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यह आग कब बुझेगी: छह दिनों से लहक रहा बैरिया डंपिंग यार्ड

पटना : बैरिया के डंपिंग यार्ड में छह दिनों से आग लगी हुई है, लेकिन नगर निगम उसे बुझा नहीं पा रहा है. इससे वहां से लगातार उठ रहे धुएं से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. निगम क्षेत्र से रोजाना निकलने वाले कचरे को फेंकने के लिए बैरिया में 72 एकड़ भूखंड पर […]

पटना : बैरिया के डंपिंग यार्ड में छह दिनों से आग लगी हुई है, लेकिन नगर निगम उसे बुझा नहीं पा रहा है. इससे वहां से लगातार उठ रहे धुएं से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. निगम क्षेत्र से रोजाना निकलने वाले कचरे को फेंकने के लिए बैरिया में 72 एकड़ भूखंड पर डंपिंग यार्ड बनाया गया है. डंपिंग यार्ड में रिसाइकिलिंग प्लांट नहीं होने से कचरा जस-का-तस पड़ा हुआ है. वहां पिछले छह दिनों से आग लगी हुई है और वहां से काफी धुआं निकल रहा है.
डंपिंग यार्ड में आग लगने की सूचना निगम प्रशासन ने फायर ब्रिगेड को दी, तो एक टैंकर आग बुझाने के लिए भेजा, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था. वहीं आग नहीं बुझने इससे छह दिनों से लगातार डंपिंग यार्ड से धुआं निकल रहा है, जिससे आसपास के गांवों में रहने वाले लोग परेशान हैं.

डंपिंग यार्ड में आग लगने की सूचना नगर निगम के कंकड़बाग अंचल से लेकर नगर आयुक्त को भी है. इसके बावजूद अब तक आग बुझाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि डंपिंग यार्ड में कचरा गिराने गया एक हाइवा भी पूरी तरह जल गया है और एक ड्राइवर आग में झुलस भी गया है. कंकड़बाग के कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम कहते हैं कि स्थानीय लोग ही कचरा में आग लग दे रहा है, जिससे परेशानी बढ़ गयी है. कचरा गिराने गये हाइवा के ड्राइवर वाहन छोड़ कहीं चला गया, जिससे हाइवा में आग लग गयी. हालांकि सोमवार को नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने कार्यपालक पदाधिकारी को फिर से यार्ड की देख-रेख की जिम्मेवारी दी गयी है.
सरकार का आदेश ठेंगे पर
राजधानी में प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर पांच माह पहले मुख्य सचिव ने बैठक में नगर आयुक्त को सख्त निर्देश दिया था कि कूड़ा प्वाइंटों पर कचरे में आग नहीं लगाएं. लेकिन, इस निर्देश का पालन करने में निगम कोताही बरत रहा है. स्थिति यह है कि न्यू बाइपास पर बेऊर मोड़ से लेकर सिपारा पुल तक दर्जनों जगह कचरे में लगी आग दिख जायेगी. वहीं, छह दिनों से बैरिया डंपिंग यार्ड में आग लगी है और निगम प्रशासन बुझाने के बदल हाथ-पर-हाथ रख कर बैठा है.
साल भर बाद भी नहीं लगा प्लांट : डंपिंग यार्ड से फैल रहे प्रदूषण पर स्थानीय लोगों ने हाइकोर्ट में
पीआइएल दर्ज कराया. इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विभाग व नगर आयुक्त को फटकार लगायी, तो आनन-फानन में प्लांट लगाने के लिए एजेंसी चयनित की गयी. चयनित एजेंसी को तीन माह में कंपोस्ट खाद
उत्पादन करने वाला प्लांट लगाना सुनिश्चित करना था. स्थिति यह है कि आज तक प्लांट लगाने का कार्य शुरू
नहीं किया गया है.

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