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22 करोड़ रुपये से बनेंगे पुल-पुलिया

पटना : वित्तीय वर्ष 2015-16 में पटना जिले में 22 करोड़ रुपये की राशि से पुल-पुलिया बनाये जायेंगे. 13 करोड़ की राशि से बड़े पुल बनेंगे और नौ करोड़ रुपये की राशि पुलियों पर खर्च होगी. एक पुलिया की लागत 25 लाख रुपये से कम होगी और बड़े पुल की लागत 25 लाख रुपये से […]

पटना : वित्तीय वर्ष 2015-16 में पटना जिले में 22 करोड़ रुपये की राशि से पुल-पुलिया
बनाये जायेंगे. 13 करोड़ की राशि से बड़े
पुल बनेंगे और नौ करोड़ रुपये की राशि पुलियों पर खर्च होगी. एक पुलिया की लागत 25 लाख रुपये से कम होगी और बड़े पुल की लागत 25 लाख रुपये से ज्यादा होगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय बीस सूत्री कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया. नये वित्तीय वर्ष में चयनित योजनाओं की सूची जनप्रतिनिधि जल्द ही सौंप देंगे, ताकि इस पर काम शुरू हो सके. बैठक में पीएचइडी, स्वास्थ्य, शिक्षा की योजनाओं की समीक्षा भी हुई.
धीमी याेजनाओं पर सवाल
चापाकल स्वीकृति की योजनाएं बहुत धीमी गति से चल रही हैं. इस पर ज्यादातर जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाये. उनका कहना था कि पीएचइडी विभाग बहुत ही गलत तरीके से काम करता है. योजनाओं की धीमी गति होने से उन्हें लोगों के सवाल झेलने पड़ते हैं.
बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में जलापूर्ति की योजनाएं भी काफी धीमी गति से चल रही है. इस पर प्रभारी मंत्री ने विभाग को सही तरीके से काम करने के निर्देश दिये. डीएम संजय अग्रवाल ने बताया कि पीएचइडी के दोनाें एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभी प्रतिनियुक्त नहीं हैं. इस कारण हालत ठीक नहीं है. अधीक्षण अभियंता को तेजी से काम करने के लिए कहा है. प्रतिनियुक्ति होते ही सुधार आ जायेगा.
42 करोड़ से होगा विकास
पटना जिले के शहरों का विकास 42 करोड़ की राशि से होगा. मुख्यमंत्री नगर विकास योजना से 2014-15 में 41 करोड़ का आवंटन मिला था. नये वित्तीय वर्ष में एक करोड़ की राशि अधिक मिलेगी. डीएम ने कहा कि नगर विकास योजनाओं की प्रगति अभी तक संतोषजनक है और जल्द ही पुरानी योजनाएं पूरी होंगी. उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में नगर पंचायत फतुहा और पटना नगर निगम के दीघा विस क्षेत्र की योजनाओं की अनुशंसा अभी तक नहीं मिली है. चार दिनों में वे अनुशंसा उपलब्ध करा देंगे, इस कारण इसे अनुमोदित समझा जाये.
…तो बदलेगी एजेंसी
पटना के अनुमंडलों में वित्तीय वर्ष 2012-13 और 13-14 की कई योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं. इस कारण अब वहां एजेंसी बदलने का निर्णय लिया गया है. डीएम ने बताया कि एजेंसी के तौर पर मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, दानापुर, पालीगंज, मसौढ़ी में अब डूडा की जगह आरइओ काम करेगा. पटना जिले के हर अनुमंडल में आरइओ के कार्यालय हैं और वहां पर कोई ज्यादा काम नहीं है. इसी कारण अब वहां पर नयी एजेंसी के तौर पर उन्हें काम दिया गया है.
मनेर पीएचसी में डाॅक्टर कम
मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मनेर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की कमी है. इस कारण ग्रामीणों को इलाज कराने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. डीएम ने इसका समाधान करने का भरोसा दिलाया. बीस सूत्री सदस्यों ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की मांग उठायी. प्रावधान नहीं होने की बात कह कर मुद्दे को खत्म कर दिया गया.

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