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अधर में जलापूर्ति योजना, कई पंप हाउस खराब

पानी पर संकट. फरवरी में ही िबगड़ने लगे हालात, तो अप्रैल-मई में भयावह हो सकती है समस्या प्रभात रंजन पटना : गरमी के दस्तक देते ही राजधानी में पेयजल संकट दिखने लगा है, जबकि अभी पूरी गरमी बाकी है. अभी फरवरी भी पूरी तरह से नहीं गुजरी है. ऐसे में अप्रैल-माह में क्या होगा. यह […]

पानी पर संकट. फरवरी में ही िबगड़ने लगे हालात, तो अप्रैल-मई में भयावह हो सकती है समस्या
प्रभात रंजन
पटना : गरमी के दस्तक देते ही राजधानी में पेयजल संकट दिखने लगा है, जबकि अभी पूरी गरमी बाकी है. अभी फरवरी भी पूरी तरह से नहीं गुजरी है. ऐसे में अप्रैल-माह में क्या होगा.
यह किसी से छिपी नहीं है कि अप्रैल-मई में जब गरमी चरम पर रहती है, तो निगम क्षेत्र के लगभग मुहल्लों में सप्लाइ वाटर की व्यवस्था चरमरा जाती है. हालांकि इससे निजात दिलाने के लिए वर्ष 2012 में 537 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना बनायी गयी, साथ ही योजना पूरा करने को लेकर गैमन इंडिया नामक एजेंसी चयनित की गयी. इसके बाद चयनित एजेंसी ने कार्य भी शुरू कर दिया, लेकिन निर्धारित समय सीमा में योजना पूरी नहीं की. इससे दिसंबर 2014 में कार्य को वापस ले लिया गया. अब विभागीय स्तर बाकी कार्यों को पूरा किया जायेगा. हालांकि, अब तक योजना शुरू नहीं की गयी है, वहीं इस बार समय से पहले गरमी आ गयी है.
अभी से हांफने लगे हैं पंप हाउस
निगम क्षेत्र में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 98 स्थानों पर पंप हाउस स्थापित किये गये हैं. इन पंप हाउस के माध्यम से सुबह-शाम पानी सप्लाइ की जा रही है. हालांकि, गरमी बढ़ते ही राजधानी के जल स्तर नीचे चला जाता है और लगभग सभी पंप हाउस हांफना शुरू कर देता है.
इससे मोटर जलने की समस्या आम हो जाती है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी गरमी शुरू नहीं हुई है, लेकिन पटना सिटी के इलाकों में पीने के पानी की समस्या गहरा गयी है. वहीं, करबिगहिया, श्रीकृष्णा नगर, किदवईपुरी आदि इलाकों में भी पेयजल संकट शुरू हो गया है.
अब दो भागों में पूरी होगी जलापूर्ति योजना
नगर आवास विकास विभाग ने पटना जलापूर्ति योजना को दो भागों में पूरा करने का निर्णय लिया है.इस योजना के पहले भाग में गैमन इंडिया द्वारा किये गये आधे-अधूरे कार्यों को पूरा किया जायेगा और दूसरे भाग में निगम बोर्ड अपने स्तर से काम को पूरा करायेगा. विभाग ने योजना के पहले हिस्से को पूरा करने की जिम्मेवारी बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (बुडको) को दिया है. बुडको द्वारा 171.70 करोड़ की लागत से निगम क्षेत्र के 18 वार्डों में बने आधे-अधूरे जल मीनार टावरों का निर्माण कार्य पूरा करने के साथ-साथ जलापूर्ति पाइप बिछायेगा.
फिलहाल ग्राउंड वाटर की ही होगी आपूर्ति पटना जलापूर्ति योजना केतहत राजधानीवासियों को गंगाजल व ग्राउंड वाटर घर-घर पहुंचाना था. गंगा पानी को प्यूरिफाइ करने के लिए दीघा में वाटर ट्रीटमेंनट प्लांट लगाया गया, जो आधा-अधूरा निर्मित है.
हालांकि, इस योजना के अधर में लटकने के बाद वर्तमान में ग्राउंड वाटर ही सप्लाइ करने की योजना तैयार की गयी है. इसको लेकर निगम के 18 वार्डों में पंप हाउस को दुरूस्त करने के साथ-साथ जल मीनार बनाये जायेंगे और पाइप लाइन बिछायी जायेगी. फिर योजना पूरा होने के बाद इन वार्डों में 24 घंटे ग्राउंड वाटर सप्लाइ सुनिश्चित की जायेगी.
89 किलोमीटर बिछायी जायेगी पाइप लाइन
नगर निगम के 18 वार्डों में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 89 किलोमीटर पाइप लाइन की डीपीआर तैयार की गयी है. इसमें पूर्व में योजना पर काम कर चुके गैमन इंडिया ने इन वार्डों में जल मीनार बनाने के साथ-साथ 33 किमी पाइन लाइन भी बिछा दी है.
अब नये प्रोजेक्ट के तहत 55.34 किमी पाइप लाइन बिछायी जायेगी और जल मीनार टाॅवर निर्माण किया जायेगा, जिस पर 171.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हालांकि, इस योजना को पूरा होने के बाद भी राजधानी में पीने के पानी की समस्या से निजात नहीं मिलेगी. इसका मुख्य कारण है कि 54 वार्डों में यह योजना कैसे पूरी होगी और कौन पूरा करायेगा, इसको लेकर विभागीय स्तर पर निर्णय लिया जाना है.

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