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गंगा में निकले बालू के टीले गंडक में पानी हुआ आधा
पटना/मुजफ्फरपुर/भागलपुर : तेज गरमी ने अभी दस्तक ही दी है कि नदियों के जल स्तर में भी तेजी से गिरावट शुरू हो गयी है. यहां तक कि नेपाल से निकलेवाली नदियों का पानी भी नीचे जा रहा है. जल संसाधन विभाग ने इसे अलार्मिंग माना है. नदी जल प्रबंधन कोषांग और बाढ़ नियंत्रण विभाग के […]
पटना/मुजफ्फरपुर/भागलपुर : तेज गरमी ने अभी दस्तक ही दी है कि नदियों के जल स्तर में भी तेजी से गिरावट शुरू हो गयी है. यहां तक कि नेपाल से निकलेवाली नदियों का पानी भी नीचे जा रहा है. जल संसाधन विभाग ने इसे अलार्मिंग माना है. नदी जल प्रबंधन कोषांग और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के अनुसार मई-जून में नदियों का जल स्तर और तेजी से घटेगा. कहलगांव में इस बार तेजी से गंगा सिमटी है. अभी 24.390 मीटर पानी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है.
मुंगेर में गंगा के जल स्तर भागने के कारण सहायक नदियों को पानी मिलना बंद हो गया है. घोरघट बरियारपुर में गंगा नदी से जुड़ी मणि नदी में पानी नहीं है. असरगंज, तारापुर व संग्रामपुर में बहनेवाली बदुआ नदी भी सूख चुकी है. इस क्षेत्र में फरक्का बांध के कारण गंगा में गाद बढ़ता जा रहा है और पानी का जल स्तर नीचे जा रहा. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ ज्यादा तेजी से जिले में जल स्तर नीचे चला गया है. 5 से 8 फुट पानी नीचे चला गया है. मुंगेर में हेमजापुर-हेरूदियारा से लेकर लाल दरवाजा और बरियारपुर तक गंगा के दोनों किनारे रेत का टीला बन गया है. बांका जिले की चांदन और बढ़ूआ नदियां पूरी तरह सूख गयी हैं.
गंडक नदी में इस बार पिछले साल का लगभग आधा पानी रह गया है. पिछले साल अप्रैल में नदी में 10 से 14 हजार क्यूसेक पानी था, लेकिन इस बार ये सात हजार क्यूसेक रह गया है. पानी में कमी से जल संसाधन विभाग के इंजीनियर सशंकित हैं. इनका कहना है कि पिछले साल अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से ये हालात पैदा हुए हैं, क्योंकि बारिश से पहाड़ों पर पानी के स्रोत भर जाते थे, जिनसे रिस कर गरमी के दिनों में पानी यहां आता था, लेकिन पिछले साल ये स्रोत नहीं भरे, जिसकी वजह से पानी कम आ रहा है.
अप्रैल में ये स्थिति है, अभी मई और जून का महीना बाकी है. माना जा रहा है कि आनेवाले दिनों में पानी का स्तर और कम हो सकता है. ऐसे स्थिति में गंडक के आसपास के इलाकों में भी पानी की परेशानी हो सकती है. हालांकि, चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर व वैशाली के जिन इलाकों से होकर नदी गुजरती है. उसके आसपास के इलाकों में अभी स्थिति अन्य स्थानों की अपेक्षा ठीक है. नदी के पानी से पशु-पक्षियों सब को पानी मिल रहा है.
बागमती में तेजी से कम हो रहा पानी
बागमती नदी का पानी तेजी से कम हो रहा है. कुछ दिन पहले खबर आयी थी कि औराई में नदी की मुख्यधारा सूख गयी है. बागमती प्रमंडल संख्या-एक के कार्यपालक अभियंता रामिदनेश सिन्हा ने कहा कि स्थिति भयावह है. लगातार पानी का स्तर घट रहा है. अभी नदी में पानी का फैलाव क्षेत्र 66.5 मीटर है, जो पिछले साल से आधा मीटर कम है. ये तेजी से नीचे जा रहा है.
बूढ़ी गंडक का पानी एक मीटर तक सिमटा
मुजफ्फरपुर शहर होकर बहनेवाली बूढ़ी गंडक नदी का पानी एक मीटर तक सिमट गया है. पिछले साल नदी में पानी का फैलाव 49.8 फुट था, जो इस बार एक फुट कम हो गया है. मुजफ्फरपुर शहर की बड़ी आबादी बूढ़ी गंडक पर निर्भर है. इंजीनियर विजय कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि यहां की स्थिति भी आनेवाले दिनों में खराब हो सकती है. इंजीनियर राजीव रंजन सिन्हा का भी कहना है कि पानी का स्तर तेजी के घर रहा है, जिसका आकड़ा जुटाया जा रहा है.
नदियों के जल स्तर में आयी गिरावट एक नजर में
नदी जल स्तर, 15 अप्रैल 15 15 अप्रैल,16
गंगा, कहलगांव 6.13फीट 3.09फीट
कोसी,वीरपुर 9.12फीट 5.50फीट
बागमती, हायाघाट 8.12फीट 7.00फीट
बूढ़ी गंडक,खगड़िया 7.00फीट 6.58फीट
कमला-बलान,झंझारपुर 7.12फीट 6.87फीट
पुनपुन,श्रीपालपुर 4.50फीट 4.60फीट
अधवारा,पुपरी 4.70फीट 4.80फीट
महानंदा,झावा 5.78फीट 5.65 फीट
चांदन, बांका 5.17 फीट 0.00 फीट
बढ़ूआ,मुंगेर-भागलपुर 8.75फीट 1.00फीट
ओढ़नी,बांका 2.90फीट 0.40फीट
आंजन, जमुई 3.11फीट 2.10फीट
बेलहरना, मुंगेर 2.84फीट 2.68फीट
खड़गपुर-झील,मुंगेर 5.48फीट 3.20फीट
विलासी,बांका 6.80फीट 6.27फीट
नागी, जमुई 3.12फीट 3.40फीट
नकटी,जमुई 5.12फीट 3.95फीट
दुर्गावती, कैमूर 4.00फीट 4.00फीट
बटाने, औरंगाबाद 6.44फीट 4.47फीट
ओढ़नी,बांका 3.75फीट 0.40फीट
आंजन, जमुई 2.90फीट 2.10फीट
बेलहरना, मुंगेर 2.90फीट 2.68फीट
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