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दवा के लिए पैसे नहीं, हफ्ता बाद ड्रेसिंग भी होगी मुश्किल
पीएमसीएच. कॉरपोरेशन नहीं दे रही दवा राज्य में एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश हो रही हैं. वहीं, दूसरी ओर सबसे प्रमुख सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की स्थिति जर्जर होती जा रही है पटना : पीएमसीएच में दवाओं का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है. इंडोर में सिर्फ 87 दवाइयां बची हैं. […]
पीएमसीएच. कॉरपोरेशन नहीं दे रही दवा
राज्य में एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश हो रही हैं. वहीं, दूसरी ओर सबसे प्रमुख सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की स्थिति जर्जर होती जा रही है
पटना : पीएमसीएच में दवाओं का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है. इंडोर में सिर्फ 87 दवाइयां बची हैं. वहीं, ओपीडी में केवल सात दवाएं शेष हैं. जो दवाइयां उपलब्ध भी हैं वे सामान्य मरीजों के काम की नहीं हैं. अस्पताल प्रशासन के पास दवा खरीदने के लिए फंड नहीं बचा है और बीएमएसआइसीएल पिछले एक साल से अस्पताल को दवा नहीं दे रहा है.
दिसंबर में विभाग से हुई थी 14 करोड़ की मांग : पीएमसीएच को दवा खरीद के लिए 33 करोड़ रुपये का फंड दिया गया था, जो दिसंबर से पहले ही खत्म हो गया. इसके बाद दिसंबर में अस्पताल प्रशासन की आेर से 14 करोड़ रुपये की मांग की गयी थी. मार्च का महीना खत्म होेने को है लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है.
जरूरत 72 करोड़ की, मिलते हैं 33 करोड़ : पीएमसीएच में हर महीने छह करोड़ रुपये की दवा की खपत होती है. ऐसे में सालाना 72 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. लेकिन, सरकार की ओर से महज 33 करोड़ दिये जाते हैं.
पटना : सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में अगले महीने से 22 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होंगी. पटना डेंटल काॅलेज में नामांकन आरंभ होने के सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. पटना मेडिकल काॅलेज अस्पताल परिसर को दलालों से मुक्त कराया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा कि राज्य के अस्पतालों में अगले माह से बीएमएसआइसीएल द्वारा 22 दवाओं की आपूर्ति शुरू हो जायेगी. इसके लिए सभी प्रक्रिया को पूरी कर ली गयी है. भाजपा के मंगल पांडेय के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब में मंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर दवाओं की खरीद के लिए सभी सिविल सर्जन को एक लाख रुपये तक की खरीद के लिए अधिकृत किया गया है. मंत्री ने स्वीकार किया कि सरकारी अस्पतालों के आेपीडी में 33 प्रकार और इनडोर में 112 दवाएं निर्धारित हैं.
दवा के नाम पर रूई व ग्लव्स को भी जोड़ा
पीएमसीएच के इंडोर में मरीजों के लिए सर्जिकल व मेडिकल को मिला कर 87 दवाइयां हैं. लेकिन, जब मरीजों को दवा की जरूरत पड़ती है, तब मालूम चलता है कि दवाइयां नहीं है. इसका कारण है कि इंडोर में मौजूद रूई, बैंडेज, ग्लव्स, सलाइन आदि को भी दवा के रूप में जोड़ा गया है. ऐसे में जब गंभीर मरीज इमरजेंसी में पहुंचता है, तो उसके परिजनों को हर दवा बाहर से लानी पड़ती है. यही हाल ओपीडी का भी है.
फंड आते ही िमलने लगेंगी दवाइयां
इंडोर में दवाइयां हैं. ओपीडी में थोड़ी कमी है. विभाग को फंड के लिए लिखा गया है. फंड आते ही मरीजों को दवाइयां मिलने लगेंगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
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