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भाजपा हमारी बात सुने, नहीं तो और भी खुले हैं विकल्प : मांझी

भाजपा को चेतावनी, मांझी ने लोजपा, हम और रालोसपा के िवलय का िदया संकेत पटना : हाल ही में वैशाली में लोजपा व रालोसपा से साथ विलय पर चर्चा करनेवाले हिंदुस्तानी अवाम मोरचा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भाजपा को चेतावनी दे डाली है. उन्होंने शुक्रवार को एनडीए में अपने सबसे बड़े […]

भाजपा को चेतावनी, मांझी ने लोजपा, हम और रालोसपा के िवलय का िदया संकेत
पटना : हाल ही में वैशाली में लोजपा व रालोसपा से साथ विलय पर चर्चा करनेवाले हिंदुस्तानी अवाम मोरचा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भाजपा को चेतावनी दे डाली है. उन्होंने शुक्रवार को एनडीए में अपने सबसे बड़े सहयोगी दल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा हमारी नहीं सुन रही है. अगर उसके साथ हमारी बात नहीं बनेगी, तो हमारे पास और भी विकल्प हैं. हालांकि, रालोसपा ने मांझी के बयान से तुरंत पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन लोजपा चुप है. वहीं भाजपा ने कहा है कि मांझी से बात कर उनकी नाराजगी दूर की जायेगी.
अपने आवास पर आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, बिहार में एनडीए के चारों घटक दल भाजपा, लोजपा, रालोसपा व हम के बीच तालमेल से काम होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है.
भाजपा हमसे सहायता नहीं ले रही है. भाजपा बड़ी पार्टी है और एनडीए में गार्जियन के रूप में है. हर मुद्दे पर चारों दलों की एक राय हो और आंदोलन भी एक साथ हो. अलग-अलग खिचड़ी पकाने से कुछ नहीं होगा. वह यहीं नहीं रुके. कहा, भाजपा अगर हमारे तेवर को नहीं समझती है, तो हम (लोजपा-रालोसपा-हम) एक बैनर के तले आ सकते हैं. मांझी लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को भी नेता मानने को तैयार दिखे .
उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खिलाफ क्या नहीं कहते थे और उनके खिलाफ ही सरकार बनायी थी, लेकिन अब साथ में सरकार भी चला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वैशाली में तीनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की बैठक हुई थी. इसमें मर्जर के संबंध में कोई बात नहीं हुई. हमलोग बिहार विधानसभा और उसके बाहर एनडीए के अंग हैं. कारगर ढंग से एनडीए के चारों पार्टनर बिहार में हो रही अनियमितता को फोकस करे और एक साथ आंदोलन करें, तभी उसका व्यापक असर पड़ेगा.
मांझी ने अपनी कई पीड़ा भी सुनायी कि हम के महिला मोरचा के सम्मेलन को अगर भाजपा का साथ मिलता, तो यह और व्यापक होता. किसान के मुद्दे पर सभी अलग-अलग आंदोलन कर रहे हैं. विधानसभा में भाजपा ने वाकआउट कर दिया और हम बैठे रह गये. इसके लिए पहले से रणनीति बनायी चाहिए थी.
पासवान को भी लीडर मानने को तैयार : लोजपा-रालोसपा-हम के विलय होने पर रामविलास पासवान को नेता मामने के सवाल पर मांझी ने कहा कि इसमें क्या हर्ज है. रामविलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा या फिर जीतन राम मांझी लीडर हो सकता है. लेकिन, मर्जर होगी, तब इसकी जरूरत पड़ेगी. हमारी अगली बैठक उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर होगी. उसमें मुद्दे तय कर भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात की जायेगी.
यूपी-बंगाल-असम चुनाव में करेंगे प्रचार : मांझी ने कहा कि यूपी में बसपा प्रमुख मायावती से डायरेक्ट नहीं, बल्कि उनकी पार्टी से बात हुई है. वर्तमान अखिलेश सरकार के खिलाफ गोलबंदी के लिए दलित-महादलित की पार्टियों को गोलबंद करने की तैयारी की जा रही है. वार्ता के लिए पृष्ठभूमि बनायी जा रही है. वहीं, असम में लोजपा के उम्मीदवार के प्रचार के लिए रालोसपा व हम के नेता भी जायेंगे.
मांझी से होगी बात
लोजपा, रालोसपा व हम का विलय होता है, तो यह स्वागतयोग्य कदम है. अगर मांझी की कोई नाराजगी है, तो उनसे बात की जायेगी और उनकी समस्या सुनी जायेगी. साथ ही उसे दूर करने की भी पूरी कोशिश की जायेगी.
सुशील कुमार मोदी, भाजपा नेता
हम हैं एनडीए के साथ
हम एनडीए के साथ हैं. मांझी क्या कह रहे हैं, वह जाने. एनडीए में कोई विवाद नहीं हे. भाजपा से अलग होने का कोई सवाल ही नहीं है. जिस भोज की बात कही जा रही है, उसमें वृिशण पटेल के व्यक्तिगत अनुरोध पर शामिल हुआ था.
उपेंद्र कुशवाहा, रालोसपा अध्यक्ष

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