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शहर में 20 फुट तक नीचे गया पानी
बुरा हाल. 20 दिनों तक गरमी की यही स्थिति रही, तो पीने के पानी की समस्या होगी विकराल एनसीसी, बांकीपुर और कंकड़बाग में नीचे गया जल स्तर. पटना सिटी में स्थिति और खराब. पटना : केस-1 : राजधानी के बाजार समिति, बहादुरपुर, संदलपुर आदि इलाकों में निजी बोरिंग भी हांफने लगी है. इन इलाकों में […]
बुरा हाल. 20 दिनों तक गरमी की यही स्थिति रही, तो पीने के पानी की समस्या होगी विकराल
एनसीसी, बांकीपुर और कंकड़बाग में नीचे गया जल स्तर. पटना सिटी में स्थिति और खराब.
पटना : केस-1 : राजधानी के बाजार समिति, बहादुरपुर, संदलपुर आदि इलाकों में निजी बोरिंग भी हांफने लगी है. इन इलाकों में 260 फुट पर जितनी भी बोरिंग है, उससे पर्याप्त पानी नहीं निकल रहा है. स्थिति यह है कि बोरिंग की गहराई बढ़ी रही है. बहादुरपुर के रहने वाले शैलेश कुमार कहते हैं कि जल स्तर नीचे चले जाने के कारण बोरिंग से पानी नहीं आ रहा था. इस स्थिति में 280 फुट पर नयी बोरिंग लगानी पड़ी है.
केस- 2 : नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र के राजापुर पुल के इलाके में भी जल स्तर काफी नीचे चला गया है. स्थिति यह है कि निगम द्वारा लगाये गये चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. वर्षों पहले निगम प्रशासन द्वारा 250 फुट पर चापाकल लगाया, जिससे अब पानी नहीं निकल रहा है.
यही हाल रहा, तो परेशानी तय
शहर के गंगा किनारे वाले इलाकों में पिछले 15 दिनों में 20 फुट जल स्तर नीचे चला गया है, जिससे पटना सिटी इलाकों में जल संकट की समस्या गहरा गयी है. वहीं, बांकीपुर व नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र भी गंगा किनारे है, जहां चापाकल फेल होने लगे हैं. इस संकट से निबटने के लिए निगम प्रशासन ने पंप हाउस की बोरिंग में दस फुट का कॉलम बढ़ा दिया है, जिससे जलापूर्ति व्यवस्था बहाल की गयी है.
जलापूर्ति शाखा के अभियंता कहते हैं कि वर्तमान में वैकल्पिक व्यवस्था से पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन गरमी की यही स्थिति 15 से 20 दिन और रही, तो मई व जून माह में भयंकर जल संकट की समस्या होगी.
पानी के साथ आ रहा बालू
कंकड़बाग, बांकीपुर और नूतन राजधानी अंचल के अधिकतर इलाकों में जल स्तर 10 से 12 फुट नीचे चला गया है, जिससे पंप हाउस हाफंने लगे हैं. इसमें महेंद्रू, कांग्रेस मैदान, चितकोहरा के समीप शिवपुरी, दुजरा, लालजी टोला स्थित पंप हाउस से पानी के साथ बालू व कंकड़ आना शुरू हो गया है. इससे लोगों के घरों में पहुंचने वाला पानी बालू के साथ आ रहा है. हालांकि, जलापूर्ति शाखा को शिकायत मिली है. इसके बाद बोरिंग का कॉलम बढ़ाया जा रहा है, ताकि पेयजल का संकट नहीं हो.
मेयर के वार्ड में भी जलसंकट
पटना सिटी अंचल के खांजेकला का इलाका हो या फिर मंगलताब का क्षेत्र, महेंद्रू से लेकर कतरा तक पीने के पानी की समस्या है. इस समस्या से निबटने के लिए बुडको द्वारा एक करोड़ की लागत से खांजेकला में बोरिंग भी लगायी गयी है, पर मंगलवार तक यह चालू नहीं हो सकी. निगम प्रशासन ने बताया कि जल संकट की समस्या को देखते हुए खांजेकला की बोरिंग चालू कर दी गयी है.
मेयर अफजल इमाम का वार्ड नंबर-52 हो या फिर स्थायी समिति सदस्य मनोज जायसवाल का वार्ड 67, इन वार्डों में भी जल संकट है. इन वार्डों में रहने वाले लोगों का सहारा चापाकल बना हुआ है.
मुफ्त में वाटर टैंकर की व्यवस्था
निगम क्षेत्र में जल संकट की समस्या से निबटने के लिए जलापूर्ति शाखा के अधिकारियों ने 23 वाटर टैंकर सुरक्षित रखा है. जहां जलापूर्ति समस्या है, वहां तत्काल मुफ्त में वाटर टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. हालांकि, अब तक किसी इलाके या मुहल्ले से वाटर टैंकर की मांग नहीं की गयी है.
वहीं, पंप हाउस के मोटर खराब होने की स्थिति में एक-दो दिन वाटर टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया गया है. किसी मोहल्ले में जल संकट होने पर जलापूर्ति शाखा के कंट्राेल रूप में फोन कर नि:शुल्क वाटर टैंकर मंगाया जा सकता है.
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