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गंगा देवी कॉलेज में लिखी शालिनी की कॉपी

मूल परीक्षा केंद्र पर अनुपस्थित थी शालिनी, सीडी से खुलासा स्क्रूटनी के बाद टॉपर बनाये जाने की थी साजिश मैथ की कॉपी साइंस में और सांइस की कॉपी मैथ में हुई इस्तेमाल विजय सिंह पटना : जीए इंटर कॉलेज में परीक्षा के दौरान करायी गयी वीडियोग्राफी का सीडी कैसेट पुलिस को मिल गया है. पुलिस […]

मूल परीक्षा केंद्र पर अनुपस्थित थी शालिनी, सीडी से खुलासा
स्क्रूटनी के बाद टॉपर बनाये जाने की थी साजिश
मैथ की कॉपी साइंस में और सांइस की कॉपी मैथ में हुई इस्तेमाल
विजय सिंह
पटना : जीए इंटर कॉलेज में परीक्षा के दौरान करायी गयी वीडियोग्राफी का सीडी कैसेट पुलिस को मिल गया है. पुलिस ने कैसेट देख भी लिया है. उसमें परीक्षा कक्ष में वह उपस्थित नहीं हुई है. यह पुलिस के पास तीसरा प्रमाण है, जिससे साफ हो चुका है कि उसे परीक्षा में शामिल नहीं कराया गया, बल्कि उसकी कॉपी अलग से गंगा देवी महाविद्यालय में लिखवायी गयी, जहां बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की पत्नी उषा सिन्हा प्राचार्य थीं.
उसे स्क्रूटनी के बाद टॉपर बनाने की तैयारी थी. दरअसल एसआइटी ने
वैशाली के डीइओ से जीए कॉलेज में परीक्षा के दौरान करायी गयी वीडियोग्राफी का सीडी कैसेट तलब किया था. पहले तो यह कहा गया था कि परीक्षा के दौरान बवाल हुआ था और वीडियो कैमरे को ही तोड़ दिया गया था. लेकिन रेकाॅर्डिंग के कुछ अंश पुलिस के हाथ लगे है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कैसेट को देख लिया गया है. उसमें शालिनी राय अनुपस्थित है. यहां बता दें कि यह पुलिस के पास तीसरा सबसे बड़ा प्रमाण है. इसके पहले क्रॉस लिस्ट और परीक्षा केंद्र के उपस्थित रजिस्टर में शालिनी वाला कॉलम रिक्त मिल चुका है. इससे साफ है कि वह परीक्षा देने नहीं गयी थी और उसकी कॉपियां गंगा देवी में लिखवायी गयी थीं.
टाॅपर की कॉपियों से छेड़छाड़ की गयी थी, इसका भी बड़ा प्रमाण पुलिस के हाथ लगे हैं. पुलिस का कहना है कि मैथ की कॉपी 30 पेज की होती है. परीक्षार्थी को कॉपी की बायीं तरफ रफ करना होता है और दाहिनी तरफ फेयर. इसलिए पेज की संख्या अधिक रखी जाती है.
वहीं, साइंस की कॉपी 20 पेज की होती है, लेकिन टाॅपर की जो कॉपियां पुलिस के हाथ लगी हैं, उनमें यह प्रमाणित हुआ है कि मैथ की कॉपी का इस्तेमाल साइंस के लिए और साइंस के कॉपी का इस्तेमाल मैथ के लिए हुआ है.
कॉपी पर हस्ताक्षर भी अलग वीक्षक का : पुलिस ने टॉपर की कॉपी में एक और अंतर पाया है. वीक्षक के हस्ताक्षर अलग-अलग मिले हैं. परीक्षा केंद्र में परीक्षा के दौरान जिस वीक्षक ने तीनों टॉपर की काॅपियों पर अपने हस्ताक्षर किये थे, उनके हस्ताक्षर बोर्ड से मिली टाॅपर की कॉपियों में नहीं हैं. कॉपियों पर दूसरे के हस्ताक्षर हैं. पुलिस इसे टॉपर्स घोटाले का बड़ा प्रमाण मान रही है.

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