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24 घंटे में बताएं सबसे प्रदूषित शहर का नाम, नहीं तो वारंट

नयी दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सात राज्यों से पूछा है कि उनके राज्य का सबसे प्रदूषित शहर कौन है. साथ ही कहा है कि सभी राज्यों के वकील अगर मंगलवार तक यह नहीं बता पाये कि उनके राज्य का कौन-सा शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित है, तो संबंधित राज्य के मुख्य सचिव के […]

नयी दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सात राज्यों से पूछा है कि उनके राज्य का सबसे प्रदूषित शहर कौन है. साथ ही कहा है कि सभी राज्यों के वकील अगर मंगलवार तक यह नहीं बता पाये कि उनके राज्य का कौन-सा शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित है, तो संबंधित राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ वारंट जारी कर दिया जायेगा. ये राज्य हैं – महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल.
एनजीटी ने प्रदूषण पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाने और बड़े शहरों में ज्यादा वाहन पर रोक नहीं लगाने के लिए सोमवार को इन सात राज्य सरकारों को लताड़ लगायी और उन्हें निर्देश दिया कि मंगलवार तक सूचना पेश करें. न्यायाधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को भी जनसंख्या और देश के बड़े शहरों में वाहनों की संख्या पर ‘आधे-अधूरे’ आंकड़े मुहैया कराने के लिए लताड़ लगायी.
एनजीटी ने सात राज्यों के 11 शहरों में बढ़ते प्रदूषण के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कड़ा निर्देश जारी किया. सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (सीपीसीबी) ने 11 शहरों के वायु प्रदूषण का आंकड़ा एनजीटी को सौंपा. सीपीसीबी की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि अधिकतर शहरों में हवा की गुणवत्ता अनुमन्य मानक से परे है. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने वायु प्रदूषण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह किस तरह की रिपोर्ट है? आपने आधा-अधूरा आंकड़ा दिया है.
हमने आपसे वाहनों की संख्या के बारे में पूछा था. कितने पेट्रोल और डीजल वाहन हैं? आपकी रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई की आबादी 11 लाख है. यह अव्वल दर्जे का मजाक है. उन्होंने कहा कि आपकी रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में हर किलोमीटर पर 245 वाहन हैं. राजधानी में हर किलोमीटर पर हजारों वाहन हैं, यह किस तरह की रिपोर्ट है. आज आप सड़क पर 1960 की फिएट कार भी देख सकते हैं. दिल्ली के लोगों के पास अब भी मारुति 800 है. भारी उद्योग मंत्रालय ने 11 बड़े शहरों में डीजल गाड़ियों को बैन नहीं किये जाने के लिए एनजीटी में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी.
इसी पर एनजीटी ने सुनवाई की. याचिका में भारी उद्योग मंत्रालय ने 11 शहरों में नयी डीजल गाड़ियों पर बैन नहीं लगाने की गुहार की है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि अगर एनजीटी ने ऐसा किया, तो न सिर्फ इंडस्ट्रीज को नुकसान होगा, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों से रोजगार भी छिन जायेगा. अदालत इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गयी, लेकिन उसने संबंधित राज्यों से वायु प्रदूषण से संबंधित जानकारी मांगी है. एनजीटी ने जनवरी माह में भी संबंधित सरकारों को प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था.
बैन लगा, तो रोजगार छिनेगा : केंद्र
सूत्रों के मुताबिक, एनजीटी के समक्ष सरकार ने दलील दी है कि 11 शहरों में नयी डीजल गाड़ियां बैन न हों और एनजीटी अपने फैसले पर फिर से विचार करे. भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से कहा गया कि प्रदूषण बढ़ने की कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं है. डीजल गाड़ियों पर बैन लग जाने से ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़े तीन करोड़ लोगों का रोजगार सीधे तौर पर प्रभावित होगा. मालूम हो कि फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में डीजल गाड़ियां बैन हैं.
पटना समेत 11 शहरों में एनजीटी चाहता है बैन
एनजीटी मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे मेट्रो सहित 11 शहरों में डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने पर विचार कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद दिसंबर से 2000 सीसी से ज्यादी की डीजल इंजन वाली गाड़ियों के दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र में रजिस्ट्रेशन पर बैन है. कुछ दिन पहले एनजीटी ने केरल के कुछ शहरों में इसी तरह का बैन लगाया था, लेकिन उस आदेश पर राज्य के हाइकोर्ट ने स्थगन आदेश दे दिया. एनजीटी मंगलवार को इस पर सुनवाई के बाद फैसला देगा.
पटना दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के प्रदूषित शहरों की सूची जारी की थी, जिसमें पटना को छठे स्थान पर रखा गया था. सूची के अनुसार दुनिया के 10 प्रदूषित शहरों में भारत के पांच शहर हैं, जिसमें ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर शामिल हैं. हालांकि बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि विश्‍व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2012-13 की रिपोर्ट जारी की है. पटना में वायु प्रदूषण में बहुत सुधार हुआ है.
एनजीटी ने पटना समेत 11 शहरों का आंकड़ा मांगा
देश के 11 बड़े शहरों में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को आदेश दिया है कि वह 11 बड़े शहरों के एयर क्वालिटी का डाटा एनजीटी को 31 मई तक दे. जिन शहरों का डाटा मांगा गया है, उसमें लखनऊ, पटना, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कानपुर, जालंधर, वाराणसी, अमृतसर शामिल हैं.

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