पटना/पंडारक: पटना जिला के टॉप फाइव में शामिल कुख्यात अपराधी रामजनम यादव (लेमुआ सोनू टोला, पंडारक) व उसके दो सहयोगियों मंटू यादव (चिंतामन चक) व प्रियरंजन उर्फ गोरेलाल (गोपिता, पंडारक) को पुलिस की टीम ने कच्ची दरगाह में छापेमारी कर पकड़ लिया. इन लोगों के पास से एक नाइन एमएम पिस्टल, दो मैगजीन, दो देशी कट्टे, 15 कारतूस व एक मोबाइल फोन बरामद किया गया.
पंडारक प्रखंड के टाल व दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ थल व जल पर राइफल की नोक पर अवैध कब्जा कर अपराध की दुनिया में प्रवेश करनेवाला कुख्यात अपराधी रामजनम यादव डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट, रंगदारी व अपहरण के मामले में काफी दिनों से फरार था. वह पिछले पांच वर्षो से पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना था. रामजनम यादव ने पिछले दिनों हरि कंस्ट्रक्शन से 15 करोड़ की रंगदारी मांगी थी और नहीं देने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी. इसकी शिकायत हरि कंस्ट्रक्शन के संजीव कुमार ने 28 नवंबर को एसएसपी से की थी. इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी के निर्देश पर सिटी एसपी जयंतकांत के नेतृत्व में फतुहा डीएसपी सुनीता कुमारी व पंडारक थानाध्यक्ष सुजीत कुमार की टीम पिछले एक माह से लगातार इसकी खोज में लगी थी और अंतत: कच्ची दरगाह में रामजनम व उसके साथियों के होने की जानकारी मिली.
चार लोगों की एक साथ कर दी थी हत्या
पंडारक क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर रामजन्म यादव व उदय यादव के गिरोहों के बीच कई बार दियारा क्षेत्र में गोलीबारी की घटना घट चुकी है. उदय यादव फिलहाल जेल में है. 15 सितंबर को पंडारक दियारा स्थित मेला घाट के निकट गंगा नदी से निकली सोता में मछली मारने को लेकर रामजनम यादव गिरोह द्वारा की गयी अंधाधुंध फायरिंग का चार लोगों की मौत हो गयी थी. हाल में ही रंगदारी नहीं मिलने से नाराज उक्त गिरोह ने लेमुआवाद हॉल्ट के निकट निर्माणाधीन बिजली टावर मजदूरों के कैंप पर रात्रि में हमला कर उनकी जम कर पिटाई कर दी ,जिसमें आधा दर्जन से ऊपर मजदूर जख्मी हो गये थे. इसी तरह एनटीपीसी प्रोजेक्ट में काम रही कई निजी कंपनियों द्वारा रंगदारी नहीं देने पर कार्यस्थल पर गोलीबारी करने के आधे दर्जन से ऊपर मामले दर्ज हैं.
गिरफ्तार किये गये मंटू व गोरेलाल भी पंडारक थाना क्षेत्र में कई संगीन वारदातों को अंजाम दे कर फरार थे. इन दोनों को भी पुलिस काफी दिनों से खोज रही थी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि रामजनम के गिरोह में करीब 10 अपराधी शामिल हैं. इनमें से आधा दर्जन को पकड़ कर जेल भेजा जा चुका है. इसकी गिरफ्तारी में अच्छा कार्य करने के कारण पंडारक थानाध्यक्ष को पुरस्कृत किया जायेगा.