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सात जिलों में बनेंगे आठ छात्रावास भवन

सचिव ने 30 दिनों में भूमि उपलब्धता का मांगा डिटेल, तीन एकड़ से कम में नहीं बनेगा कोई छात्रावास-भवन पटना :खपड़ैल व कच्चे किराये के मकान में अब नहीं होंगे कोई छात्रावास अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग छात्रावास-भवन का संकट झेल रहे सात जिलों को नया भवन उपलब्ध करायेगा. विभाग ने सभी छात्रावास-भवनों का निर्माण कम-से-कम […]

सचिव ने 30 दिनों में भूमि उपलब्धता का मांगा डिटेल, तीन एकड़ से कम में नहीं बनेगा कोई छात्रावास-भवन
पटना :खपड़ैल व कच्चे किराये के मकान में अब नहीं होंगे कोई छात्रावास अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग छात्रावास-भवन का संकट झेल रहे सात जिलों को नया भवन उपलब्ध करायेगा. विभाग ने सभी छात्रावास-भवनों का निर्माण कम-से-कम तीन एकड़ में कराने का मानक तय किया है.
अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा ने सातों जिलों के कल्याण पदाधिकारियों को एक माह में तीन-तीन एकड़ के प्लाट का डिटेल मुख्यालय भेजने को कहा है, ताकि अगस्त-सितंबर से छात्रावास- भवनों का निर्माण कराया जा सके. सात जिलों में अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास-भवन निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2013-14 में ही विभाग ने दे दी थी, किंतु भूमि के संकट के कारण भवन-निर्माण की योजना फाइलों तक ही सिमट कर रह गयी. सातों जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रावास किराये के मकान में चल रहे हैं. कोई खपड़ैल के मकान में चल रहा, तो कोई अत्यंत जर्जर मकान में. आठों छात्रावासों के किराया मद में हर माह विभाग 1.80 लाख रुपये का भुगतान भी कर रहा है.
गया के आमस और मुजफ्फरपुर के मुरौल और बोचहा के छात्रावासों में वहां रह रहे स्टूडेंट शौचालय-स्नानागार और संकरे कमरों का संकट हर दिन झेल रहे हैं. एक-एक कमरे में तीन-तीन छात्र किसी तरह ठूंस-ठूंस कर रह रहे हैं. तीनों छात्रावासों में दो-दो शौचालय और बाथरूम ही हैं, जिसके इस्तेमाल के लिए आये दिन छात्रों को लाइन लगानी पड़ती है. सातों जिलों के आनुसूचित जाति-जन जाति के छात्रों ने अप्रैल में विभागीय मंत्री व सचिव को बेहतर छात्रावास-भवन उपलब्ध कराने काे ज्ञापन दिया था.
छात्रों की डिमांड के बाद विभाग हरकत में आया है. जिला कल्याण पदाधिकारियों ने यदि सभी जिलों में तीन-तीन एकड़ भूमि मुहैय्या करा दी, तो वहां वेल फर्निसड छात्रावास भवनों का निर्माण होगा. विभाग ने सभी छात्रावास-भवनों में कॉमन रूम, डायनिंग रूम, रिसेप्शन हॉल और लाइब्रेरी हॉल के अलावा पर्याप्त संख्या में शौचालय व स्नानागार आदि बनवाने प्रस्ताव तैयार किया है. फिलहाल सातों जिलों के किराये के छात्रावासों में 412 से आधिक छात्र रह रहे हैं.

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