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वैकल्पिक व्यवस्था से निकाला जायेगा पानी
पटना : राजधानी में दर्जनों क्षेत्र हैं, जो निचले इलाके में शामिल हैं. इन इलाकों में नाले का समुचित कनेक्शन नहीं होने व चैंबर ध्वस्त होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती है. इससे जलजमाव की समस्या हो जाती है, जो बारिश खत्म होने के कई दिनों तक बनी रहती है. इसको लेकर नगर […]
पटना : राजधानी में दर्जनों क्षेत्र हैं, जो निचले इलाके में शामिल हैं. इन इलाकों में नाले का समुचित कनेक्शन नहीं होने व चैंबर ध्वस्त होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती है. इससे जलजमाव की समस्या हो जाती है, जो बारिश खत्म होने के कई दिनों तक बनी रहती है.
इसको लेकर नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने अंचल के निचले इलाके चिह्नित करें और इन इलाकों में जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कर लें, ताकि मॉनसून के दौरान कोई परेशानी नहीं हाे.
डीजल पंप की व्यवस्था : सबसे अधिक जलजमाव की समस्या बांकीपुर, कंकड़बाग और नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र में है. इन अंचलों में दर्जन भर से अधिक मोहल्ला व इलाके हैं, जहां बारिश के मौसम में जलजमाव की समस्या होती है.
इसको लेकर नगर आयुक्त ने अंचल स्तर पर डीजल पंप व जेट सेक्शन मशीन को दुरुस्त रखने का आदेश दिया है. नगर निगम के तीन अंचलों में 35 डीजल पंप हैं. इसमें नूतन राजधानी अंचल में 12, कंकड़बाग में 15 और बांकीपुर अंचल में आठ डीजल पंप हैं. साथ ही इन अंचलों में एक-एक जेट सेक्शन मशीन भी है. इसके माध्यम से आपात स्थिति में जल निकासी की जायेगी.
ये हैं निचले इलाके : राजेंद्र नगर, कदमकुआं, बाकरगंज, साहित्य सम्मेलन के पीछे, नवल किशोर रोड, जनत नारायण रोड, पुराना अरविंद महिला कॉलेज रोड, बिड़ला मंदिर रोड, ठाकुरबाड़ी रोड, दरियापुर, डिफेंस कॉलोनी, पीसी कॉलोनी, संजय गांधी नगर, विजय नगर, रामलखन पथ, इंदिरा नगर, चांदमारी रोड, मीठापुर बस स्टैंड, चांगर, बिग्रहपुर, गर्दनीबाग, मीठापुर बी-एरिया, दशरथा, चांदपुर बेला, बसावन पार्क, जंकशन गोलबंर, जमाल रोड, लालजी टोला आदि.
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