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32 ने नहीं लिया नामांकन, कार्रवाई भी नहीं
आरटीइ. 31 मार्च तक कार्रवाई की सूचना शिक्षा विभाग को उपलब्ध करवानी थी पटना : शिक्षा के अधिकार (आरटीइ) के तहत नामांकन लेने में स्कूल अब भी खूब आनाकानी कर रहे हैं. पटना जिले के 32 स्कूल ऐसे है जिन्होंने अभी तक आरटीइ के तहत नामांकन नहीं लिया है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की ओर […]
आरटीइ. 31 मार्च तक कार्रवाई की सूचना शिक्षा विभाग को उपलब्ध करवानी थी
पटना : शिक्षा के अधिकार (आरटीइ) के तहत नामांकन लेने में स्कूल अब भी खूब आनाकानी कर रहे हैं. पटना जिले के 32 स्कूल ऐसे है जिन्होंने अभी तक आरटीइ के तहत नामांकन नहीं लिया है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं नहीं की गयी है.
बस जाता है नोटिस, कार्रवाई नहीं होती : आरटीइ लागू करने में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों को केवल नोटिस दिया जाता है. उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इस बार 32 स्कूलों ने इस कानून के तहत नामांकन नहीं लिया.
इसको लेकर सर्व शिक्षा अभियान की ओर से प्राथमिक निदेशक को सूचना दी गयी. पत्रांक संख्या 778/16 के तहत शिक्षा के अधिकार का अनुपालन नहीं करने की सूचना सर्व शिक्षा अभियान की आेर से 15 फरवरी 2016 को प्राथमिक शिक्षा को भेजी गयी. इसमें बताया गया था कि 25 फीसदी नामांकन का पालन स्कूलों द्वारा नहीं किया गया.
डीइओ से मांगी गयी सूचना भी ठंडे बस्ते में
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ धर्मेंद्र सिंह गंगवार ने 17 मार्च 2016 को प्रदेश भर के तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा. पत्रांक संख्या 8/ सू 8-06/2016 को तमाम डीइओ को भेजा गया.
इस पत्र के माध्यम से तमाम डीइओ से उन निजी विद्यालयों की सूची मांगी गयी, जिन्होंने 25 फीसदी कोटा के तहत गरीब और अलाभकारी बच्चों के नामांकन नहीं लिया है. एेसे स्कूलों की सूची और उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गयी, इसकी जानकारी विभाग ने देने को कहा.
नहीं मिली कोई जानकारी : अब तक किसी भी जिले से विभाग को इसकी जानकारी नहीं मिल है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार अभी तक एक भी निजी विद्यालय पर कार्रवाई नहीं की गयी है. आरटीआइ एक्टिविस्ट अजय कुमार ने बताया कि नोटिस और पत्र ही दिये जाते है. अभी तक एक भी स्कूल पर कार्रवाई नहीं की गयी है.
अभी तक बिहार सरकार ने आरटीइ को सही से लागू नहीं किया. सरकार स्कूल खोलने के लिए एक भी पैसा की मदद नहीं देती है. ना ही जमीन मुहैया करवाती है. स्कूल को बिजली टैक्स से लेकर कई तरह के टैक्स देना होता है. ऐसे में शिक्षा के अधिकार कानून को स्कूलों पर बस थोपा जा रहा है.
यह बातें बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. डीके सिंह ने कहीं. एसोसिएशन के कार्यकारिणी की बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में डा. सिंह ने बताया कि बिहार सरकार एनआेसी देने से पहले आरटीइ नामांकन लागू करने की शर्त रखती है. उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों के लिए 11000 स्कूलें खोलने के लिए सरकार द्वारा कॉर्ड नंबर आवंटित किया जाये, ताकि गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा सके. इस मौके पर एसोसिएशन के कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष के रूप में राजीव रंजन सिंह को मनोनित किया गया. बैठक में महासचिव आरएस शर्मा, उपाध्यक्ष डा. एसएम सोहैल, डा. संजय सहाय आदि मौजूद थे.
स्पष्टीकरण मांगा, पर कार्रवाई नहीं हुई
जानकारी प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को दी गयी थी. स्कूलों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गयी है.
राम सागर सिंह, कार्यकारी निदेशक, सर्व शिक्षा अभियान
सूची मिल गयी है कार्रवाइ होगी
जिन विद्यालयों ने आरटीइ के तहत नामांकन नहीं लिया है, उन्हें देखा जायेगा. आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी की जायेगी. ऐसे विद्यालयों की सूची मिल गयी है.
रामचंद्र टूडु, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा
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