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चार गुनी अधिक जहरीली है पटना जंकशन की हवा

पटना : शहर में पटना जंकशन की हवा सामान्य से चार गुणा अधिक जहरीली है. सामान्य हवा में पार्टिकुलेट मैटर 10 (पीएम 10) की संख्या 100 मानी जाती है. लेकिन एक सर्वे में पटना जंकशन पर इसे 450 पाया गया है. ठीक यही स्थिति पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) को लेकर भी है. सामान्य हवा […]

पटना : शहर में पटना जंकशन की हवा सामान्य से चार गुणा अधिक जहरीली है. सामान्य हवा में पार्टिकुलेट मैटर 10 (पीएम 10) की संख्या 100 मानी जाती है. लेकिन एक सर्वे में पटना जंकशन पर इसे 450 पाया गया है. ठीक यही स्थिति पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) को लेकर भी है.
सामान्य हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 50 के आस-पास होती है, लेकिन जंकशन के आस-पास इसकी मात्रा भी 450 के आस पास पायी गयी है.
यह सर्वे सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने जारी किया है. बुधवार को संस्था ने पटना में गहराते वायु प्रदूषण से संबंधित एक नयी रिपोर्ट एंबियट एयर क्वालिटी एनालिसिस रिलीज की. यह रिपोर्ट एंबियट एयर क्वालिटी से संबंधित ताजा आंकड़े पेश कर रही है.
पांच स्थलों पर कराया सर्वे : सीड ने 16 से 31 मई तक की पंद्रह दिनों की अवधि में पांच स्थलों पर वायु गुणवत्ता की जांच की. इसके लिए दानापुर, फुलवारी शरीफ, पटना जंकशन, एनआइटी गांधी मैदान और पटना सिटी में मशीन लगायी गयी थी. मॉनीटरिंग स्टेशनों से प्राप्त आंकड़ों में पटना जंकशन की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित जबकि फुलवारी की हवा सबसे कम प्रदूषित पायी गयी. फुलवारी में प्रदूषित कण का पीएम 2.5 का आंकड़ा स्टैंडर्ड के आस-पास ही पाया गया.
दोपहर में होता है सर्वाधिक प्रदूषण : समीक्षा में बताया गया कि दोपहर में प्रदूषण का लेवल अपने उच्चतम स्तर पर होता है जबकि देर रात सबसे कम प्रदूषण रहता है.
रोकने को उठायें तत्काल कदम : पटना के आस-पास वायु प्रदूषण के बेहद खतरनाक स्तर को देखते हुए सीड संस्था ने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है. संस्था के सीइओ रमापति कुमार ने बताया कि महानगर में वायु प्रदूषण का इतना ऊंचा स्तर वाकई चिंताजनक है.
बिहार सरकार को इसे खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए. प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति ने बताया कि पटना में मोटर वाहनों से पैदा प्रदूषण, जैव ईंधन दहन, बिजली उत्पादन के लिए डीजल का बेतहाशा इस्तेमाल, निर्बाध बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन जैसी गतिविधियां और धूल प्रदूषण में वृद्धि इसके मूल कारण हैं. इस पर कंट्राेल करना बेहद जरूरी है.पटना जंकशन के आस पास चल रहे निर्माण कार्यों, प्रदूषित वाहन व लोगों की आवाजाही अधिक होने की वजह से भी प्रदूषित कणों की संख्या बढ़ी है

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