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पटना : संतोषा अपार्टमेंट के अवैध निर्णाण को तोड़ने पहुंचे प्रशासन को लोगों ने खदेड़ा

पटना : राजधानी पटना के बंदर बगीचा इलाके में स्थित संतोषा अपार्टमेंट के अवैध तल्लों को तोड़ने में प्रशासन को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संतोषा अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए आज भारी संख्या मेंपहुंची पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद भी निगम के […]

पटना : राजधानी पटना के बंदर बगीचा इलाके में स्थित संतोषा अपार्टमेंट के अवैध तल्लों को तोड़ने में प्रशासन को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संतोषा अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए आज भारी संख्या मेंपहुंची पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद भी निगम के अधिकारियों को अपार्टमेंट में प्रवेश नहीं मिल सका है.

मालूम हो कि नगर निगम, जिला प्रशासन और पटना पुलिस की मदद से इस अपार्टमेंट के तीन तल्लों के कुल 21 फ्लैट तोड़े जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट नेदस जुलाई तक अपार्टमेंट के अवैध तल्लों को तोड़ने का निर्देश दिया है जिसके बाद से अपार्टमेंट के लोगों का विरोध लगातार जारी है. लोगों ने विरोध जताते हुए मेन गेट को बंद कर दिया है. नगर निगम अवैध निर्माण को तोड़ने की तैयारी कर रहा है. मौके पर नगर निगम के अधिकारी, पुलिस ऑफिसर और मजदूर पहुंच गये हैं.

उधर, अपार्टमेंट के लोग अपने फ्लैट बचाने की अंतिम कोशिश में लगे हैं. अपार्टमेंट के कम्पाउंड में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बड़े जुट गये हैंऔर हाथों में तख्तियां लिए महिलाएं फ्लैट नहीं तोड़ने की अपील कर रही हैं. उनका कहना है कि अगर निर्माण अवैध था तो नगर निगम उसने इतने सालों तक टैक्स क्यों लेती रही.

सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन 10 को हो रही खत्म
इससे पहले नगर निगम की टीम पूरी तैयारी के साथ शुक्रवार को बंदर बगीचा स्थित संतोषा अपार्टमेंट के अवैध निर्माण को तोड़ने पहुंची. निगम की टीम द्वारा सुबह नौ बजे से कार्रवाई शुरू की गयी. निगम को हर हाल में शनिवार तक अवैध निर्माण को तोड़ कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दे देनी है. निगम को संतोषा अपार्टमेंट के ऊपरी तीन तल्लों (सात से नौ) के 21 फ्लैटों से साथ सभी तल्लों की बालकोनी तोड़नी है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह के अनुसार निगम के पास अब अपार्टमेंट तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.इधर संतोषा अपार्टमेंट के आवंटी रमेश गुप्ता ने बताया कि हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर अपना पक्ष रखा है.
निगम ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है. संभावना है कि शुक्रवार या सोमवार को कोर्ट में हमलोगों के केस की सुनवाई हो और कोर्ट हमारा पक्ष सुने. उन्होंने बताया कि हमलोगों ने केस के अपडेट के साथ नगर आयुक्त, प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम से तोड़ने की कार्रवाई पर दो-तीन दिनों तक रोक लगाने की मांग की है.

फ्लैटधारियों ने कहा, मुआवजा नहीं मिला, निगम को अपार्टमेंट में घुसने नहीं देंगे

अपार्टमेंट के फ्लैटधारियों ने कहा कि चार माह पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. इसमें छह सप्ताह में आवंटियों को मुआवजा देना था. फिर आवंटियों को चार सप्ताह में फ्लैट खाली करने थे. इसके बाद निगम को तोड़ने की कार्रवाई शुरू करनी थी लेकिन, हमलोगों को अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला. अब जब 10 जुलाई को चार माह का समय खत्म हो रहा है, तो निगम दो दिनों में काम पूरा करना चाहता है.

रमेश गुप्ता ने कहा कि जब तक हमलोगों को मुआवजा नहीं मिल जाता और निगम हमारी सुरक्षा की गारंटी नहीं देती, तब तक संतोषा अपार्टमेंट में निगम को कोई व्यक्ति घुस नहीं सकता.

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