पटना: राज्य के उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पाद देने के लिए जिला स्तर पर विश्वस्तरीय दूध जांच केंद्र खोला जायेगा. दूध जांच की व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए राज्य सरकार 207 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. राज्य सरकार ने यह राशि कंफेड को उपलब्ध करा दिया है. फिलहाल दूध की जांच की यह व्यवस्था कंफेड परिसर में है. जहां राष्ट्रीय स्तर की जांच की सुविधाएं उपलब्ध है. राज्यभर दूध से संबंधित मिली शिकायतों की जांच यही किया जाता है. कंफेड के अधिकारी ने बताया कि सरकार की योजना है कि उपभेक्ताओं को एक सौ फीसदी शुद्ध गुण्वत्तायुक्त दूध और इससे संबंधित प्रोडक्ट लोगों को मिले.
जल्द ही इसी स्तर की जांच की व्यवस्था जिला स्तर किया जायेगा, ताकि स्थानीय स्तर भी दूध से संबंधित मिले शिकायतों को दूर किया जा सके. इससे दूध में मिलावट से लेकर अन्य प्रकार के तत्वों की भी जांच संभव होगा. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मिल्क फेडरेशन के स्तर पर जांच की व्यवस्था है. यहां अति अावश्यक जांच की व्यवस्था है. कंफेड अधिकारी के अनुसार राज्य में दूध का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. दूध उत्पादों की व्यवसाय भ्ज्ञी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में जांच की उच्चस्तरीय व्यवस्था समय की मांग है. फिलहाल राज्य में 20 लाख लीटर रोजना दूध का उत्पादन हो रहा है. इसका संग्रहण राज्य के आठ मिल्क यूनियन के द्वारा किया जाता है.
कंफेड के एमडी प्रेम सिंह ने मीणा ने कहा कि कंफेड केंपस स्थित मिल्क टेस्टिंग संयत्र के आधुनिकीकरण से हमारे दूध और दूध उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के दूध उत्पादों की श्रेणी में होगी. उन्होंने बताया कि संयत्र के आधुनिकीकरण का काम पूरा होते ही जिला स्तर पर ऐसी ही व्यवस्था किया जायेगा. इससे हर स्तर पर लोगों को गुणवत्तायुक्त दूध और इससे संबंधित उत्पाद मिलेगा.