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सूबे के गन्ना किसानों को मिलेगा अतिरिक्त अनुदान

पटना : गन्ना उद्योग विभाग अधिक-से-अधिक मिठास वाले ईख उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चयनित प्रभेद के बीज उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 135 और 175 रुपये का अनुदान देगा. सामान्य वर्ग के किसानों को 135, जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 175 रुपये चयनित प्रभेद के बीज पर प्रति क्विंटल अनुदान […]

पटना : गन्ना उद्योग विभाग अधिक-से-अधिक मिठास वाले ईख उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चयनित प्रभेद के बीज उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 135 और 175 रुपये का अनुदान देगा. सामान्य वर्ग के किसानों को 135, जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 175 रुपये चयनित प्रभेद के बीज पर प्रति क्विंटल अनुदान मिलेगा. चयनित प्रभेद का बीज उत्पादन करने वाले गन्ना किसानों को अनुदान चीनी मिलों की अनुशंसा पर ही मिलेगा. गन्ना उद्योग विभाग ने बीज अनुदान की अनुशंसा की प्रक्रिया तय कर दी है. इस बार यदि मौसम अनुकूल रहा, तो गन्ना उत्पादन तो बढ़ेगा ही, किसानों को बेहतर बीज अनुदान भी मिलेगा.
सरकार ने बिहार में गन्ना और चीनी उत्पादन बढ़ाने के लिए चयनित प्रभेदों के बीज के निबंधन और प्रमाणीकरण व्यवस्था का भी समाप्त करने के निर्णय लिया है. गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद अहमद ने चीनी मिल प्रबंधकों व किसानों की बैठक में इसके संकेत दिये हैं, हालांकि बीज निबंधन और प्रमाणीकरण व्यवस्था से किसानों को मुक्त करने के लिए गन्ना उद्योग विभाग को लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. बीज के निबंधन और प्रमाणीकरण का मामला केंद्र के अधीन है. किसानों को इससे मुक्ति दिलाने के लिए गन्ना उद्योग विभाग को केंद्र से तालमेल बैठाना होगा.
फिलहाल गन्ना उद्योग विभाग गन्ना बीज प्रमाणीकरण प्रक्रिया के सरलीकरण का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. जून-जुलाई में विभाग सरलीकरण का प्रस्ताव केंद्र को भेजेगा, यदि केंद्र प्रस्ताव को हरी-झंडी दे देता है, तो चयनित प्रभेद के बीज उत्पादक किसानों और गन्ना उद्योग विभाग को बड़ी सफलता मिलेगी. केंद्र यदि सहमत होता है, तो बीज प्रमाणीकरण के साथ-साथ फसल-बीमा आदि की दुरुह प्रक्रिया से भी चीनी मिलों व गन्ना किसानों को राहत मिलेगी.
प्रति एकड़ में बिहार में चयनित प्रभेद के गन्ना बीज 20 क्विंटल, जबकि परंपरागत बीज प्रति एकड़ में 21 क्विंटल लगते हैं. परंपरागत बीजों से अत्यंत मिठास वाले गन्ना का उत्पादन नहीं होता है, जबकि चयनित प्रभेद के बीज से बड़े पैमाने पर अत्यंत मिठास वाले गन्ना का उत्पादन होता है. पिछले तीन-चार वर्षों में चयनित प्रभेद के गन्ना बीज के रिजल्ट से चीनी मिलें और किसान भी खासे उत्साहित हैं.
बिहार में जिन 14 चयनित प्रभेदों के गन्ना बीजों का होता है प्रयोग
9301 नंबर का बीज( पूसा एग्रीकल्चर द्वारा प्रमाणित)
238 नंबर का बीज (कोयंबटूर का बीज)
111 नंबर का बीज (बिहार का परंपरागत बीज)
239 नंबर का बीज ( बिहार का श्रेष्ठ बीज)
98014 नंबर का बीज (पूसा का बीज)
118 नंबर का बीज (महाराष्ट्र का बीज)
238 नंबर का बीज ( यूपी का बीज)
232 नंबर का बीज ( झारखंड का बीज)
9301 नंबर का बीज (पूसा का बीज)
94184 नंबर का बीज (बिहार का बीज)
8432 नंबर का बीज ( मध्य प्रदेश का बीज)
8436 नंबर का बीज ( मध्य प्रदेश का बीज)
2061 नंबर का बीज ( पूसा का बीज)
767 नंबर का बीज (बिहार का बीज)
139 नंबर का बीज (बिहार का बीज)
141 नंबर का बीज (बिहार का बीज)
38 जिलों में गन्ना उत्पादन
38 जिलों में 3,14,987 लाख हेक्टेयर में होती है गन्ने की खेती
2,11,17,423.45 टन होता है सालाना गन्ने का उत्पादन

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