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ईंट भट्ठा चलाना हो, तो ले लें एनओसी, वरना लगेगा ताला

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अवैध ईंट भट्ठों को भेजा नोटिस अनुपम कुमारी पटना : अब प्रदेश भर में अवैध रूप से चल रहे ईंट भट्ठों को बंद किया जायेगा. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पर्यावरण को संतुलित करने के उद्देश्य से ईंट भट्ठों पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया है. […]

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अवैध ईंट भट्ठों को भेजा नोटिस
अनुपम कुमारी
पटना : अब प्रदेश भर में अवैध रूप से चल रहे ईंट भट्ठों को बंद किया जायेगा. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पर्यावरण को संतुलित करने के उद्देश्य से ईंट भट्ठों पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए वैसे ईंट भट्ठे जो अवैध रूप से चलाये जा रहे थे, उन्हें बंद करने के लिए नोटिस भेजा गया है. प्रदूषण नियंत्रण की ओर से पूरे प्रदेश भर में अवैध 191 ईंट भट्ठे चिह्नित किये गये हैं.
5,908 ईंट भट्ठे ही पंजीकृत : प्रदेश भर में ईंट भट्ठों की संख्या करीब 6377 है. इनमें 5908 ईंट भट्ठे ही पंजीकृत हैं, जिन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनओसी दिया गया है. वहीं 2,824 ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो पंजीकृत तो हैं, लेकिन पुरानी तकनीक से संचालित किये जा रहे हैं. इसके अलावा 3,362 ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जिन्होंने दोबारा आवेदन नहीं दिया है. इनमें से 278 ईंट भट्ठों का एनओसी नयी तकनीक से है जबकि संचालन पुरानी तकनीक से हो रहा है. वहीं 191 ईंट भट्ठे अवैध हैं. उनको ग्रुप सी और डी में बांट कर एक से डेढ़ लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जायेगा.
पांच प्रखंडों में नहीं चलेंगे ईंट भट्ठे
पटना के शहरी क्षेत्र में ईंट भट्ठों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए जिले के पांच प्रखंडों में ईंट भट्ठों को एनओसी देने पर रोक लगा दी गयी है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की अोर से पटना, दानापुर, फुलवारी, फतुहा और मनेर के कई ईंट भट्ठों के एनओसी पर रोक लगा दी गयी है. इससे इन प्रखंडों में ईंट भट्ठे नहीं चलेंगे. साथ ही पुराने तकनीक से ईंट भट्ठों का संचालन करने वाले संचालकों को 31 अगस्त तक नये तकनीक विधि से ईंट भट्ठा संचालन करने का निर्देश दिया गया है.
ऐसे हो रहा नुकसान
ईंट पकाने के लिए जब भट्ठा सुलगाया जाता है. तब उससे निकलने वाले धुएं के कारण पर्यावरण और जंगलों को काफी नुकसान पहुंचता है. इस धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन अॉक्साइड व सल्फर डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्व होते हैं जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं. साथ ही ईंट बनाने में जमीन का अवैध उत्खनन कर मिट्टी भी निकाला जाता है, इससे भी नुकसान होता है. इसमें तालाब के पानी का भी इस्तेमाल हो रहा है.
ईंट पकाने के बाद कारोबारी ईंटों को मनमाने कीमत पर बेचते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण दूषित हो रही है, बल्कि सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव एस चंद्रशेखर कहते हैं कि ईंट भट्ठों के संचालन के लिए एनओसी भट्ठा संचालकों को लेना अनिवार्य है.

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