पटना : एएन कॉलेज के छात्र दीपू मर्डर केस में आरोपित छोटू ने पुलिस को पत्र भेज कर खुद को निर्दोष बताया है. छोटू ने यह भी बताया है कि 19 मार्च को दीपू अपने दोस्त ज्ञानानंद से मिलने स्कूटी से निकला था. दोनों ने एक साथ शराब पी. नशे में बात बढ़ी, जो बाद में मारपीट में बदल गयी. इसके बाद ज्ञानांनद ने मोदी की गाड़ी का शीशा फोड़ दिया. मारपीट के दौरान दीपू गिट्टी पर गिर गया और अचेत हो गया.
मोदी ने शीशा फोड़ने के कारण ज्ञानांनद की पिटाई कर दी और वहां से भाग गया. वे लोग मोदी को खोजने के लिए गये तो उसे मैं मिल गया और जब वापस लौटे तो दीपू अपने यथास्थान पर नहीं था. वह कहीं चला गया था. दीपू के गायब होने के संबंध में पुलिस को जानकारी देने की बात की तो उसने पुलिस के पचड़े में न पड़ने की बात कह कर टाल दिया गया. इसके बाद ज्ञानानंद ने मोदी को शीशा फोड़ने के एवज में चार हजार नकद भी दिया. ज्ञानानंद के कहने पर छोटू ने पुलिस को भेजे पत्र में इस मामले की जानकारी दी है.
पत्र एसएसपी, सिटी एसपी व डीएसपी विधि व्यवस्था को भेजी गयी है. हालांकि इस पत्र में उसने यह भी जानकारी दी है कि वे लोग जब लौट कर आये थे, तो स्कूटी यथास्थान पर थी, लेकिन वह स्कूटी कहां गयी, इस बिंदु पर छोटू ने किसी प्रकार की जानकारी पुलिस को नहीं दी है. इसके साथ ही छोटू ने मीडिया को भी पत्र भेज कर अपने आप को निर्दोष बताया है. हालांकि वह अभी भी फरार है. पुलिस का कहना है कि अगर वह निर्दोष है, तो उसे पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर अपना बयान देना चाहिए.
छोटू के पत्र के अनुसार दीपू स्कूटी से 19 मार्च की शाम ज्ञानानंद से मिलने आया था. वह उसका ही दोस्त था. इसके बाद वे दोनों स्कूटी पर बैठ कर गये और फिर शराब व चिप्स लेकर वापस लौट गये. इसके बाद काफी शराब का सेवन करने के बाद दोनों का आपस में विवाद हो गया और मारपीट भी की.
विदित हो कि दीपू का शव सड़ी-गली अवस्था में दारोगा राय पथ में घटना के बाद तीन-चार दिन बाद बरामद किया गया था. इसके बाद दीपू की मां के बयान पर विकास झा, विकास पाठक, मोदी, ज्ञानानंद व छोटू के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी पुलिस ने दर्ज की थी.