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स्क्रूटनी में बढ़ गये 27 फीसदी स्टूडेंट्स के अंक

िबहार बोर्ड में पांच सालों में 7.11 लाख आवेदन स्क्रूटनी के लिए आये हैं. इनमें से अब तक 1.90 लाख छात्रों के रिजल्ट में स्क्रूटनी में सुधार हुआ है. कॉपी जांचने में शिक्षकों द्वारा की गयी गड़बड‍़ी का खामियाजा लाखों छात्रों को उठाना पड़ता है. सही मूल्यांकन नहीं करने के कारण स्क्रूटनी के आवेदनों की […]

िबहार बोर्ड में पांच सालों में 7.11 लाख आवेदन स्क्रूटनी के लिए आये हैं. इनमें से अब तक 1.90 लाख छात्रों के रिजल्ट में स्क्रूटनी में सुधार हुआ है. कॉपी जांचने में शिक्षकों द्वारा की गयी गड़बड‍़ी का खामियाजा लाखों छात्रों को उठाना पड़ता है. सही मूल्यांकन नहीं करने के कारण स्क्रूटनी के आवेदनों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है.

पटना : बिहार बोर्ड में इंटर की स्क्रूटनी के बाद एक चौथाई से अधिक आवेदकों (स्क्रटूनी के लिए आवेदन देनेवाले परीक्षार्थी) के प्राप्तांक बढ़ जाते हैं. अगर हम तीनों स्ट्रीम साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स की बात करें, तो पांच सालों में 7.11 लाख आवेदन स्क्रूटनी के लिए आये हैं. इनमें से अब तक 1.90 लाख छात्रों (26.72%) के रिजल्ट में स्क्रूटनी में सुधार हुआ है. यह बोर्ड के मूल्यांकन कार्य पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

शिक्षक की गलती, भुगतते हैं छात्र : बोर्ड में हर साल इंटर की स्क्रूटनी के लिए एक लाख से अधिक परीक्षार्थी अावेदन देते हैं. आवेदन के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी होती है. इसमें मार्क्स का वेरिफिकेशन होता है. स्क्रूटनी तक आने में छात्रों की परेशानी भले शिक्षकों के कारण हो, लेकिन इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है. स्क्रूटनी के लिए

एक विषय का आवेदन करने के लिए छात्र को 120 रुपये चुकाने पड़ते हैं. अगर कोई छात्र चार विषयों में

आवेदन करता है, तो उसे 480 रुपये फीस के तौर पर देने पड़ते हैं. हाल के वर्षों में स्क्रूटनी काफी बढ़ गयी है. शिक्षक के सही मूल्यांकन नहीं

करने के कारण स्क्रूटनी के आवेदनों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. शिक्षकों की गलती बोर्ड की मोटी कमाई बनती जा रही है. 2012 से 2016 तक की बात करें, तो बोर्ड को इंटर की स्क्रूटनी से 12.52 करोड़ की कमाई हो चुकी है.

रिजल्ट खराब होने के कारण फ्री की गयी थी स्क्रूटनी : बोर्ड के सामने कई बार ऐसा हुआ, जब स्क्रूटनी को फ्री किया गया. 2014 में बड़ी संख्या में इंटर साइंस, आर्ट्स

और कॉमर्स का रिजल्ट खराब हो

गया था. ऐसे में बोर्ड कार्यालय में स्क्रूूटनी का आवेदन देने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं. कई दिनों तक छात्रों ने हंगामा भी किया. इसके बाद बोर्ड ने स्क्रूटनी के आवेदन को फ्री कर दिया.

ऐसी गलतियां पकड़ायीं

70 अंक को 07 बना डाला

61 को कर दिया 16

85 की जगह 5 ही लिख, 8 लिखना भूल गये

कई उत्तरों की जांच ही नहीं की

उत्तर जांची, पर अंक जोड़ना

भूल गये

अंकों को गलत जोड़ दिया

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