10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्य में बीज उत्पादन बढ़ाने की जरूरत

पटना : बिहार को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज की उत्पादकता बढ़ाने और राज्य में बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. राज्य में बीज उत्पादन को तीन गुणा बढ़ाने की जरूरत है. अभी राज्य में सभी तरह के फसलों के बीज का उत्पादन पांच लाख टन होता है, जबकि जरूरत […]

पटना : बिहार को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज की उत्पादकता बढ़ाने और राज्य में बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. राज्य में बीज उत्पादन को तीन गुणा बढ़ाने की जरूरत है.
अभी राज्य में सभी तरह के फसलों के बीज का उत्पादन पांच लाख टन होता है, जबकि जरूरत 15 लाख टन की है. इसे तीन गुणा बढ़ाने की जरूरत है. इस लक्ष्य को पाने के लिए शनिवार को कृषि विभाग के बामेती में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन विभाग के कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने किया.
इसी दौरान एक अन्य कार्यशाला में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की रूपरेखा तैयार करने पर भी चर्चा हुई. इसके लिए जिला सिंचाई योजना तैयार करने की बात कही गयी. बीज से जुड़ी कार्यशाला में सभी निजी उत्पादकर्ता, प्रसंस्करण इकाईयों के मालिक, बीज व्यापारी के अलावा इस क्षेत्र से जुड़े अन्य लोग शामिल हुए. सभी लोगों ने बीज उत्पादन बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख प्रस्ताव दिये. इस प्रस्ताव पर कृषि विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा.
ये आये तीन प्रस्ताव : 1. बीज उत्पादन पर अनुदान दिया जाये, जिस तरह वितरण पर दिया जाता है. 2. जो कंपनी यहां अपने बीज बेचती हैं, उन्हें कुल खपत का आधे बीज का उत्पादन राज्य में ही करने के लिए बाध्य किया जाये 3. निजी उत्पादकों को बीज उत्पादन में के लिए प्रोत्साहित किया जाये.
सभी जिलों का बने अपना ‘वाटर बजट’
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का समुचित लाभ लेने के लिए सभी जिलों को अपनी-अपनी सिंचाई योजना तैयार करने के लिए कहा गया. ‘हर खेत को पानी एवं प्रति जल ज्यादा फसल’ के सिद्धांत को खेतों में उतारने के लिए सभी जिलों को वाटर बजट तैयार करने के लिए कहा गया है.
2020 तक के लिए तैयार होने वाले इस बजट में यह तय होगा कि संबंधित जिलों में मौजूद पानी का कितना उपयोग घरेलू, उद्योग और खेती कार्य में करने की जरूरत है. जितना पानी मौजूद है, उसका संचय करना और इससे सिंचाई के बेहतर संसाधन तैयार करने की योजना तैयार करने को कहा गया है. जिलों में सिंचाई का क्षेत्र कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर चर्चा की गयी. इस कार्यशाला में सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी, आत्मा, लघु जल संसाधन, जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों के अलावा उद्यान निदेशक अरविंद कुमार, उप-निदेशक गणेश राम, संजय कुमार, अशोक कुमार सिन्हा थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें