पटना: पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को नगर विकास विभाग को कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने विभाग के वकील से कहा, यदि सहयोग नहीं कर सकते हैं, तो लिख कर दें, सुनवाई बंद कर देंगे. कोर्ट की नाराजगी उस रिपोर्ट को लेकर थी, जिसे खुद विभाग ने तैयार किया था.
जबकि, कोर्ट ने विशेषज्ञों की टीम से इसे तैयार कराने को कहा था. राजधानी की साफ-सफाई को लेकर दायर लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने कहा कि यदि विभाग ऐसा कहे कि उसे इन चीजों से मतलब नहीं है, तो कोर्ट सुनवाई बंद कर देगा. इसके पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर निगम के कर्मियों के बारे में विशेषज्ञ टीम से यह छानबीन कराने को कहा था कि किन पदों का वर्तमान में जरूरत है और किनकी नहीं. लेकिन, विभाग ने मंगलवार को जो रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी, उसे खुद विभाग के स्तर पर तैयार किया गया था. कोर्ट ने विभाग के वकील से कहा, आपसे इतनी उम्मीद नहीं थी. आप अपना सिरदर्द कोर्ट को दे रहे हैं. इससे दूसरे काम बंद हो जा रहे हैं. आप हलफनामा दायर कर यह कह दें कि सहयोग नहीं कर सकते, हम सुनवाई बंद कर देंगे.
19 थानेदारों ने कहा, नहीं चल रहा खटाल : डॉ अशोक कुमार सिन्हा की लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान शहर के 19 थानों के थानेदारों ने कहा कि उनके इलाके में सरकारी जमीन पर खटाल नहीं है. कुछ खटाल निजी घरों में हैं. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ के समक्ष थानेदारों ने इस आशय का हलफनामा दायर किया. हालांकि, इसकी सुनवाई मंगलवार को नहीं हो पायी. खंडपीठ ने कहा कि जब सारे हलफनामे आ जायें, तभी सुनवाई होगी. थानेदारों ने कोर्ट को इस बात का भरोसा दिलाया कि यदि उनके इलाके में सरकारी जमीन पर खटाल दिखा, तो उनके खिलाफ वह तत्काल कार्रवाई करेंगे.
याचिका खारिज : न्यायाधीश नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने 27 अक्तूबर, 2013 को गांधी मैदान में विस्फोट के दौरान मारे गये लोगों के परिजनों को डीजीपी की जेब से अनुदान दिये जाने संबंधी केएनपी सिन्हा याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया.
दूर करें जलजमाव
कोर्ट ने सुधीर कुमार राज की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी इलाके से जलजमाव दूर करने के लिए सरकार को चार सप्ताह का समय दिया. खंडपीठ ने कहा कोर्ट कहते-कहते थक गया है. विभाग ध्यान दे.
नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण गठित
नगर विकास विभाग ने राज्य में दो नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण (म्युनिसिपल बिल्ंिडग ट्रिब्यूनल) का गठन कर दिया है. दोनों ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य नियुक्त किये गये हैं. पटना नगरपालिका अधिनियम के अंतर्गत व कोर्ट के पारित आदेश के बाद विभाग ने ट्रिब्यूनल का गठन किया है. पहले न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गया को बनाया गया है. इसमें पथ निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख रामध्यान राम व भवन निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त मुख्य वास्तुविद रामजी प्रसाद को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. इसी तरह से दूसरे न्यायाधिकरण में अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाषचंद्र चौरसिया को अध्यक्ष बनाया गया है.इसके सदस्यों में वास्तुविद प्रो जितेंद्र सिंह और झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता श्याम सुंदर पाठक को सदस्य बनाया गया है. सदस्यों की नियुक्ति तीन वर्षो के लिए की गयी है. न्यायाधिकरण के लिए बन रही नियमावली न्यायाधिकरण सदस्यों पर नियुक्ति की तिथि से प्रभावी होगी.