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15 कल्याण अफसरों के निगरानी मामले लंबित
पटना : नुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग निगरानी मामलों के निष्पादन में अत्यंत सुस्त चल रहा है. जिला और प्रखंड कल्याण पदाधिकारियों की निगरानी के 15 मामलों का छह माह से कोई निबटारा नहीं हुआ है. 15 मामलों की फाइलें राजपत्रित निगरानी विभाग में धूल फांक रही हैं. निगरानी मामलों के लंबित रहने पर विभाग के […]
पटना : नुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग निगरानी मामलों के निष्पादन में अत्यंत सुस्त चल रहा है. जिला और प्रखंड कल्याण पदाधिकारियों की निगरानी के 15 मामलों का छह माह से कोई निबटारा नहीं हुआ है. 15 मामलों की फाइलें राजपत्रित निगरानी विभाग में धूल फांक रही हैं. निगरानी मामलों के लंबित रहने पर विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा ने नाराजगी जतायी है और निगरानी सेल को जल्द-से-जल्द मामलों का निष्पादन करने का निर्देश दिया है.
निगरानी संबंधी मामलों के लंबे समय से लटके रहने का खुलासा विभाग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में हुआ. मोतिहारी, नवादा और बेगूसराय के जिला कल्याण पदाधिकारियों की निगरानी जांच का मामलापिछले छह माह से पेंडिंग है. तीनों मामलों को को जल्द-से-जल्द निबटाने की विशेष जिम्मेवारी विभाग के सचिव ने दी है.
इसके लिए उन्होंने तिरहुत प्रमंडल के उप निदेशक कल्याण आनंद कुमार और दिनेश कुमार पांडेय, उप निदेशक कल्याण, पटना को सौंपी है. उन्हें जल्द-से-जल्द जांच प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. यही नहीं, 18 जनवरी को रंगे हाथों घूस लेते पकड़े गये बेगूसराय के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी रमेश चंद्र प्रसाद की रिपोर्ट भी मुख्यालय को नहीं भेजी गयी है.
घूस लेने के आरोप में उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है, किंतु कोई रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं भेजी गयी है. मुंगेर के प्रमंडलीय उप निदेशक कल्याण को इसकी जिम्मेवारी दी गयी थी. विभाग के सचिव न उन्हें 15 दिनों का अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा है. इन तीनों बहुचर्चित मामलों के अलावा निगरानी के अन्य 12 मामलों की रिपोर्ट भी उन्होंने एक पखवारे के अंदर समर्पित करने का निर्देश अधिकारियों को दिये हैं.
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