी के पास अब दो िवकल्प हैं- पुनर्विचार याचिका दायर करना या ऊपरी अदालत में अपील करना
सिग्रीवाल और रामा िसंह के खिलाफ भी केस
आपराधिक रिकॉर्ड छिपा कर चुनाव जीतने के बाद पटना हाइकोर्ट में महराजगंज के भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, वैशाली के लोजपा रामा सिंह के खिलाफ भी केस हाइकोर्ट में चल रहा है. इनके केस में भी नामांकन पत्र के साथ इन मामलों की जानकारी नहीं देने को मुख्य आधार बनाया गया है.

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