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मद्य निषेध के लिए जन आंदोलन जरूरी : मंत्री
पटना कॉलेज. व्याख्यान का आयोजन पटना : मद्य निषेध से कई सारे लाभ हुए हैं. पहले लोग तर्क देते थे कि यह मजाक है कि मद्य निषेध नहीं हो सकता. लेकिन, जब इसे सख्ती से लागू किया गया, तो उनकी समझ में आ गया. इसके सुखद परिणाम सामने आये हैं. महिलाओं व बच्चों को सबसे […]
पटना कॉलेज. व्याख्यान का आयोजन
पटना : मद्य निषेध से कई सारे लाभ हुए हैं. पहले लोग तर्क देते थे कि यह मजाक है कि मद्य निषेध नहीं हो सकता. लेकिन, जब इसे सख्ती से लागू किया गया, तो उनकी समझ में आ गया. इसके सुखद परिणाम सामने आये हैं. महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक लाभ हुआ है.
समाज का स्वरूप बदल रहा है. पर, इसे आगे जारी रखने के लिए जागरूकता और जन आंदोलन जरूरी है. उक्त बातें परिवहन मंत्री डॉ चंद्रिका राय ने कहीं. वे मंगलवार को पटना कॉलेज में आयोजित रसल मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद महिलाएं सशक्त हुई हैं. लोगों के घरों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है. सड़क दुर्घटनाओं में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आयी है.
सरकार इसे जारी रखने के लिए संकल्पित है. मुख्यमंत्री स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी हुई, लेकिन इतनी सख्ती से लागू नहीं की गयी, जिस वजह से सफलता नहीं मिली. छात्रों और शिक्षकों को इसके समर्थन में आगे आने की जरूरत है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्रि ने की. स्वागत प्राचार्य प्रो रणविजय कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो रणधीर कुमार सिंह ने किया. कार्यक्रम में प्रो डाॅ कुमारी विभा, डाॅ किरण कुमारी, डाॅ दिप्ती कुमारी, प्रो शरदेंदु कुमार, बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो राजकिशोर प्रसाद, प्रो अमरेंद्र मिश्रा, पटना ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो खगेंद्र कुमार, प्रो अनिल कुमार, प्रो सुरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.
शराबबंदी सूबे में काफी सफल
कॉलेज के प्रोफेसर व अर्थशास्त्री प्रो पीसी वर्मा ने कहा कि बिना पॉलिटिकल साॅल्यूशन के इकोनोमिकल साॅल्यूशन संभव नहीं है. गुजरात में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां चोरी-छिपे शराब मिलती है. बिहार में जो शराबबंदी लागू की गयी है, वह काफी सफल है. विश्व के किसी भी देश में इस तरह की फूलप्रूफ पॉलिसी शराब के विरूद्ध नहीं दिखी.
अमेरिका भी यह नहीं कर पाया. शराबबंदी के बाद 85 प्रतिशत महिलाओं की पिटाई बंद हो गयी है. वहीं, 52 प्रतिशत एक्सीडेंट में कमी आयी है. लोग स्वस्थ हो रहे हैं. आनेवाले दिनों में अस्पतालों में भी भीड़ कम होगी, क्योंकि कई तरह की बीमारियों के चपेट में लोग शराब पीकर ही आते थे. लोग स्वस्थ होंगे, तो राज्य का विकास होगा.
गरीबी कम होगी. क्योंकि, गरीबों की कमाई का एक बड़ा भाग शराब में चला जाता था. उनके बच्चों की थाली में भोजन बढ़ जायेंगे और उन्हें कई सुविधाएं भी उनके पिता के द्वारा मिलने लगेंगी. सबसे अधिक फायदा युवा वर्ग को होगा. शराब की वजह से युवाओं की शक्ति क्षीण हो रही थी. युवाओं का स्वास्थ्य इससे अच्छा रहेगा.
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