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गंगा को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का होगा विरोध
जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा पटना : गंगा को राष्ट्रीय राज मार्ग बनाने के केंद्र सरकार की योजना का बिहार सरकार विरोध करेगी. जरूरत पड़ी, तो हम इस योजना के खिलाफ कोर्ट में भी जाने से नहीं हिचकेंगे. यह घोषणा मंगलवार को विधानसभा में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने की. वे सदन […]
जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा
पटना : गंगा को राष्ट्रीय राज मार्ग बनाने के केंद्र सरकार की योजना का बिहार सरकार विरोध करेगी. जरूरत पड़ी, तो हम इस योजना के खिलाफ कोर्ट में भी जाने से नहीं हिचकेंगे. यह घोषणा मंगलवार को विधानसभा में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने की. वे सदन में जल संसाधन विभाग का बजट पेश कर रहे थे. असंतुष्ट विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया.
सदन ने विभाग का 22 अरब, 79 करोड़, छह लाख और 13 हजार का बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया. जल संसाधन मंत्री ने कहा कि गंगा को राष्ट्रीय राज मार्ग घोषित किये जाने से सबसे अधिक नुकसान बिहार का होगा. इससे इतना शिल्ट्रेशन होगा कि गंगा किनारे बसे शहरों पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जायेगा. इस योजना पर ग्रीन ट्रब्यूनल तक ने आपत्ति जतायी है. हम भी इस योजना का गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं.
जल संसाधन विभाग में कार्य बंटवारा कर दिया गया है.विभाग अब बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई का काम अलग-अलग मोरचों पर देखेगा. उन्होंने स्वीकार किया कि भूमि अधिग्रहण की समस्या को ले कर सिंचाई की कई योजनाएं सही समय पर जमीन पर नहीं उतर पा रही है. अब विभाग सिंचाई योजनाअों को जमीन पर उतारने के लिए वार्षिक योजना बना रहा है. जो योजनाएं तय होंगी, उसे हर हाल में तय समय सीमा में जमीन पर उतारेंगे.
उन्होंने कहा कि विभाग 118. 3 लाख और 71 लाख हेक्टेयर में 25 लघु व मध्यम सिंचाई योजनाओं से सिंचाई सुविधा मुहैया करायी जायेगी. यही नहीं, नालंदा-पटना के पुराने जमींदारी बांधों को भी दुरुस्त करने का सरकार ने लक्ष्य तय कर दिया है. सरकार ने इसके लिए भागलपुर, बेतिया, वीरपुर, सासाराम और पटना में अलग-अलग जोन बना कर काम कराने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सात दिन पहले रेड-अलर्ट की सूचना मुहैया कराने पर विभाग मंथन कर रहा है. फिलहाल बागमती नदी तट पर ही 24 घंटे में बाढ़ अलर्ट की सुविधा मुहैया करायी गयी है. बागमती के बाद कोसी-गंडक का क्षेत्र बाढ़ आपदा झेलने वाला दूसरा बड़ा क्षेत्र है, वहां तीन दिन पहले बाढ़ की पूर्व सूचना मुहैया कराने की योजना पर भी विभाग मंथन कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इंद्रपुरी जलाशय से रबी सिंचाई के लिए अब किसानों को पर्याप्त पानी मिलेगा. उत्तर-प्रदेश और झारखंड सरकार नें इंद्रपुरी जलाशय को ले कर अपना आपत्तियां वापस ले ली हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में फ्लड-फाइटिंग के लिए प्रभावित इलाकों में मैटेरियल एक पखवारे पहले ही एकत्रित कर लिये जायेंगे. सूबे में कटाव निरोधक कार्य के लिए 636 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है. इस योजना के तहत 15 मई तक कटाव निरोधक कार्य पूरा करने का लक्ष्य डिवीजनल इंजीनियरों को दिया गया है.
जल संसाधन विभाग के बजट प्रस्ताव पर भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने कटौती प्रस्ताव लाया था. बजट को ले कर हुई बहस में रामदेव रॉय, ललन पासवान, जीवेश कुमार, डा. अशोक कुमार, रणधीर सिंह सोनी, प्रभुनाथ प्रसाद, महबूब आलम, प्रहलाद यादव, राजू तवारी, डा. रवींद्र यादव और सीताराम यादव आदि ने भाग लिया.
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