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शंभु को पुलिस लेगी रिमांड पर, शूटर गोविंद की तलाश
पटना : एसएसपी के समक्ष सरेंडर किये कुख्यात शंभु शर्मा को पटना पुलिस रिमांड पर लेगी. शंभु ने पटना पुलिस के समक्ष इस बात का खुलासा किया था कि सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से वह टेंडर मैनेज करता था. इस संबंध में पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया जा रहा है, […]
पटना : एसएसपी के समक्ष सरेंडर किये कुख्यात शंभु शर्मा को पटना पुलिस रिमांड पर लेगी. शंभु ने पटना पुलिस के समक्ष इस बात का खुलासा किया था कि सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से वह टेंडर मैनेज करता था. इस संबंध में पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया जा रहा है, ताकि उन अधिकारियों व कर्मचारियों के नामों की जानकारी मिल सके. शंभु इन लोगों को काम के एवज में कमीशन देता था. इसकी वजह से ही सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय की हर गतिविधि की जानकारी शंभु शर्मा तक पहुंच जाती थी. नामों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस उन अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करेगी.
पटना के पांच केसों में वांछित है शंभु : शंभु शर्मा व मंटू शर्मा पटना के कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, राजीव नगर, कंकड़बाग में दर्ज रंगदारी व हत्या के पांच केसों में वांछित हैं. इन सभी मामलों में भी शंभु से पूछताछ की जायेगी, ताकि उन केसों में जल्द-से-जल्द चार्जशीट किया जा सके. अधिकतर मामले ठेकेदारों की ओर से दर्ज कराये गये थे. अधिकतर मामलों में ठेकेदारों से रंगदारी मांगने और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी से संबंधित है.
शूटर गोविंद को तलाश रही पुलिस : शंभु-मंटू तो फिलहाल जेल में हैं, लेकिन गिरोह का मुख्य शूटर गोविंद पुलिस के हाथ नहीं आया है. गोविंद मूल रूप से मुजफ्फरपुर का रहनेवाला है. शंभु-मंटू के साथ वहह भी भुटकुन शुक्ला के गिरोह में था. जब इन दोनों ने वर्ष 2000 में अपना गिरोह बनाया, तो गोविंद इस गिरोह के लिए काम करने लगा था. इसके अलावा भुटकुन शुक्ला गिरोह के कई अन्य अपराधी भी इस गिरोह से जुड़ गये थे. पुलिस के लिए उन सबों को पकड़ना जरूरी है.
सूत्रों का कहना है कि पिछली बार जब वे लोग जेल गये थे, तो गोविंद ने ही गिरोह की कमान संभाली थी. इस गिरोह में दो दर्जन से अधिक अपराधी शामिल हैं. अब दोनों के जेल जाने के बाद पुलिस मान रही है कि गोविंद अब गिरोह की कमान संभाल रहा है.
सूत्रों का कहना है कि शंभु-मंटू ने अपराध की दुनिया से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है. दोनों ने मुजफ्फरपुर, देहरादून, लखनऊ व देश के अन्य शहरों में फ्लैट व जमीन खरीद रखी है. पुलिस अब उनकी संपत्ति का ब्योरा लेगी और मनी लांडिंग एक्ट के तहत भी कार्रवाई करेगी.
उससे संपत्ति के संबंध में भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. इस एक्ट के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाती है. संभव है कि आर्थिक अपराध इकाई भी शंभु व मंटू की संपत्ति के संबंध में जांच करे. पटना पुलिस इसके लिए भी अनुशंसा कर सकती है.
शंभु-मंटू गुट के ठेकेदार ही लेते थे काम : शंभु व मंटू गुट के ही ठेकेदारों का बोलबाला सीपीडब्लयूडी में था. उनके ही ठेकेदार ही हर तरह का काम लेते थे. केवल नाम ठेकेदार का होता था और पूरा काम यह गिरोह ही करवाता था. ठेकेदार को उसकी मेहनत की राशि मिल जाती थी.
पुलिस अब उन ठेकेदारों के नामों की भी जानकारी लेगा. हालांकि दो-तीन ठेकेदारों सुनील, संजय, सतीश को पुलिस पहले ही शंभु-मंटू से सांठ-गांठ रखने के आरोप में जेल भेज चुकी है. इसके अलावा गौरतलब है कि ठेकेदारों को काम के बदले 10 फीसदी कमीशन देता था. इनमें से आठ फीसदी खुद रखता था और दो फीसदी अधिकारियों को देता था.
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