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50 स्कूलों में बिना जांच के ही भेज दी छात्रवृत्ति की राशि
घपेलबाजी : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व निकासी व्ययन पदाधिकारी करेंगे जांच पटना : पटना जिले के 50 से ज्यादा स्कूलों को बगैर जांचे-परखे लाखों रुपये की छात्रवृति राशि भेज दी गयी. शिक्षा और कल्याण विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से सरकारी राशि का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया गया. मामला 2014-15 की प्री मैट्रिक […]
घपेलबाजी : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व निकासी व्ययन पदाधिकारी करेंगे जांच
पटना : पटना जिले के 50 से ज्यादा स्कूलों को बगैर जांचे-परखे लाखों रुपये की छात्रवृति राशि भेज दी गयी. शिक्षा और कल्याण विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से सरकारी राशि का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया गया. मामला 2014-15 की प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप का है.
तब विद्यालय शिक्षा समिति के बैंक खाते में राशि भेजी जाती थी. जिला शिक्षा कार्यालय अब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और निकासी व्ययन पदाधिकारी की टीम बना कर इसकी जांच में जुट गया है. स्कूल है भी या नहीं? स्कूलों का बैक खाता कहां है और उसकी संख्या क्या है? उसमें कब-कब राशि हस्तांतरित की गयी? जांच में यह सभी जानकारी मांगी गयी है. जांच के बाद कुछ और सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं. मामला करोड़ों तक पहुंच सकता है.
तीन स्कूलों की जांच के बाद आगे बढ़ी कार्रवाई : तीन गलत खाते में राशि भेजने का मामला सामने आने के बाद कार्रवाई आगे बढ़ी है. इन तीन स्कूलों में दो स्कूल ऐसे थे जो कहीं जमीन पर हैं ही नहीं.
एक स्कूल ऐसा पाया जिसका बैंक एकाउंट नंबर गलत था. गलत खाते के कारण राशि स्कूल में नहीं बल्कि किसी ऐसे व्यक्ति के खाते में हस्तांतरित कर दी गयी जो न तो विद्यालय शिक्षा समिति से जुड़ा था और न ही स्कूल से. इस मामले में पहले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी. उनकी जांच में पुष्टि होने के बाद निकासी और व्ययन पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी.
निकासी और व्ययन पदाधिकारी ने रिपोर्ट में कहा है कि यह स्कूल है ही नहीं. कागजी स्कूलों में बाढ़ के कंसाबिगहा का मध्य विद्यालय और रघुनाथपुर का उत्क्रमित मध्य विद्यालय शामिल हैं. वहीं, उच्च विद्यालय, साईं, धनरुआ का नाम सही है, लेकिन जिस खाते में राशि भेजी गयी, वह शिक्षा समिति का नहीं है.
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