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टॉल फ्री नंबर 181 अब रहेगा 24 घंटे चालू

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टॉल फ्री नंबर का विस्तार पटना : महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से प्रारंभ किये गये मुख्यमंत्री महिला हेल्पलाइन टॉल फ्री नंबर 181 का समय विस्तार हो रहा है. मई से यह टॉल फ्री नंबर 24 घंटे काम करेगा. महिला विकास निगम की पहल पर बिहार दूरसंचार […]

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टॉल फ्री नंबर का विस्तार
पटना : महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से प्रारंभ किये गये मुख्यमंत्री महिला हेल्पलाइन टॉल फ्री नंबर 181 का समय विस्तार हो रहा है. मई से यह टॉल फ्री नंबर 24 घंटे काम करेगा. महिला विकास निगम की पहल पर बिहार दूरसंचार केंद्र को भारत सरकार से सहमति मिल गयी है. निगम की ओर से कॉल सेंटर का सेटअप तैयार किया जा रहा है. पूर्व में काम कर रही डाटा सेंटर एजेंसी की ओर से मैन पावर की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा सॉफ्टवेयर के लिए एक अलग से एजेंसी चयन का काम किया जा रहा है. फिलहाल यह कंट्रोल रूम ऑफिस आवर में काम करता है.
कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे हेल्पलाइन व महिला थाना : कॉल सेंटर की मॉनीटरिंग दो स्तराें पर की जायेगी. मॉनीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम को जिला प्रशासन द्वारा संचालित महिला हेल्पलाइन और थानों से जोड़ा गया है. कॉल आने पर महिला टाॅल फ्री नंबर पर पहले कॉल रजिस्टर्ड किया जायेगा. इसके बाद हेल्पलाइन में कॉल ट्रांसफर कर दिया जायेगा. वहां से महिला हेल्पलाइन तत्काल एक्शन लेते हुए जिला प्रशासन की मदद से कार्रवाई करेगी. वहीं, रात में कॉल आने पर उसे संबंधित थानों में फारवर्ड किया जायेगा, ताकि पीड़िता को मदद पहुंचा सके.
दिन में महिला व रात में पुरुष कर्मी की ड्यूटी : टॉल फ्री नंबर पर 24 घंटे सुविधा के लिए विभिन्न टेली कम्यूनिकेशन विभाग (डॉट) के अलावा अन्य सॉफ्टवेयर एजेंसियों से बात की गयी है. पुलिस मुख्यालय के साथ मिल कर काम करने की रूप रेखा तैयार की जा रही है. इसमें कर्मचारियों की ड्यूटी शिफ्ट वाइज होगी. दिन में महिलाएं और रात में पुरुष कर्मचारी की ड्यूटी होगी. कॉल आने पर तत्काल उसे थानों में फारवर्ड कर पीड़िता को मदद पहुंचायी जायेगी.
पटना : एक ओर सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं बना रही हैं, वहीं दूसरी ओर योजनाओं के प्रति उदासीन रवैया बरत रही है. इसका नतीजा यह है कि योजनाएं धीरे-धीरे फाइलाें में दबने लगी हैं. कुछ ऐसा ही हाल है मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना का. इसके अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘सामाजिक जागरूकता’ कार्यक्रम चलाये जाने थे, जो पिछले चार वर्षों से बंद हैं. इसके तहत दहेज उत्पीड़न, बाल-विवाह, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, मानव व्यापार व भ्रूण हत्या समेत अन्य विषयों के प्रति महिलाओं को जागरूक किया जाना था.
नुक्कड़ नाटक से किया जाना था जागरूक
महिला विकास निगम की ओर से सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाना था. इसके तहत पूरे सूबे में कलाकारों की टीम का चयन कर नुक्कड़-नाटक के जरिये महिलाओं को हिंसा के प्रति जागरूक किया जाना था. हिंसा क्या है, कानून में क्या प्रावधान है, सरकार कौन-कौन सी योजनाएं चला रही हैं, इनकी जानकारी दी जानी थी.
घरेलू हिंसा की बनायी गयी नोडल एजेंसी
बीते वर्ष समाज कल्याण विभाग की ओर से महिला विकास निगम को घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत नोडल एजेंसी का चयन किया. इसके अंतर्गत निगम न केवल महिला हिंसा से संबंधित कार्यों को कर सकता है, बल्कि उसके निबटारे के लिए विभाग को प्रस्ताव भी भेज सकता है. वहीं, बीते वर्ष 10 करोड़ का बजट भी निर्धारित किया गया है.

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