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बिजली खपत में बिहार ने शीर्ष में बनायी जगह

दीपक मिश्रा पटना : बिजली खपत मामले में सबसे निचले पायदान पर रहनेवाले बिहार ने बिजली खपत में जबरदस्त छलांग लगायी है. बिजली के मामले में सबसे तेजी से तरक्की करने वाला राज्य बनता जा रहा है. एक जनवरी से अभी इस साल अभी तक 3500 मेगावाट की मांग हुई है. अगले पांच साल में […]

दीपक मिश्रा
पटना : बिजली खपत मामले में सबसे निचले पायदान पर रहनेवाले बिहार ने बिजली खपत में जबरदस्त छलांग लगायी है. बिजली के मामले में सबसे तेजी से तरक्की करने वाला राज्य बनता जा रहा है. एक जनवरी से अभी इस साल अभी तक 3500 मेगावाट की मांग हुई है.
अगले पांच साल में बिजली की डिमांड 10 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है. साल 2012-13 में बिहार में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत 145 किलोवाट घंटा से बढ़ कर 2014-15 में 203 किलोवाट प्रति घंटा हो गयी. दो साल में 40 फीसदी की बढ़ोतरी देश में सबसे अधिक है. 2015-16 में यह बढ़ कर 302 हो गयी. राष्ट्रीय खपत 1010 किलोवाट है. बिजली की मांग में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण बिजली की उपलब्धता है. शहरी क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता 10-12 घंटे से बढ़कर 20-22 घंटा और ग्रामीण क्षेत्र में 6-8 घंटे से बढ़कर 14 से 16 घंटे हो गयी.
अगले तीन सालों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे करने की है. बिजली कनेक्शन भी लगातार बढ़ रहा है. नीतीश सरकार ने अपने 2010-15 के कार्यकाल में बिजली पर जबरदस्त फोकस किया.
बिजली रहने से इसकी खपत भी बढ़ने लगी. आधारभूत संरचनाओं में भी बढ़ोतरी हुई.पहले राज्य में आधारभूत संरचना की स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि वह बिजली का वितरण भी मांग के अनुसार कर सके. पर्याप्त संख्या में ग्रिड और पावर सब स्टेशन नहीं थे. सेंट्रल पुल से बिजली कम मिलती थी. खुले बाजार से बिजली की खरीद नहीं होती थी. अभी स्थिति यह है कि सेंट्रल पुल से बिजली के बाद जितनी जरूरत होती है, बाजार से खरीद होती है. अभी बाजार से 6 से 7 सौ मेगावाट बिजली की खरीद होती है.
2022 तक 10 हजार मेगावाट डिमांड
अगले पांच साल में बिजली की मांग में मौजूदा मांग 4000 मेगावाट से बढ़ कर 10 हजार मेगावाट हो जाने की संभावना है. बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी पावर ग्रिड के साथ मिल कर इस बात का सर्वे करेगी कि 2022 तक बिजली की वास्तविक मांग कितनी होगी. मोटे अनुमान के अनुसार 10 हजार मेगावाट तक मांग होगी, इसके लिए आधारभूत संरचना को खड़ा किया जायेगा. अगले साल से इस योजना पर काम शुरू हो जायेगा. अभी राज्य में 98 ग्रिड है पांच साल में इसकी संख्या दो गुनी के करीब हो जायेगी. तबतक राज्य में चौसा, कजरा, पीरपैंती, बांका में नया बिजलीघर हो जायेगा.

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