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शराब बंद भलई, बढ़ी गेलई हमार सम्मान, जो कमात है, लाके देवे है
रिंकू झा पटना : हो-हल्ला और मारपीट से ही हमारी सुबह शुरू होती थी. पति हमेशा शराब में डूबा रहता था. जैसे ही नशा थोड़ा कम होता था, शौचालय जाने के नाम पर झूठ बोल कर जाता और शराब पीकर चला आता था. बस्ती की रहने वाली मंजू देवी ने बताया कि एक भी दिन […]
रिंकू झा
पटना : हो-हल्ला और मारपीट से ही हमारी सुबह शुरू होती थी. पति हमेशा शराब में डूबा रहता था. जैसे ही नशा थोड़ा कम होता था, शौचालय जाने के नाम पर झूठ बोल कर जाता और शराब पीकर चला आता था. बस्ती की रहने वाली मंजू देवी ने बताया कि एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ, जब मुझे मारा नहीं होगा. हर दिन घर के बाहर लोग जमा होते थे. लेकिन शराब बंद होने के बाद लगता ही नहीं है कि यह मेरा घर है. अब न तो झगड़ता है और न हल्ला करता है. वहीं रतवाली देवी ने बताया कि बस्ती में अब शांति है.
95 फीसदी लोग शराब में रहते थे डूबे : कमला नेहरू बस्ती में लगभग 15 हजार लोगों की अाबादी है. इसमें 95 फीसदी लोग शराब में ही हमेशा डूबे रहते थे. ऑटो ड्राइवर, राज मिस्त्री, ठेला चालक का काम करने वाले अधिकतर लोग इस बस्ती में रहते हैं. शराबबंदी के बाद इस बस्ती का माहौल काफी खुशनुमा हो गया है. पड़ोस में रहने वाले लोग एक-दूसरे के साथ बैठ कर बातें करते हैं. बस्ती के अंदर में मौजूद मंदिर में साथ में लोग पूजा करते हैं. महिलाएं खुश हैं.
सिगरेट-गुटखा भी बंद करे सरकार : शराब पीने वाले इस बस्ती के लोग सरकार से नाराज दिखे. लोगों ने कहा कि जब शराब पर पाबंदी लगा दी, तो सरकार सिगरेट और गुटखा काे भी क्यूं नहीं बंद कर रही है. वाल्मीकि पासवान व श्याम जी पासवान ने बताया कि नशे की
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