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बिहार में भवनहीन 5,871 नये प्राथमिक विद्यालयों की की जा रही है पुन:समीक्षा : अशोक चौधरी

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने आज बताया कि प्रदेश में भवनहीन 5,871 नये प्राथमिक विद्यालयों की पुन: समीक्षा की जा रही है कि वास्तव में इन विद्यालयों की आवश्यकता है अथवा नहीं. इसके बाद जितने विद्यालयों की आवश्यकता होगी, उसके लिये भूमि चिन्हित कर भवन निर्माण की कार्रवाई की जायेगी. बिहार […]

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने आज बताया कि प्रदेश में भवनहीन 5,871 नये प्राथमिक विद्यालयों की पुन: समीक्षा की जा रही है कि वास्तव में इन विद्यालयों की आवश्यकता है अथवा नहीं. इसके बाद जितने विद्यालयों की आवश्यकता होगी, उसके लिये भूमि चिन्हित कर भवन निर्माण की कार्रवाई की जायेगी.

बिहार विधान परिषद में भाजपा सदस्य संजय प्रकाश द्वारा पूछे गये एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए चौधरी ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 तक कुल 21,419 नये प्राथमिक विद्यालयों के खोलने की स्वीकृति प्राप्त है जिसमें से अभी तक कुल 21,100 नये प्राथमिक विद्यालय खोले गये हैं.

उन्होंने बताया कि इन 21,100 विद्यालयों में से अभी तक कुल 15,229 को भूमि चिन्हित होने के बाद उनके भवन निर्माण का प्रतिवेदन जिलों द्वारा दिया गया है. शेष 5,871 विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए भूमि चिन्हित किया जाना शेष है. फलत: ये विद्यालय भवनहीन है परन्तु समीप के भवनयुक्त अन्य विद्यालय से संचालित होते हैं.

चौधरी ने कहा कि भवनहीन 5,871 नये प्राथमिक विद्यालयों की पुन: समीक्षा की जा रही है कि वास्तव में इन विद्यालयों की आवश्यकता है अथवा नहीं. तदोपरान्त जितने विद्यालयों की आवश्यकता होगी उनके लिये भूमि चिन्हित कर भवन निर्माण की कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में संबंधित जिला के जिला पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

भाजपा सदस्य लाल बाबू और संजय प्रकाश द्वारा पूछे गए एक अन्य तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए चौधरी ने कहा कि पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार के द्वारा दिनांक 01 जुलाई 2015 के प्रभाव से नया वेतनमान स्वीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान अंतर्गत नियोजित शिक्षकाें के वेेतन भुगतान का स्रोत क्रमश: राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला अनुदान एवं सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत केंद्र से प्राप्त राशि है.

शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के अवशेष माह के लिये शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए राज्य सरकार के स्तर से दिये जाने वाले अनुदान राशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट के माध्यम से करते हुये जिलों को आवंटन उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-2016 में केंद्रांश के रूप में अबतक मात्र 2,515.57 करोड़ रुपया यानि 57 प्रतिशत राशि ही उपलब्ध कराया गया है जिसके विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा राज्यांश के रूप में रुपया 1,677.05 करोड़ राशि विमुक्त कर दिया गया है जो बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को उपलब्ध कराया जा चुका है.

चौधरी ने बताया कि परिषद् द्वारा इस राशि से पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अन्तर्गत कार्यरत 26743 शिक्षकों जो सर्व शिक्षा अभियान से अच्छादित हैं, को गत वर्ष नवम्बर महीने तक का वेतन के भुगतान के लिए राशि संबंधित प्राधिकार को उपलब्ध करा दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार भारत सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के लिये वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्रांश के रूप में रुपया 1,916.72 करोड़ की राशि उपलध नहीं कराये जाने के कारण सर्व शिक्षा अभियान के विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन सहित उक्त कोटि के शिक्षकों का सिम्बर 2015 से वेतन भुगतान लंबित था.

चौधरी ने कहा कि इस परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत केंद्रांश की प्रत्याशा में 1137.25 करोड़ रुपये स्वीकृत करते हुये उसकी निकासी कोषागार से की गयी. उक्त राशि को संबंधित जिलों को बैंक उन्तरण के माध्यम से उपलब्ध करा दिया गया है जिसके कारण शिक्षकों के दिसम्बर 2015 और आगे के माह के लंबित वेतन के भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो सका है.

बिहार के नियोजित शिक्षकों को सरकार द्वारा अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत शामिल नहीं किए जाने को अस्वीकारत्मक बताते हुए चौधरी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के लिये यूटीआई द्वारा रिटायरमेंट बेनिफिट पेंशन फंड के नाम से संचालित स्कीम लागू करने का निर्णय विभागीय 24 अगस्त 2012 को लिया गया था जिसके आलोक में कुल 28 करोड़ 20 लाख 26 हजार 400 रुपये राज्य सरकार के अंशदान भुगतान के लिये विभाग द्वारा गत 16 मार्च को स्वीकृति एवं विमुुक्ति कर दी गयी है.

रोजगार के इच्छुक कॅालेज छात्रों के लिए प्लेसमेंट सेल गठित रोजगार सृजन को लेकर भाजपा सदस्य मंगल पाण्डेय द्वारा पूछे गये एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को प्लेसमेंट सेल गठित करने का निर्देश दिया जा चुका है. शीघ्र ही प्लेसमेंट सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संचालित होने लगेगा जिसके बाद विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे.

वर्ष 2011 में बिहार माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा अन्तर्गत उतीर्ण प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों के बारे में भाजपा सदस्य कृष्ण कुमार सिंह द्वारा पूछे गये एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए चौधरी ने कहा कि माध्यमिक में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या 22,369 और 10,492 तथा अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या 85,605 और 22,969 है. उन्होंने कहा कि बिहार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 7 वर्षों तक नियोजन का अवसर उपलब्ध है.

अशोक चौधरी ने बताया कि वर्ष 2014 में प्रारंभ चतुुर्थ नियोजन की प्रक्रिया के समापन के बाद अधतन जो भी अप्रशिक्षित अभ्यर्थी प्रशिक्षित हो गये हैं एवं उपलब्ध प्रशिक्षित अभ्यर्थी हैं उन्हें आगामी नियोजन की प्रक्रिया में उपलब्ध विषयवार रिक्ति एवं निर्धारित आरक्षण बिन्दु के आलोक में नियोजन का अवसर प्राप्त होगा.

बिहार के प्राथमिक, मध्य, इंटर महाविद्यालय में छात्राओं को पोशाक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत नवम वर्ग के छात्र को साईिकल एवं छात्राओं को साईिकल तथा पोशाक की राशि वितरण के बारे में जदयू सदस्य संजय कुमार सिंह द्वारा पूछे गये एक तारांकित प्रश्न के बारे में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि वर्ष 2015 में लाभार्थी आधारित योजनाओं की राशि विद्यालयों में कैम्प लगाकर सीधे लाभार्थियों को नगद राशि के रूप में उपलब्ध करायी गयी है.

उन्होंने बताया कि गत जनवरी से विभिन्न लाभार्थी आधारित योजनाओं की राशि आरटीजीएस के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खाता में अंतरित की जा रही है. यह पूछे जाने पर सभी कोटि के विद्यालयों में अध्ययन करने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति की राशि वितरण के बारे में चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक, अनुदानित माध्यमिक विद्यालय एवं अनुदानित प्रस्वीकृत मदरसा :सहायता प्राप्त: अनुदानित प्रस्वीकृत संस्कृत :सहायता प्राप्त: प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं को वर्ष 2015 तक छात्रवृत्ति की राशि नगद रूप में उपलब्ध करायी गयी है.

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