शादी के बाद खो गया मीनू का बचपना25वां पटना थिएटर फेस्टिवल का शुभारंभपहले दिन नाटक ‘मीनू’ का मंचन हुआलाइफ रिपोर्टर पटनागांव की नटखट मीनू वैसे तो शरारती है, लेकिन दिल से भोली-भाली है. नटखट मीनू हमेशा लड़कों के साथ खेला करती है. उसके दोस्त ज्यादातर लड़के ही होते हैं. मीनू के साथ लड़कियां नहीं होती. मीनू बड़ी हो जाती है, लेकिन उसका भोलापन और शरारत कम नहीं होते. इस मीनू की कहानी कालिदास रंगालाय के मंच पर देखने को मिली. यहां मंगलवार को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से 25वां पटना थिएटर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. नाट्योत्सव की शुरुआत मीनू नाटक से की गयी. यह फेस्टिवल 12 से 20 जनवरी तक किया जा रहा है. इसका उद्घाटन कला, संस्कृति एंव युवा विभाग के मंत्री शिवचंद्र राम ने किया. वहीं मुख्य अतिथि के रूप में जेपी सेनानी सम्मान योजना सलाहकार पर्षद के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह मौजूद थे, जिन्होंने सभी कलाकारों को शुभकामानएं दीं. नाट्योत्सव के पहले दिन स्व अजित गांगुली की जयंती के उपलक्ष्य में बिहार नाट्य कला प्रशिक्षणालय द्वारा मीनू नाटक का मंचन किया गया. इसके निर्देशक अशोक घोष हैं. नाटक देखने के लिए दर्शकों की अच्छी-खासी भीड़ नजर आयी. कलाकारों के अभिनय को देख कर दर्शकों ने तालियां बजा उनका उत्साहवर्धन किया. नाटक की कहानीयह नाटक गांव की रहने वाली मीनू नामक लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हमेशा लड़कों के साथ खेला करती है. जब बड़ी हो जाती है, तो मीनू की शादी अपूर्व से होती है. लेकिन, इस शादी से अपूर्व की मां खुश नहीं रहती है. क्योंकि शादी उसके बेटे के पसंद से होती है. शादी के बाद भी मीनू में कोई परिवर्तन नहीं आया. वह जैसा पहले थी, वैसे ही शादी के बाद भी रहती है. इसलिए दोनों मां-बेटे में हमेशा अनबन होती है. इस वजह से कुछ दिनों के बाद अपूर्व पत्नी मीनू को उसके मायके छोड़ शहर चला जाता है. घर बसने के बाद भी मां- बेटा और पत्नी तीनों अलग-अलग जगह रह कर एकाकी महसूस करते हैं. वहीं मीनू में अचानक बहुत परिवर्तन आ जाता है. सबके साथ खेलने-कूदने वाली मीनू अलग-अलग रहने लगती है. वह मायके आने के बाद बच्चों के साथ कभी नहीं खेलती है. ऐसा लगता है, जैसे उसका बालपन मर चुका है और वह फिर से अपने ससुराल पहुंच जाती है. मीनू की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं. मृण्मयी यानी मीनू कब बालपन से मुक्ति पा लेती है, उसे खुद पता नहीं चलता है. नाटक की कहानी दर्शकों को खूब पसंद आयी. इसलिए सभी लोग नाटक के अंत तक अपनी जगह पर जमे रहे.मंच परमीनू- शांति प्रियाअपूर्व- दीपांकर शर्मादयाल- आलोक गुप्ताइंद्र- विष्णुदेव कुमार कमला- करिश्मा सुमनराखाल- श्रेयण चटर्जीपारस- नीतीश कुमारवनमाली- शशि रंजन कुमारआज का कार्यक्रम कला उत्सव: भरत भारती नृत्य-नाट्य एवं संगीत प्रशिक्षण संस्थान के कलाकारों की प्रस्तुतिशाम- 6.10 बजे
शादी के बाद खो गया मीनू का बचपना
शादी के बाद खो गया मीनू का बचपना25वां पटना थिएटर फेस्टिवल का शुभारंभपहले दिन नाटक ‘मीनू’ का मंचन हुआलाइफ रिपोर्टर पटनागांव की नटखट मीनू वैसे तो शरारती है, लेकिन दिल से भोली-भाली है. नटखट मीनू हमेशा लड़कों के साथ खेला करती है. उसके दोस्त ज्यादातर लड़के ही होते हैं. मीनू के साथ लड़कियां नहीं होती. […]
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