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दावा : 90 फीसदी तक नाला उड़ाही का काम पूरा हकीकत : कहीं काम शुरू भी नहीं, कहीं अधूरा
सुस्त रफ्तार. सही तसवीर पेश नहीं कर रहा निगम, हो सकती है जलजमाव की समस्या मंदिरी नाले में दो दिन पहले ही शुरू हुआ है काम, अन्य नालों की स्थिति भी नारकीय है पटना : मॉनसून के दौरान निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या नहीं हो, इसको लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह से चारों अंचल […]
सुस्त रफ्तार. सही तसवीर पेश नहीं कर रहा निगम, हो सकती है जलजमाव की समस्या
मंदिरी नाले में दो दिन पहले ही शुरू हुआ है काम, अन्य नालों की स्थिति भी नारकीय है
पटना : मॉनसून के दौरान निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या नहीं हो, इसको लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह से चारों अंचल में नाला उड़ाही का काम हो रहा है. निगम प्रशासन दावा कर रहा है कि पिछले डेढ़ माह में नाला उड़ाही का काम 80 से 90 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है. लेकिन, हकीकत इससे अलग है. स्थिति यह है कि मंदिरी नाले में दो दिन पहले ही कार्य शुरू किया गया है, वहीं, न्यू बाइपास नाला की उड़ाही का कार्य आधा-अधूरा ही है. अंचल कार्यालय ने जिन नालों की 70 से सौ फीसदी उड़ाही की रिपोर्ट दी, उनकी स्थिति भी नारकीय है. उन नालों में पानी का बहाव अवरुद्ध है. मॉनसून के दौरान और भी भयावह स्थिति बनने की संभावना है.
सिल्ट से भरा है मंदिरी नाला : मंदिरी नाला तारामंडल से शुरू होता है और बांस घाट तक जाता है. इन नाले की लंबाई 5500 फुट है. इस नाले से वार्ड नंबर 21, 24, 25 और 26 के पानी की निकासी होती है. पूरा नाला सिल्ट से भरा है. इसके साथ ही नाले के ऊपर पॉलीथिन तैरते देखे जा सकते हैं.
मॉनसून आगमन में सिर्फ 15 दिन शेष हैं, लेकिन नाले की उड़ाही कुछ दिन पहले शुरू की गया है. यही स्थिति रही, तो किदवईपुरी, पीएनटी कॉलोनी, कृष्णा नगर, कमला नेहरू नगर, बुद्धा कॉलोनी और मंदिरी आदि इलाकों के पानी की निकासी रुक जायेगी और इन मोहल्लों में जलजमाव की समस्या होगी. हालांकि, एनसीसी के सिटी मैनेजर अरविंद कुमार ने बताया कि अंचल क्षेत्र के मंदिरी नाले को छोड़ अब तक उड़ाही का काम 90 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. मंदिरी नाले की उड़ाही भी भी मॉनसून से पहले कर ली जायेगी.
महत्वपूर्ण नालों की अब तक आधी-अधूरी उड़ाही : निगम क्षेत्र के तहत अनीसाबाद से बेऊर मोड़ और बेऊर मोड़ से सिपारा बाइपास नाला, मीठापुर मोड़ से जीरो माइल कच्चा नाला, बाकरगंज नाला, सैदपुर नाला, सर्पेंटाइन नाला, कुर्जी नाला, पटेल नगर नाला, आनंदपुरी नाला आदि आते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इन सभी नालाें की उड़ाही कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र के सर्पेंटाइन नाले की लंबाई 18.5 हजार फुट है. इस नाले की शत प्रतिशत उड़ाही का दावा है. हालांकि, हकीकत यह है कि विधायक आवास के पीछे और कमला नेहरू नगर और अदालतगंज के समीप स्थिति नारकीय है. इस नाले में भी पानी का बहाव अवरुद्ध है. वहीं, कंकड़बाग अंचल के न्यू बाइपास नाले से 30 हजार की आबादी प्रभावित है. इसकी भी आधी उड़ाही ही हुई है.
बांकीपुर और पटना सिटी अंचल क्षेत्र से सैदपुर नाला गुजरता है. बांकीपुर अंचल क्षेत्र में इसकी लंबाई 5280 फुट और पटना सिटी अंचल में 15 हजार फुट है. इन दोनों अंचलों ने अपने-अपने हिस्से में शत प्रतिशत उड़ाही कार्य पूरा कर लिया है. लेकिन, मुसल्लहपुर के समीप, शनिदरा, गायघाट के समीप बहाव अवरुद्ध हो रहा है. इसके साथ ही शनिचरा पुल भी निर्माणाधीन है, जो समुचित पानी बहाव में रुकावट खड़ी कर रहा है. इतना ही नहीं, गायघाट के समीप नाले की चौड़ाई कम कर सड़क निर्माण कराया गया है. मॉनसून के दौरान अवरुद्ध रहा, तो राजेंद्र नगर, स्टेडियम, बाजार समिति, कदमकुआं आदि इलाकों में फिर से जलजमाव की समस्या बन सकती है.
10 सालों से नहीं हुई है भूगर्भ नाले की उड़ाही
बांकीपुर अंचल क्षेत्र में बड़ा भूगर्भ नाला है. यह सीडीए बिल्डिंग से शुरू होता है और कदमकुअां मुख्य सड़क, साहित्य सम्मेलन और नाला रोड होते हुए सैदुपर संप तक पहुंचता है.
इन नाले की उड़ाही पिछले 10 वर्षों से नहीं की जा रही है. इन बार डीसिल्टिंग मशीन से इस नाले की उड़ाही कराने की योजना बनायी गयी. इसको लेकर ट्रायल भी किया गया. लेकिन, मशीन का किराया काफी महंगा था. इस वजह से मशीन भाड़े पर नहीं लेकर इसे खरीदने की योजना बनायी गयी. हालांकि, योजना अब तक फाइल में ही दबी है. इस नाले की उड़ाही नहीं होने से लालजी टोला, बुद्ध मूर्ति, नवल किशोर लेन, साहित्य सम्मेलन के पीछे, पुराना अरविंद महिला कॉलेज और कदमकुआं आदि इलाकों में जलजमाव की समस्या बन सकती है.
निगम क्षेत्र के बड़े नाले
सैदपुर, शिवम, योगीपुर, बाकरगंज, सर्पेंटाइन, कुर्जी, आनंदपुरी, मंदिरी, मीठापुर से जीरो माइल कच्चा नाला, बेऊर मोड़ से सिपारा बाइपास नाला, पटेल नगर, न्यू पाटलिपुत्रा, शिवपुरी, राजीव नगर, नेहरू नगर, कौशल नगर, पुनाईचक आदि बड़े नाले हैं.
हो रही वीडियोग्राफी भी
नाला उड़ाही कार्य की सूक्ष्म निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही वीडियोग्राफी भी करायी जा रही है. एक बार नाला उड़ाही कार्य पूरा होने के बाद दोबारा भी उड़ाही करायी जायेगी. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर मॉनसून के दौरान भी उड़ाही कार्य किया जायेगा.
शीर्षत कपिल अशोक, नगर आयुक्त
नगर निगम
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