पटना : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने बिहार में सरकारी 6 इंजीनियरिंग कालेज और 10 पॅालिटेक्निक संस्थान खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी. इस पर आज राज्य सरकार ने बताया कि इन तकनीकी शिक्षण संस्थानों में 2016-17 सत्र से ही पढ़ाई शुरू कर दी जायेगी. बिहार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि एआईसीटीई ने प्रदेश में 6 इंजीनियरिंग कालेज और 10 पॅालिटेक्निक संस्थान खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी है और इन संस्थानों में 2016-17 सत्र से ही पढाई शुरू कर दी जायेगी.
राज्य के छात्रों के लिए खुशखबरी
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षण संस्थान के विकास में आज का दिन मील का पत्थर सिद्ध होने जैसा है चूंकि केवल वर्ष 2016 में सरकारी क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा कुल 16 तकनीकी संस्थानों की स्थापना की गयी है. सिंह ने बताया कि बिहार में 7 इंजीनियरिंग कालेज और 22 पॅालिटेक्निक संस्थान पूर्व से संचालित हैं जिनकी नामांकन क्षमता क्रमश: 1643 एवं 6015 है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के माध्यम से राज्य के सरकारी अभियंत्रण एवं पोलिटेक्निक संस्थानों में प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाता है. सरकारी अभियंत्रण महाविद्यालयों में प्रवेश क्षमता 1643 के विरुद्ध प्रवेश के लिए 38400 हजार छात्र द्वारा आवेदन दिया गया है. इसी तरह राज्य के सरकारी पॅालिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश क्षमता 6015 के विरुद्ध प्रवेश के लिए आवेदकों की कुल संख्या 115000 है.
नामांकन क्षमता बढ़ी
सिंह ने बताया कि अब नये 6 इंजीनियरिंग कालेज और 10 पॅालिटेक्निक संस्थान खुल जाने से प्रदेश में 13 इंजीनियरिंग कालेज और 32 पॅालिटेक्निक संस्थान हो गए हैं जिनकी नामांकन क्षमता बढकर अब क्रमश: 3002 एवं 8014 हो गयी है. उन्होंने बताया कि नये अभियंत्रण संस्थानों में बेगूसराय जिला स्थित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अभियंत्रण महाविद्यालय, मधेपुरा जिला स्थित बीपी मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय, रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय, कटिहार जिला स्थित कटिहार अभियंत्रण महाविद्यालय, सीतामढी जिला स्थित सीतामढी इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी तथा पटना जिला में बख्तियारपुर अभियंत्रण महाविद्यालय शामिल हैं.
नये खुले संस्थानों के नाम
सिंह ने बताया कि नव स्थापित पॅालिटेक्निक संस्थानों में कैमूर जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, गोपालगंज जिला स्थित ब्रज किशोर नारायण सिंह राजकीय पॅालिटेक्निक, मुंगेर जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, जमुई जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, गया जिला के टेकारी स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, शेखपुरा जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, सुपौल जिले के राघोपुर स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, बांका जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक, मधेपुरा जिला स्थित राजकीय पॅालिटेक्निक और समस्तीपुर जिला स्थित कामेश्वर नारायण सिंह राजकीय पॅालिटेक्निक संस्थान शामिल हैं.
आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को मदद
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इच्छुक, मेधावी एवं आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को तकनीकी शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत प्रदेश की महागंठबंधन सरकार अगले पांच वर्षोंं में प्रत्येक जिलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज और पॅालिटेक्निक संस्थान खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके तहत प्रदेश में और 25 इंजीनियरिंग कॉलेज और 11 पॅालिटेक्निक संस्थान खोले जाने हैं.
राज्य सरकार और कर रही है प्रयास
सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय परिदृश्य में यदि देखा जाये तो देश में कुल अभियंत्रण एवं पॅालिटेक्निक संस्थानों की संख्या क्रमश: 4472 एवं 4354 है. राष्ट्रीय स्तर पर अभियंत्रण एवं पॅालिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश क्षमता क्रमश: 1745021 एवं 1303664 है. उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या में बिहार की हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत के बराबर है. इस प्रकार जनसंख्या की दृष्टि से बिहार में पोलिटेनिक संस्थानों की संख्या लगभग 435 तथा अभियंत्रण महाविद्यालयों की संख्या लगभग 447 होनी चाहिए. सिंह ने कहा कि निकटवर्ती राज्य उत्तर प्रदेश में अभियंत्रण एवं पॅालिटेक्निक संस्थानों की संख्या क्रमश: 423 एवं 461 है. बिहार राज्य में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में स्थापित कुल अभियंत्रण महाविद्यालय एवं पोलिटेकनिक संस्थानों की संख्या मात्र 29 एवं 62 है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना एवं राष्ट्रीय परिदृश्य में राज्य में तकनीकी संस्थान की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है.