18 वर्ष में ही ब्याह दी जाती हैं 68 फीसदी लड़कियां संवाददाता4पटनासरकार की योजनाओं के बावजूद लड़कियों की स्थिति में संतोषजनक सुधार देखने को नहीं मिल रहे हैं. यही कारण है कि आज भी बिहार में 68 फीसदी लड़कियों की शादी 18 वर्ष में ही कर दी जाती है. कम उम्र में ही गर्भधारण करने से इनमें एनीमिया (खून की कमी) जैसी बीमारियों का आशंका अधिक होती है. साथ ही मृत्यु की आशंका बनी रहती है.ये कहना है प्रैक्सिस के कार्यक्रम निदेशक अनिंदो का. वे शुक्रवार को होटल पाटलिपुत्रा अशोक में ब्रेकथ्रू की ओर से अर्ली चाइल्ड मैरिज विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि यूनिसेफ के सर्वें के अनुसार 68 फीसदी लड़कियों की शादी 18 वर्ष में ही कर दी जाती है. इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी देखा गया है. ब्रेकथ्रू के निदेशक जोश जोशी ने कहा कि संस्था की ओर से अर्ली चाइल्ड मैरिज पर काम किया जा रहा है. इसमें बिहार के गया जिले में सर्वें कराया जा रहा है. सर्वे में यह जानने की कोशिश की जायेगी कि 18 साल की उम्र में ही शादी कर देने से लड़कियों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है. सर्वे की रिपोर्ट सरकार को भेज दी जायेगी. ब्रेकथ्रू की सह निदेशक उर्वशी गांधी ने कहा कि इसके लिए सभी सरकारी और गरैसरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा. मौके पर संस्था की ज्योति प्रसाद, निदान की प्रीति समेत अन्य उपस्थित थे.
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18 वर्ष में ही ब्याह दी जाती हैं 68 फीसदी लड़कियां
18 वर्ष में ही ब्याह दी जाती हैं 68 फीसदी लड़कियां संवाददाता4पटनासरकार की योजनाओं के बावजूद लड़कियों की स्थिति में संतोषजनक सुधार देखने को नहीं मिल रहे हैं. यही कारण है कि आज भी बिहार में 68 फीसदी लड़कियों की शादी 18 वर्ष में ही कर दी जाती है. कम उम्र में ही गर्भधारण करने […]
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