बिहार : अवैध तरीके से लिंग जांच करने वाले 200 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ मामला दर्ज

पटना : बिहार विधानसभा में आज राज्य सरकार ने प्रति एक हजार पुरुष पर 916 महिला के कारण कम लिंगानुपात पर चिंता जताते हुए बताया कि बालिका भ्रूण हत्या के विरुद्ध की गयी कार्रवाई के तहत अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले 200 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. बिहार विधानसभा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 4, 2016 9:50 PM

पटना : बिहार विधानसभा में आज राज्य सरकार ने प्रति एक हजार पुरुष पर 916 महिला के कारण कम लिंगानुपात पर चिंता जताते हुए बताया कि बालिका भ्रूण हत्या के विरुद्ध की गयी कार्रवाई के तहत अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले 200 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

बिहार विधानसभा में आज जदयू विधायक श्याम रजक द्वारा पूछे गये एक अल्पसूचित प्रश्न का स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की अनुपस्थिति में जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष बालिका भ्रूण हत्या के विरुद्ध चलाए गये अभियान के क्रम में अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले 200 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद सदन में उपनेता रजक ने कहा कि बिहार का लिंगानुपात के मामले में देश में 25वां स्थान है जबकि राष्ट्रीय पुरुष-महिला का औसत प्रति एक हजार पुरुष 940 है. श्रवण ने बताया कि बिहार में कुल 2020 अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हैं जिनमें से 1621 सरकारी अस्पतालों में तथा 399 निजी हैं.

उन्होंने बताया कि प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार राज्य में लिंगानुपात बढ़ाने के लिए लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने के साथ महिलाओं के उत्थान के लिए कई नीतियां बनायी है. श्रवण ने शिक्षा के प्रति छात्राओं के आकर्षण बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिमाग की उपज साईकिल एवं पोशाक योजना जिसके कारण माध्यमिक स्तर तक बालिकाओं की उपस्थिति में गुणात्मक वृद्धि हुई का जिक्र करते हुए बताया कि वर्ष 2005 में जहां 9वीं कक्षा में दाखिला लेने वाली छात्राओं की संख्या 1.15 लाख थी वह अब बढ़कर 8.28 लाख पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को बिहार में पूरी संजीदगी के साथ लागू किया गया है.

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