पटना: पटना हाइकोर्ट ने शहर की यातायात व्यवस्था पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा, यहां अधिकारी और ट्रैफिक संभालनेवाले कर्मी नॉर्मल ड्यूटी भी नहीं कर पा रहे हैं.
यातायात व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलाये जाने के लिए यहां कोई अधिकारी जिम्मेवार नहीं दिखता. शराब पीकर ड्राइविंग हो रही है. यातायात सिगनल नहीं दिखते हैं. कम उम्र के लड़के गाड़ी चलाते दिखते हैं. बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां चल रही हैं. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व शैलेश कुमार सिन्हा के खंडपीठ ने नौ जनवरी को पटना के सिटी एसपी, ट्रैफिक एसपी व परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव को तलब किया है. कोर्ट ने कहा कि सरकार के अधिकारी जो भी दावा कर रहे हैं. वह बकवास है.
डिजनीलैंड लगाने पर नोटिस
हाइकोर्ट ने पटना सिटी के मनोज कमालिया स्टेडियम में डिजनीलैंड लगाने की अनुमति को गंभीरता से लिया है. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व शैलेश कुमार सिन्हा के खंडपीठ ने गुरुवार को इस संबंध में दायर एक लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए युवा मामले एवं खेल विभाग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि स्टेडियम खेलने की जगह होती है. इसमें किस आधार पर डिजनीलैंड लगाये जाने की अनुमति दी गयी है. इसके लिए कितने पैसे लिये गये और इस आदेश के लिए कौन अधिकारी जिम्मेवार है. उनका नाम 16 जनवरी को बताने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि 25 नवंबर, 2012 को पटना के डीएम के संज्ञान में यह मामला लाया गया था. इसके बाद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. कोर्ट को बताया गया कि जिस दिन मामले को हाइकोर्ट के संज्ञान में लाया गया उसी दिन पटना सिटी के एसडीओ ने डिजनीलैंड को एक्सटेंशन भी दे दिया.
22 प्राचार्यो पर फैसला 27 को
मगध विवि के 22 प्राचार्यो की नियुक्ति पर पटना हाइकोर्ट 27 जनवरी को फैसला सुनायेगा. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय की अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है. इस संबंध में निगरानी ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है. कोर्ट को बताया गया है कि प्राचार्यो की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधान का उल्लंघन किया गया है. विवि ने तीन फरवरी,2011 को 22 प्राचार्यो की नियुक्ति की थी.