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सर्विस डिलिवरी में पिछड़ा पटना

पटना: देश के 21 बड़े शहरों के हुए सर्वेक्षण में कोई भी शहर 10 में से पांच अंक भी हासिल नहीं कर पाया. मुंबई व तिरूवनंतपुरम 4.2 अंक पाकर सबसे ऊपर रहे. उसके बाद पुणे व कोलकाता रहे, जिन्होंने 4.1 अंक पाया. पटना मात्र 3.4 अंक हासिल कर 11वें जबकि रांची 3.2 अंक पाकर 14वें […]

पटना: देश के 21 बड़े शहरों के हुए सर्वेक्षण में कोई भी शहर 10 में से पांच अंक भी हासिल नहीं कर पाया. मुंबई व तिरूवनंतपुरम 4.2 अंक पाकर सबसे ऊपर रहे. उसके बाद पुणे व कोलकाता रहे, जिन्होंने 4.1 अंक पाया. पटना मात्र 3.4 अंक हासिल कर 11वें जबकि रांची 3.2 अंक पाकर 14वें स्थान पर रहा. पिछले सर्वे में पटना को चौथा, जबकि रांची को 15वां स्थान मिला था. आइकन के तौर देश के बाहर के दो बड़े शहर लंदन व न्यूयार्क को भी इसमें जोड़ा गया, जिनका आंकड़ा दस में क्रमश: 9.4 व 9.7 प्रतिशत रहा. पहली बार किसी सर्वेक्षण में सड़क, चौबीस घंटे पानी, स्लम इलाकों की बजाय त्रुटिपूर्ण विधानों, नीतियों, प्रक्रियाओं व प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है, जो प्रत्यक्ष रूप से मूल व्यवस्था को प्रभावित करते हैं.

जनाग्रह द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में शहर के संसाधन, निवेश और खर्च करने की क्षमता पर पूरा फोकस किया गया है. इसके लिए आबादी के हिसाब से देश के 21 शहर चुने गये. चुने गये 21 शहरों में पांच की आबादी 50 लाख से एक करोड़, 12 शहरों की आबादी 10 से 50 लाख व चार शहरों की आबादी 05 लाख से 10 लाख के लगभग रही.
शहरी क्षमता व संसाधन
बुनियादी सुविधाओं में निवेश के मामले में पटना को अच्छे अंक मिले हैं. इसमें उससे ऊपर मुंबई, पुणे व दिल्ली ही है. निगम के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की स्थिति में पटना दूसरे छोटे शहरों के समान ही है. सर्वे में पाया गया कि 21 में से पटना सहित छह शहर अपने स्तर से राशि जेनरेट कर सकते हैं. व्यवस्था सुधार के लिए इन शहरों में प्रोपर्टी टैक्स सहित दूसरे टैक्स लगाये जा सकते हैं. कुशल मानव संसाधन उपलब्धता के मामले में पटना का स्थान आठवां है. पटना नगर निगम में 65 फीसदी मानव कर्मी के पद खाली हैं.
पारदर्शिता, जवाबदेही व भागीदारी
नगर सरकार में किये जाने वाले कार्यों की पारदर्शिता, जवाबदेही व उसमें आम जनता की भागीदारी के मामले में पटना आठ शहरों से पिछड़ा है. नागरिक समस्याओं के समाधान को लेकर शहर में बनायी गयी आइवीआरएस व अपना पटना एप को लेकर भले ही अंक मिले हो, लेकिन उसकी उपयोगिता बहुत ही सीमित है. आइवीआरएस सिस्टम खत्म हो गया जबकि एप पर दिये गये समस्याओं का समाधान ही नहीं हो पाता. इस मामले में चेन्नई व रांची शहर काफी पिछड़े हैं, जबकि तिरूवनंतपुरम सबसे आगे है.
सशक्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व
शहर के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को हासिल शक्तियों के मामले में पटना बड़े शहरों से भले ही पिछड़ा हो, लेकिन छोटे शहरों से कम अंक भी नहीं मिले. अहमदाबाद व बंगलुरू शहर में मेयर का कार्यकाल महज एक वर्ष जबकि मुंबई में ढ़ाई साल का होता है. इसके मुकाबले पटना नगर निगम में पांच साल का मेयर चुने जाने की वजह से स्थायित्व होता है. लोकतांत्रिक शहर के कॉलम में इसे 6.6 अंक मिले हैं. साफ वोटर लिस्ट व वोटर टर्नआउट को इसका आधार बनाया गया है.
सर्वे में और क्या
वित्तीय स्थिरता में हैदराबाद और पुणे अव्वल
सर्वे में पाया गया है कि वर्तमान में सिर्फ पांच राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटका व पंजाब ही स्वयं अपने स्तर से शहरीकरण को मैनेज करने में सक्षम हैं. वित्तीय स्थिरता में इनके दो शहरों हैदराबाद व पुणे ने 10 में 8.6 अंक हासिल किये हैं. राजस्व व शहरीकरण में लंदन व न्यूयार्क ने 10 में 10 अंक हासिल किये हैं. इस मामले में देश के शहरों में मुंबई पांच अंक लेकर सबसे ऊपर रहा. उसके बाद दिल्ली 4.7 व पुणे 4.6 का नंबर रहा.
जीडीपी की हिस्सेदारी भी नग्न
देश के शहरों की राष्ट्रीय जीडीपी में हिस्सेदारी भी बिलकुल नग्न है. नगर निकायों की कुल आमदनी देश की कुल जीडीपी का मात्र 0.75% है जबकि चीन के टॉप आठ शहर ही देश की जीडीपी में 21% का योगदान करते हैं.
मेयर की शक्तियां सीमित
सर्वे में भारतीय शहरों में मेयर की सीमित शक्तियों का जिक्र भी किया गया है. दूसरे कई देशों के शहरों में मेयर किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरह अधिकार रखते हुए निगम की सत्ता का संचालन करते हैं, जबकि भारतीय शहरों में उनके पास वैसे अधिकार नहीं होते. इस्तांबुल (तुर्की), जकार्ता (इंडोनेशिया) व ब्यूनर्स आयर्स (अर्जेंटीना) जैसे शहरों में मेयर रह चुके लोग अपने देश की सत्ता भी संभाल रहे हैं.
पूछे गये ग्यारह सवाल
पटना को मिले अंक
आपके शहर में स्थानिक विकास योजना की एक विकेंद्रित प्रणाली है : अंक-4.0
आपका शहर स्थानिक विकास योजना को सफलतापूर्वक लागू कर सकता है अंक-0.0
आपके शहर में नियम का उल्लंघन रोकने के लिए प्रभावी तंत्र है
अंक-0.0
क्या आपका शहर सहभागी नियोजन को प्रोत्साहित करता है अंक-5.0
क्या आपका शहर बुनियादी सुविधाओं व सेवाओं में पर्याप्त धन निवेश करता है अंक-4.0
क्या आपके शहर में कुशल मानव संसाधन की पर्याप्त संख्या है अंक-3.6
क्या आपका शहर सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करता है अंक-1.7
क्या आपके शहर के नेता के पास पर्याप्त शक्ति है अंक-2.7
क्या आपका शहर सही मायने में लोकतांत्रिक है अंक-6.7
क्या आपके शहर में पर्याप्त नागरिक सुरक्षा व भागीदारी प्रणाली है ® 4.2
कैसे नागरिकों की शिकायतों का समाधान करता है अंक-2.1

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