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प्रभात फौरन : विस्तार नहीं बढ़ने से बढ़ा खतरा

पटना : पटना एयरपोर्ट के मसले पर केंद्र व राज्य सरकार के बीच चल रही राजनीति का खामियाजा हर दिन करीब 2800 यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. छोटा रनवे होने की वजह से पटना एयरपोर्ट पर किसी फ्लाइट की नॉर्मल लैंडिंग नहीं हो पाती. तमाम फ्लाइट को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर लैंड कराया जाता […]

पटना : पटना एयरपोर्ट के मसले पर केंद्र व राज्य सरकार के बीच चल रही राजनीति का खामियाजा हर दिन करीब 2800 यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. छोटा रनवे होने की वजह से पटना एयरपोर्ट पर किसी फ्लाइट की नॉर्मल लैंडिंग नहीं हो पाती. तमाम फ्लाइट को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर लैंड कराया जाता है. इस कारण यात्रियों की सांस अटकी रहती है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने अब तक आधा दर्जन से अधिक बार पटना एयरपोर्ट को नोटिस दिया है. इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल पा रहा. एयर बस 320 और बोइंग 737 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए रनवे की लंबाई कम से कम 9000 फुट होनी चाहिए. लेकिन, पटना एयरपोर्ट रनवे की कुल लंबाई 7500 फुट है.
उसमें भी अगल-बगल के अवरोध के चलते 6409 फुट रनवे ही उपयोग में आ पाता है. रनवे छोटा होने के कारण ही बिहार के हज यात्री पटना की बजाय गया एयरपोर्ट से उड़ान भरते हैं.
नहीं हो पा रहा विस्तार, जमीन बनी बाधा : पटना एयरपोर्ट के विकास की संभावना नहीं बनती देख कर राज्य सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कई बार दूसरे जगह पर नया एयरपोर्ट बनाने की संभावना पर चर्चा की.
लेकिन, अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके. एयरपोर्ट के पास जमीन नहीं होने की वजह से विस्तार में समस्या हो रही है. सामान्य तौर पर पटना एयरपोर्ट पर सात-आठ फ्लाइट की ही सुविधा है, पर फिलहाल 15-16 फ्लाइट हर दिन उड़ान भर रहे हैं. एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक अगर किसी समय तीन फ्लाइट एक साथ आ जाय, तो किसी हेलिकॉप्टर को भी खड़े रखने की जगह भी नहीं मिलेगी.
देश के 11 खतरनाक एयरपोर्टों में शामिल : पटना एयरपोर्ट आज भी देश के 11 उन खतरनाक हवाई अड्डे में शामिल है, जहां पर रनवे की लंबाई बड़े विमानों की लैंडिंग के अनुकूल नहीं है. इस एयरपोर्ट पर गो एयर व इंडिगो एयरबस ए-320 चलाती है, जिसमें कुल 180 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है.
केंद्र ने चार जगहों पर नये एयरपोर्ट का दिया प्रस्ताव : केंद्र ने पटना एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर चार नये जगहों पर एयरपोर्ट का प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया है. केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता सह संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी ने पिछले साल इसकी कार्य योजना पेश की थी.
इन चार जगहों पर दिया गया था प्रस्ताव
1. बिहटा एयरपोर्ट : बिहटा एयरपोर्ट का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकता है. वर्तमान में बिहटा एयरपोर्ट का इस्तेमाल इंडियन एयर फोर्स कर रही है, जिसमें फिलहाल वायुसेना की चयन प्रक्रिया के लिए परीक्षा होती है. खराब मौसम में भी पटना की तुलना में बिहटा में विमान उतारना आसान होगा.
3. दिघवारा के समीप : पटना से इस क्षेत्र की दूरी मात्र पंद्रह मिनट है. आरा-डोरीगंज सेतु के कारण यह क्षेत्र राज्य के लगभग सभी जिलों से सीधे जुड़ जायेगा. इस क्षेत्र में उपलब्ध भूमि का राज्य सरकार की सहमति से अधिग्रहण कर यहां पटना शहरी विकास द्वारा न्यू पटना बसाया जा सकता है.
2. गया एयरपोर्ट : गया एयरपोर्ट को वाणिज्यिक उपयोग के लिए खोला जाय. गया के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दूरी पटना से लगभग 100 किमी है. यहां सप्ताह में कुछ हवाई जहाज उतरते और उड़ान भरते हैं. यहां से हज यात्रा के दौरान दोहा और कतर के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन भी होता है.
4. दियारा क्षेत्र : पटना से सटे गंगा दियारा क्षेत्र में नये एयरपोर्ट का निर्माण हो सकता है. पटना के नजदीक दियारा क्षेत्र में नदी के सिमटने से लगभग पांच हजार एकड़ भूमि नदी के बाहर आ गयी है, जिस पर राज्य सरकार का स्वामित्व है. इस क्षेत्र के निकट ही कोलकाता से पटना के लिए जलमार्ग भी है.

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