उत्पादन बढ़ाने के साथ जरूरत पड़ने पर बाजार से भी बिजली खरीदेगी राज्य सरकार
दीपक मिश्रा
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चियों में एक सातों दिन 24 घंटे बिजली को घर-घर पहुंचाने का काम ऊर्जा विभाग में मिशन मोड के तर्ज पर चल रहा है. अगले तीन वित्तीय वर्ष 2018-19 तक लक्ष्य पूरा करना है. अगले वित्तीय वर्ष के बजट में ऊर्जा के क्षेत्र में 14367 करोड़ की व्यवस्था की गयी है. 24 घंटे बिजली पहुंचाने के लिए आधारभूत संरचना को भी मजबूत किया जा रहा है. करीब 9000 मेगावाट की बिजली खपत होगी.
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 तक हर घर में सातों दिन 24 घंटे बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. इसके अलावा कृषि क्षेत्र को भी आठ घंटे लगातार बिजली मिलेगी. इसके लिए अलग से फीडर की व्यवस्था की जायेगी. 24 घंटे बिजली के लिए तीन साल में 300 पावर सब स्टेशन का निर्माण होना है. अभी राज्य में 600 पावर सब स्टेशन हैं, जबकि 300 का निर्माण चल रहा है. यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 तक राज्य में 1200 पावर सब स्टेशन हो जायेंगे. अभी राज्य में 98 पावर ग्रिड है, इसकी संख्या भी बढ़ेगी. सात नये सुपर ग्रिड बनाने की योजना है. दुर्गम इलाकों में आॅफ ग्रिड बिजली पहुंचायी जायेगी. इसके लिए सौर ऊर्जा का सहारा लिया जायेगा. इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन लाइन दुरुस्त किये जायेंगे. अभी राज्य में 70 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. बिजली कंपनी के एक वरीय अधिकारी के अनुसार तीन साल में उपभोक्ता की संख्या दो गुनी से भी अधिक हो जायेगी.
राज्य सरकार ने 2012-13 से बिजली को अपनी प्राथमिकता में रखा है और एक लंबी छलांग इस क्षेत्र में लगायी है. अभी राज्य में 3500 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. गरमी में बिजली की खपत 4500 मेगावाट तक होने की उम्मीद है. बिजली कंपनी इसके लिए तैयार भी है. ग्रामीण विद्युतीकरण पर खासा जोर दिया जा रहा है. दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 5850 करोड़ की राशि बिहार को मिली है. साल 2018-19 तक बिजली के क्षेत्र में बीआरजीएफ, आइआरडीपी सहित अन्य योजना में करीब 30 हजार करोड़ खर्च होंगे. बिजली को लेकर सरकार कितनी गंभीर है उसका पता इसी से चलता है कि वह अपने खर्च पर लोगों के घर तक बिजली पहुंचाएगी.