पटना: बिहार सरकार के एक वरीय आइएएस अधिकारी के आवास की बिजली घंटे भर गुल होना एक स्विच बोर्ड ऑपरेटर को महंगा पड़ गया. दिन ढलते ही कांट्रेक्ट पर कार्यरत इस कर्मी की सेवा समाप्त कर दी गयी. मामला पेसू पश्चिम प्रमंडल के वीवीआइपी क्षेत्र एनसी डिवीजन से जुड़ा है.
गुरुवार की अहले सुबह करीब 2:30 बजे इस क्षेत्र में रहनेवाले एक वरीय आइएएस अधिकारी के घर की बिजली तकनीकी गड़बड़ी से गुल हो गयी. उन्होंने तत्काल एनसी पैनल के फ्यूज कॉल डिपो में फोन पर इसकी शिकायत दर्ज करायी. आधे घंटे बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता देख अधिकारी खुद पेसू कार्यालय पहुंच गये. दीवार फांद कर पहुंचे, तो देखा कि एकमात्र स्विच बोर्ड ऑपरेटर केडी सिंह अंदर मौजूद है.
खबर नहीं कर सके
पूछताछ में ऑपरेटर ने स्वीकार किया कि उनको फोन मिला, लेकिन टेलीफोन की लाइन वन-वे होने से किसी को खबर नहीं कर सकें. आइएएस अधिकारी ने तत्काल सहायक अभियंता का नंबर लगाया, पर उनसे बात नहीं हो सकी. फिर जूनियर इंजीनियर को बुलाया गया. इस दौरान घंटे भर से अधिक समय तक साहब के घर की बिजली गुल रही. पेसू कर्मियों के इस रवैये से खफा वरीय आइएएस ने सुबह होते ही ऊर्जा विभाग में इसकी शिकायत की.
विभाग ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रभारी एमडी संजय कुमार अग्रवाल से पूछा. मामले की गंभीरता को देखते हुए एमडी ने पेसू के अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी ली. इसके बाद संबंधित पदाधिकारियों को लाइन हाजिर भी किया गया. लेकिन, अंत में स्विच बोर्ड ऑपरेटर ही बलि का बकरा बना. प्रशासनिक कारण का हवाला देते हुए उसकी सेवा समाप्त कर दी गयी.
विरोध में किया प्रदर्शन
इधर, इस मामले में सबसे निचले स्तर के कर्मी को दोषी ठहराने को गलत बताते हुए विद्युत तकनीकी कामगार यूनियन ने शुक्रवार को पेसू कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. यूनियन के पदाधिकारियों ने डीजीएम एके श्रीवास्तव से मिल कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और सिर्फ स्विच बोर्ड ऑपरेटर को गलत ठहराने की आलोचना की.