पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने शराबबंदी को चुनौती के रूप में लिया है और इसमें जरूर सफल होंगे. पीनेवालों को इसका लाभ तो समझ में आ गया, लेकिन पिलानेवालों का दिमाग रास्ते पर नहीं आया है. शराब का कारोबार करनेवाले ऐसे लोग अब भी साजिश रच रहे हैं. सरकार इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगी. यहां की आवाज अब दूसरे प्रदेशों में भी पहुंच रही है. झारखंड से भी मुझे आमंत्रण आया है. वहां महिलाओं की ओर से बड़ा सम्मेलन का आयोजन होगा.
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मुख्यमंत्री बोले, पिलानेवालों की साजिश को नहीं होने देंगे सफल
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने शराबबंदी को चुनौती के रूप में लिया है और इसमें जरूर सफल होंगे. पीनेवालों को इसका लाभ तो समझ में आ गया, लेकिन पिलानेवालों का दिमाग रास्ते पर नहीं आया है. शराब का कारोबार करनेवाले ऐसे लोग अब भी साजिश रच रहे हैं. सरकार इस साजिश […]
झारखंड में भी शराबबंदी के लिए बड़ा आंदोलन चलेगा. तमिलनाडु में दोनों प्रमुख दलों ने सत्ता में आने पर शराबबंदी लागू करने की घोषणा की है. वह गुरुवार को एसके मेमोरियल हॉल में बिहार महादलित विकास मिशन की ओर से अायोजित विकास मित्रों की राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पिछले साल नौ जुलाई को इसी जगह से हमने शराबबंदी की घोषणा की थी. शराबबंदी की शुरुआत बाबासाहेब भीमराव अांबेदकर की 125वीं जयंती, महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरा होने और गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती के मौके पर शुरू हुई है. यह अदभुत वर्ष है. शराबबंदी के लिए मन मिजाज बना हुआ है. हम जरूर कामयाब होंगे. शराबबंदी को लेकर सरकार जन सहयोग और प्रशासनिक सक्रियता से सफलतापूर्वक मुहिम चलायेगी.
मुस्तैदी में ढिलाई न हो : डीजीपी की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि ऐसा न हो कि एक दो माह सब ठप पड़ जाये. इसलिए कार्ययोजना पर गंभीरतापूर्वक अमल किजिए. जिस तरह हर दिन भोजन जरूरी है, उसी तरह शराबबंदी के लिए बनायी गयी कार्ययोजना पर अमल जरूरी है. हम भी सभी कमिश्नरी में जा रहे हैं. पुलिस ने भी लिख कर दिया है कि उनके क्षेत्र में शराब का कोई कारोबार नहीं है, होगा तो वे पकड़े जायेंगे. सभी ने नहीं पीने की शपथ ली है. उनकी स्टिंग हो सकती है. मुस्तैदी में ढिलाई न हो.
शराब से कमाई करने वाले कर रहे साजिश : नीतीश कुमार ने कहा कि शराब के कारोबार में बहुत कमाई थी. वे इतना कमाते थे कि उनको रुपये गिनने की फुरसत नहीं मिलती थी. ऐसे लोग साजिश करने से पीछे नहीं रहेंगे. यह भी देखना होगा कि पीनेवाले शराब के बदले कुछ और की अोर तो नहीं जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए हर तरह का इंतजाम किया गया है. सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई होगी. शराबबंदी को बिहार में सामाजिक बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा कि शराब किसी के जीवन का चौपट्ट कर देती है. घर तबाह हो जाते हैं.
कितने ही लोग असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं. घरेलू हिंसा सबसे अधिक होती है. बच्चों को भोजन तक नहीं मिल पाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब से भले ही कुछ टैक्स मिलता था, पर जहां जाते थे, लोग इससे परेशान थे. लोगों के मनोभाव से पता चला कि इसके विरोध में आम लोग हैं. मैंने इसी जगह से घोषणा की थी कि मौका मिला, तो इसे बंद करेंगे. मौका मिला. 20 नंवबर को शपथ ली. 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस पर एक अप्रैल से इसे बंद करने की घोषणा कर दी. आज शराबबंदी से गांव में बहुत खुशी है. लोग चैन से नींद सो रहे हें. हल्ला और शोरगुल बंद हो गया है.
सबसे अधिक महिलाएं ओर बच्चे खुश हैं. अब तो महिलाएं कहती हैं कि नहीं पीने के कारण अब खाना बनाने में पति सहयोग कर रहे हैं. पूर्णिया दौरे के दौरान महिलाओं ने फूल और प्ले कार्ड लेकर शराबबंदी का स्वागत किया. आखिर पीनेवाले हैं कितने? जब माहौल बन ही गया, तो अच्छे काम में देर क्यों करें. विरोधी कहते हैं कि शराबबंदी में सफलता नहीं मिलेगी. जैसे कि एवरेस्ट पर कोई पहली बार में ही चढ़ गया था. शहर में तो बंद कराने में कोई मेहनत ही नहीं करना पड़ा.
विकास मित्रों द्वारा हर तरह के शराब पीनेवालों के सर्वे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग शराब नहीं पीने के कारण बीमार पड़ेंगे, उन्हें नशामुक्ति केंद्र ले जाइए. उनका इलाज होगा.
अस्पतालों में इसके लिए बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. शराबबंदी से होनेवाली क्षति को सांकेतिक क्षति बताते हुए कहा कि कभी तीन सौ-चार सौ करोड़ का टैक्स मिलता था. इससे मिलनेवाले टैक्स को अनैतिक लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोग नहीं पियेंगे, तो हजारों करोड़ की बचत होगी. इससे एक नया मजबूत बाजार बनेगा. उससे भी तो राज्य को टैक्स आयेगा.शराब व्यापारियाें की लाइसेंस फीस लौटायेगा काॅरपोरेशन : होटल वाले कहते हैं कि होटल कैसे चलेगा?
जैसे लोग होटल में खाने या रहने नहीं आता था. इस तरह की बात करने से उनके खिलाफ में ही प्रचार होगा. वे लाइसेंस फीस की बात करते हैं. उनको लाइसेंस फीस लौटा दी जायेेगी. जब हमने पांच हजार करोड़ की कमाई की परवाह नहीं की, तो कुछ करोड़ लौटाने में हमें क्यों चिंता होगी. उनकी शराब यदि बिवरेज कॉरपारेशन से खरीदी गयी है, तो लौटा ली जायेगी. यदि अन्य स्रोत से ली गयी होगी, तो वह गलत होगा.
मेरा स्वार्थ बिहार के गौरवशाली अतित की वापसी : उन्होंने कहा कि शराबबंदी राज्यहित में है. मेरा कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है. मेरा स्वार्थ बिहार के गौरवशाली अतीत की वापसी है. बिहार कभी दुनिया को दिशा देता था. बिहार फिर से उसी राह पर है.बहनोई को कहा था कि मेरे हाथ में ताकत आया तो पहले आपको धरेंगे : मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शुरू से ही शराब के विरोधी रहे हैं. मेरे बहनोई शराब पीते थे. उन दिनों मैं तो सड़क पर था.
कभी-कभी रात में उनके घर जाता था, तो देखता था कि वे अकेले शराब पी रहे हैं. उन्हें कल होकर कहते थे कि अभी तो हम सड़क पर हैं. यदि मेरे हाथ में ताकत आयी, तो सबसे पहले आपको ही पकड़ेंगे. अब तो वे नहीं रहे. पर, हमें मौका मिला, तो उचित समय पर कार्रवाई की. जब हम कुछ बोल देते हैं, तो उसे लागू भी करते हैं.
मन में मंथन, तो बहुत दिन से चल रहा था. वातावरण बना और उचित कार्रवाई की. इसके पूर्व एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष निराला, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, खान एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, एससी आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल, महादलित आयोग के अध्यक्ष हुलेश मांझी, एससी-एसटी विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, डीजीपी पीके ठाकुर, एसटी आयोग के सुखलाल बेसरा आदि ने भी कार्यशाला को संबोधित किया.
जय भीम का लगाया नारा : मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के अंत में ‘जय भीम’ का नारा लगाया. इनके द्वारा नारा लगाते ही पूरे हाल जय भीम का नारा गूंज उठा.
झारखंड-यूपी से बुलावा
सीएम ने कहा कि शराबबंदी को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. झारखंड व यूपी से बुलावा आया है. पड़ोस के राज्यों में अब ज्यादा समय देंगे. झारखंड में महिलाओं का आंदोलन शुरू होगा. तमिलनाडु में पक्ष और विपक्ष शराबबंदी की बात कर रहे हैं. विरोधी का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि उनको दीवार पर लिखी इबारत पढ़नी चाहिए. शराबबंदी को कोई रोक नहीं सकता है.
नीतीश को नेपाल से बुद्ध जयंती में भाग लेने का न्योता
नयी िदल्ली (ब्यूरो) : नेपाल सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भगवान बुद्ध की 2560वीं जयंती पर होनेवाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए न्योता भेजा है. नेपाल के प्रधानमंत्री की पहल पर यह आमंत्रण नेपाल के पर्यटन, सांस्कृतिक मंत्री आनंद प्रसाद पोखरैल ने भेजा है. काठमांडो में यह सम्मेलन 19 से 20 मई तक होगा.
इसके अलावा बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में बुद्ध जयंती समारोह मनाया जायेगा. नीतीश कुमार के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग को आमंत्रित किया गया है. इस सम्मेलन में नीतीश कुमार को बुलाये जाने पर जदयू ने नेपाल सरकार व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के प्रति आभार जताया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने कहा कि इससे पार्टी और बिहार सरकार समेत बिहार की जनता गौरवान्वित महसूस करती है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पार्टी और नेतृत्व की बढ़ती पहचान को लेकर भी पार्टी खुशी का इजहार करती है.
विरोधी चाहते हैं, पासी समाज ताड़ पर ही चढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि वातावरण में ही पॉल्यूशन नहीं, वैचारिक प्रदूषण भी हो रहा है. आजकल कुछ लोग ताड़ी के नाम पर भटकाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि ताड़ी पर तो रोक नहीं है. 1991 के एक्ट के आधार पर तय है कि कहां ताड़ी बिकेगी, कहां नहीं बिकेगी. उन्होंने कहा कि अगले साल से राज्य में ताड़ी नहीं बिकेगी. लोग नीरा की व्यवसाय करेंगे. इसकी तैयारी चल रही है. तमिलनाडु के तर्ज पर ताड़ के हर उत्पाद का व्यापार होगा.
लोगों को अभी एक पेड़ से 2500 रुपये आय होती है, नयी व्यवस्था में छह हजार रुपये तक की कमाई होगी. लेकिन, वे लोग चाहते हैं कि पासी समाज ताड़ पर ही चढ़े. इस समाज के लोग अब सरकारी सेवा में आ रहे हैं. उनका विकास हो रहा है. हमने तो कहा है कि इसी समाज का समूह बना कर नीरा का कारोबार करेंगे. इससे उनकी इज्जत भी बढ़ेगी.हम जुबान से नहीं, काम से जवाब देते हैं. इस समाज के अशोक चौधरी व मुनेश्वर चौधरी हमारे साथ हैं.
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