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जुलाई में परीक्षा, कितना स्मार्ट हमारा निगम

स्मार्ट सिटी. पिछली बार पटना को 150 में मिले थे 35 अंक, इस बार 80 से अधिक अंक लाने का दावा स्मार्ट सिटी बनने की पिछली परीक्षा में फेल होने के बाद अब पटना नगर निगम इसमें सफल होने के लिए नयी रणनीित पर काम कर रहा है. उम्मीद है कि इस बार तैयारी मुकम्मल […]

स्मार्ट सिटी. पिछली बार पटना को 150 में मिले थे 35 अंक, इस बार 80 से अधिक अंक लाने का दावा
स्मार्ट सिटी बनने की पिछली परीक्षा में फेल होने के बाद अब पटना नगर निगम इसमें सफल होने के लिए नयी रणनीित पर काम कर रहा है. उम्मीद है कि इस बार तैयारी मुकम्मल होगी.
पटना : नगर निगम के खराब प्रदर्शन के कारण पटना पिछली बार स्मार्ट सिटी की रेस में पिछड़ गया था. इसकी भरपाई के लिए एक मौका और मिला है. बिहार से भागलपुर के चयन के बाद पटना नगर निगम ने जुलाई में होने वाली परीक्षा में ठोस दावेदारी पेश करने का फैसला किया है.
इसके लिए नागरिक सुविधा व ऑनलाइन शिकायत प्रणाली को मजबूत करने और राजस्व बढ़ाने की कवायद के साथ ही कई कमियों को दूर किया जा रहा है. निगम को उम्मीद है कि केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लिए तय किये गये मानकों पर वह खरा उतरेगा और इस बार उसे 150 में 80 से अधिक आयेंगे. पिछली बार केवल 35 अंक ही मिले थे.
ये हैं 15 मानक
शौचायलय निर्माण, ऑन लाइन शिकायत निवारण, न्यूज लेटर, निर्वाचन प्रतिनिधियों के संकल्प, वार्ड सभा की प्रोसिडिंग, संस्थागत प्रणाली व क्षमता, तीन वर्षों की राजस्व वसूली की स्थिति, वेतन का भुगतान, लेखाओं की लेखा परीक्षा, राजस्व प्राप्ति में किसका कितना अंश, जलापूर्ति व्यवस्थता, एक वित्तीय वर्ष की उपयोगिता प्रमाण पत्र, नुरूम सुधार और वर्ष 2012 में नुरूम की स्वीकृत योजना आदि है.
बड़े स्तर पर सुधार का दावा
निगम प्रशासन केंद्र सरकार के मानकों के हिसाब से सुधार का दावा कर रहा है. निगम का कहना है कि ऑन लाइन शिकायत निवारण को लेकर व्हाट्स एप लांच करने के साथ-साथ निगम वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.
इसके साथ ही निगम प्रशासन ने इन हाउस पत्रिका भी अपनी वेबसाइट पर जारी की है. इसमें पूरा की जा चुकी योजनाओं और भावी योजनाओं की जानकारी दी गयी है. इसके अलावा शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ राजस्व बढ़ाने और जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने पर भी जोर दिया गया है. निगम का दावा है कि इन मानकों पर उसे 10-10 अंक मिलेंगे.
पिछली बार कई स्तर पर पिछड़ गये थे, लेकिन इसके बाद काफी सुधार किया गया है. शौचालय निर्माण, शिकायत निवारण प्रक्रिया, राजस्व वसूली में बढ़ोतरी, उपयोगिता प्रमाण पत्र, इ-पत्रिका आदि पहलुओं पर काम किया गया है. इस बार निगम को 80 से अधिक अंक प्राप्त होने की संभावना है.
शीर्षत कपिल अशोक, नगर आयुक्त, नगर निगम
पटना:अभी तय करनी होगी लंबी दूरी
राजधानी पटना स्मार्ट सिटी की होड़ में शामिल होने से कोसों दूर है. पटनावासी मूलभूत सुविधाओं के लिए ही तरस रहे हैं. यहां न तो शुद्ध पेयजल मिल रहा है और न ही शहर से नियमित कचरे का उठाव हो रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करना बड़ी चुनौती होगी. वर्षों से सुन रहे हैं कि कचरा उठाव के लिए एजेंसी का चयन होगा और कचरा रीसाइक्लिंग प्लांट लगाया जायेगा.
आज तक ये कार्य पूरे नहीं हुए. स्मार्ट सिटी के लिए बेहतर सड़क, शहर में पार्किंग व्यवस्था, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा, यूरिनल व शौचालय, ड्रेनेज व सीवरेज, लाइब्रेरी और वाटर सप्लाइ मूलभूत आवश्यकता है. इन सभी मोरचों पर पटना पीछे है. हल्की बारिश होती है, तो शहर जलजमाव की समस्या से परेशान हो जाता है. शहर में एक भी सार्वजनिक यूरिनल नहीं है.
स्थिति यह है कि लोग सड़क किनारे पेशाब व शौच करते दिखते हैं. शहर की बेसिक जरूरतों को पूरा करके ही स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल हुआ जा सकता है. वर्तमान में ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
जेके लाल, पूर्व टाउन प्लानर

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