पटना: पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयुष का अलग से एक भवन होगा. एम्स में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ मरीजों को परंपरागत पद्धति और योग से मरीजों का इलाज होगा. वर्तमान में दिल्ली के अलावा अलग-अलग राज्यों के छह एम्स में भी आयुर्वेद और योग से इलाज की व्यवस्था की जा रही है.
इसमें पटना एम्स को भी शामिल किया जायेगा. एम्स के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ समय से देश में योग और परंपरागत चिकित्सा पद्धति से इलाज करने की बात कही जा रही है, कुछ अस्पतालों ने इसको लागू भी कर दिया है. इसको देखते हुए पटना एम्स भी मरीजों को यह सुविधा प्रदान करने जा रहा है.
अलग से आयुष भवन : योग से होने वाले फायदे और इसके वैज्ञानिक आधार भूत संरचना को देखते हुए योग में शोध भी करने का निर्णय लिया गया है. योग शोध संस्थान के डॉक्टर भी करेंगे. एम्स के अधिकारियों ने फैसला लिया है कि इस विधि से अधिक से अधिक मरीजों को फायदा मिले इसके लिए एम्स में बन रहे नये बिल्डिंग में एक अलग से आयुष भवन होगा. जहां मरीजों को परंपरागत चिकित्सा पद्धति का लाभ मिलेगा. एम्स परिसर में आयुष का अलग से भवन तैयार किया जा रहा है. डॉक्टरों की माने तो सितंबर महीने से इसको शुरू कर दिया जायेगा.
मरीजों को परंपरागत चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 12 एम्स में योग चिकित्सा पद्धति की सुविधा देने का फैसला लिया है. इन 12 में पटना को भी शामिल किया गया है. पटना के अलावा जम्मू-कश्मीर पंजाब के भटिंडा, आंध्र प्रदेश, गुवाहाटी, नागपुर, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, यूपी के गोरखपुर और रायबरेली आदि को शामिल किया
गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
एम्स में कई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. इसको देखते हुए योग पद्धति को भी विकसित किया जाने का निर्णय लिया गया है. एम्स में बन रहे नये बिल्डिंग में इस सुविधा का मरीजों को लाभ मिलेगा.
डॉ गिरीश कुमार सिंह, डायरेक्टर, एम्स