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एक सरकारी बॉडीगार्ड और 10 रिवॉल्वरधारी निजी गार्ड, यह है पीयू कुलपति की सुरक्षा
किसी मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था से भी बढ़ कर है प्रो वाइसी सिम्हाद्री का तामझाम अमित कुमार पटना : एक सरकारी बॉडीगार्ड और 10 रिवॉल्वरधारी निजी गार्ड का हर समय पहरा. आवास पर छह जवानों की पुलिस टुकड़ी और 10 निजी गार्ड की तैनाती. इसके अलावा कार्यालय में 10 अतिरिक्त गार्ड की मौजूदगी. सुरक्षा का […]
किसी मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था से भी बढ़ कर है प्रो वाइसी सिम्हाद्री का तामझाम
अमित कुमार
पटना : एक सरकारी बॉडीगार्ड और 10 रिवॉल्वरधारी निजी गार्ड का हर समय पहरा. आवास पर छह जवानों की पुलिस टुकड़ी और 10 निजी गार्ड की तैनाती. इसके अलावा कार्यालय में 10 अतिरिक्त गार्ड की मौजूदगी. सुरक्षा का यह तामझाम केंद्र या राज्य के किसी मंत्री का नहीं बल्कि पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री का है. इसके बावजूद, साहब विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों से ही भयभीत रहते हैं. मन में ऐसा खौफ है कि पिछले चार महीनों से दफ्तर में बैठे ही नहीं. आवास से ही विश्वविद्यालय का कामकाज चला रहे हैं.
24 हजार प्रतिमाह पर एक रिवॉल्वरधारी गार्ड
कुलपति की सुरक्षा में लगे एक रिवॉल्वरधारी गार्ड पर 24 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च आता है.यानी, 10 ऐसे गार्डों पर प्रतिमाह ढाई लाख रुपये. ये सभी गार्ड उनकी गाड़ी से साथ अन्य दो गाड़ियों पर पीछे-पीछे स्कॉट करते हैं. गाड़ियों के निजी ड्राइवर का खर्च अलग है. इसके अतिरिक्त दस के करीब गार्ड उनके आवास पर तैनात रहते हैं. इनमें से हर एक के लिए सात हजार रुपये से कुछ अधिक का भुगतान किया जाता है. इनके अलावा कुलपति के कार्यालय और आवास पर मौजूद सभी सुरक्षाकर्मियों का भुगतान विश्वविद्यालय को करना होता है.
सुरक्षा पर हर महीने 6.40 लाख का खर्च
पटना विवि सुरक्षा के नाम पर निजी कंपनी के माध्यम से 10 रिवाल्वरधारियों समेत कुल 52 सुरक्षाकर्मियों की बहाली की गयी है. इन पर हर महीने करीब 6 लाख 40 हजार रुपये खर्च होते हैं. नाम के लिए कुछ गार्डों की तैनाती अलग-अलग विभागों में की गयी है, लेकिन ज्यादातर कुलपति की सुरक्षा में ही लगे रहते हैं.
100 एक्स सर्विस मैन और चाहिए
विश्वविद्यालय से लेकर आवास तक हर संभव स्थान पर गार्ड की तैनाती के बावजूद कुलपति खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन करीब 100 एक्स सर्विस मैन की बहाली की मांग सरकार से करने पर विचार कर रहा है.
कर्मियों की कमी पूरी करने के लिए मिली थी राशि
विश्वविद्यालय कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. इसकी भरपाई के उद्देश्य से सरकार ने निजी कर्मचारी रखने के लिए विश्वविद्यालय
को तीन करोड़ रुपये की राशि प्रदान की थी. इसमें निजी गार्ड और
सेवक रखने का भी प्रावधान है. हालांकि, इसका ज्यादातर हिस्सा कुलपति की सुरक्षा और उनके लिए काम कर रहे निजी कर्मियों पर ही खर्च किया जा रहा है. कुलपति के आवास पर भी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को हटाकर निजी सफाईकर्मी, रसोइए व नौकर बहाल कर लिये गये हैं. एक तरफ जहां कुलपति की सुरक्षा पर जहां, लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ विवि में छात्र छोटी-छोटी सुविधाओं से भी वंचित हैं.
अधिकारी बोले
कुलपति की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. विवि में जिस प्रकार पूर्व कुलपति पर हमले हो चुके हैं और खुलेआम मारपीट होती रहती है वैसे में कुलपति की बेहतर सुरक्षा व्यवस्था हमारी जिम्मेवारी है. कैंपस के मामले में पुलिस भी हाथ खड़े कर देती है. ऐसे में उनकी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए निजी गार्ड रखने के अलावा और कोई उपाय नहीं है.
प्रो जीके पलई (प्रॉक्टर, पीयू)
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