जाम ने थाम ली है पटना की रफ्तारसिपारा एसबीआइ से बोरिंग रोड चौराहा, 5.5 किमी का सफर 45 मिनटों मेंराजनीतिक और सामाजिक स्तर पर देश में विचारों को गति देने वाला पटना शहर खुद जाम की जकड़न में फंसा हुआ प्रतीत होता है. देश के अन्य शहरों में जो सफर पांच से सात मिनटों में तय होता है, उसके लिए पटनावासियों को 30 से 40 मिनट खर्च करने पड़ते हैं. ऑफिस और स्कूल आवर में तो पूरा शहर सड़कों पर थमा होता है. जाम की समस्या से निजात पाने के लिए पहले भी कई प्रयास हुए. अब भी हो रहे हैं. लेकिन, इसका खास असर नहीं दिख रहा है. पटना में जी का जंजाल बन गये जाम के हाल को जानने के लिए पढ़ें प्रभात खबर के संवाददाताओं की लाइव रिपोर्ट.सिपारा से बोरिंग रोड : साढ़े पांच किलोमीटर 45 मिनट में प्रभात रंजनसिपारा एसबीआइ ब्रांच के समीप से सुबह 10 बजे बोरिंग रोड चौराहा के लिए बाइक से निकला. सौ मीटर की दूरी पर ही सिपारा पुल के नीचे 10.02 बजे जाम मिला. इस जाम का कारण ऑटो चालक थे, जो पुल के समीप तिराहे पर ही सवारी उतार और चढ़ा रहे थे. आलम यह था कि न्यू बाइपास से सिपारा आने वाली सड़क, आइओसी रोड और मीठापुर जाने वाली सड़क पर वाहनों की लंबी कतार खड़ी थी. छह मिनटों की मशक्कत के बाद जाम से निजात मिली और 1.4 किमी की दूरी तय कर 10.15 बजे मीठापुर में डॉ अनिता सिंह के क्लिनिक के पास पहुंचा. यहां ऑटो और ट्रक का करीब दो सौ मीटर लंबा जाम लगा हुआ था. यहां अवैध ऑटो स्टैंड बनाया गया है और नो इंट्री होने के बावजूद मीठापुर मंडी से 10 व 12 चक्का ट्रकें भी न्यू बाइपास की ओर जाती है.इस जाम में 10 मिनटों तक फंसा रहा. 10.25 बजे यहां से निकल पाया. फिर, भिखारी ठाकुर फ्लाइ ओवर होते हुए विधानसभा गेट पहुंचा. यहां ट्रैफिक सिग्नल सुचारू रूप से काम करे रहे थे. यहां से सरदार पटेल मार्ग होते हुए न्यू सचिवालय तक चार किमी की सफर तय कर 10.30 बजे पहुंचा. यहां ट्रैफिक पोस्ट पर खड़ा पुलिसकर्मी हड़ताली मोड़ जाने वाले वाहनों को रोके हुआ था. इससे बेली रोड से न्यू सचिवालय के गेट पर वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गयी थी. इको पार्क या पटेल मार्ग से आ रहे ऐसे वाहन जिसे पटना जू की ओर जाना था, वे भी कतार में खड़े थे. ट्रैफिक पुलिस से सिग्नल मिलने पर लोगों में जल्द से जल्द आगे निकलने की होड़ सी मच गयी. हड़ताली मोड़ तक जाम नहीं मिला, लेकिन वाहन की स्पीड दो से 10 किमी प्रति घंटा के बीच रही. हड़ताली मोड पर 10.35 में पहुंचा और बोरिंग रोड की ओर मुड़ा. इंदिरा भवन के पास कट के समीप जाम लगा हुआ था. पटना जू से गांधी मैदान जाने वाली ऑटो इंदिरा भवन से टर्न लेने और बोरिंग कैनाल रोड से जू या दारोगा राय पथ जाने वाले वाहनों को हड़ताली मोड़ पर रोके जाने की वजह से यह जाम था. इससे मेडिकाना मेडिकल स्टोर तक वाहनों की कतार लग गयी, साथ ही हड़ताली मोड़ से इंदिरा भवन तक लंबा जाम भी लगा. इस जाम में भी छह मिनट फंसा रहा और 10.45 बजे बोरिंग रोड चौराहा पहुंच पाया. साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी 45 मिनट में तय हो पायी. कारण- सिपारा पुल पर अवैध ऑटो स्टैंड. – सिपारा पुल के तिराहे पर ही ऑटो चालकों द्वारा सवारी बैठाना व उतारना. – पिक आॅवर में ट्रकों का गुजरना. – डॉ अनिता सिंह के क्लिनिक के पास अवैध ऑटो स्टैंड.- नो इंट्री के बावजूद भारी वाहनों का गुजरना. – बेतरतीब तरीके से ऑटो को बैक करना व मोड़ना. – हड़ताली मोड़ के समीप बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम का होना. – इंदिरा भवन के समीप से ऑटो का मुड़ना. सुझाव – अवैध ऑटो स्टैंडों को हटाना. – पिक आॅवर में भारी वाहनों को गुजरने नहीं देना. – सवारी उतारने व चढ़ाने के लिए स्थल चयनित करना. – जू से गांधी मैदान जाने वाले ऑटो को सीधा जाने देना. – न्यू सचिवालय के समीप बायीं लेन को खाली कराना. ——————————————————पानी टंकी से बोरिंग रोड चौराहा : 1.5 किमी 20 मिनट में रविशंकर सुबह के दस बज कर बीस मिनट हो रहे हैं. इंद्रपुरी से जैसे ही हम बोरिंग रोड चौराहे की ओर बढ़ते हैं, एएन कॉलेज पानी टंकी के पास हाल ही में लगी ट्रैफिक लाइट रेड हो जाती है. यहां दो मिनट तक रुकने के बाद भी लाइट जलती रहती है. बोरिंग रोड से आ रही गाड़ियां खत्म हो गयी है, लेकिन रेड लाइट पहले की तरह ऑन है और इधर ट्रैफिक लाइट पर रुकी हुई भीड़ अपनी घड़ी देखती हुई उकता रही होती है. लगभग एक मिनट और गुजरने के बाद लाइट ग्रीन होती है और हम आगे बढ़ते हैं. बस सौ कदम की दूरी पर सिंडिकेट बैंक की शाखा के पास ट्रैफिक पुलिसकर्मी का हाथ हमें फिर से रुकने का इशारा करता है. आधे मिनट में यहां से निकलने के बाद शिवपुरी मोड़ के सामने कृष्ष्णा अपार्टमेंट से ही हल्का जाम मिलना शुरू होता है, जो लगातार जारी रहता है. यमुना अपार्टमेंट के ठीक पहले ट्रैफिक पोस्ट पर फिर से एक से डेढ़ मिनट का व्यवधान आता है सो इसके बाद हम सहदेव महतो मार्ग से बोरिंग रोड चौराहा आने का रास्ता निकालते हैं. इसमें बोरिंग कैनाल रोड तक गाड़ी सरपट भागती है, बीकानेर स्वीट्स के पास एकाध मिनट के ट्रैफिक व्यवधान के बाद हमारी गाड़ी बोरिंग रोड क्रॉसिंग पहुंचती है तब तक दस बजकर चालीस मिनट हो चुके होते हैं. कारण -लाइट का ज्यादा देर तक रेड रहना. -सभी महत्वपूर्ण जगहों पर लाइट का नहीं होना.-मैनुअली ट्रैफिक गाइड करना. -बोरिंग रोड पर अतिक्रमण होना. सुझाव- -स्मार्ट ट्रैफिक लाइट सिस्टम को अविलंब लागू किया जाये. -सभी जगह ट्रैफिक लाइट से रेगुलेशन हो. -बोरिंग रोड से अतिक्रमण हटाया जाये. ——————————————————बहादुरपुर से बोरिंग रोड : छह किलोमीटर 48 मिनट में प्रह्लादसुबह 10 बजे बहादुरपुर बाजार समिति से बोरिंग रोड के लिए बाइक से निकला. राजेंद्र नगर गोलंबर होते हुए नाला रोड की आेर जैसे ही बढ़ा, एक सिटी राइड बीच में खड़ा होकर सवारी ले रही थी और पीछे सड़क जाम हो गयी. रास्ता साफ होते ही बाइक को थोड़ा तेज किया, लेकिन साहित्य सम्मेलन के पास अचानक से ब्रेक लगाना पड़ गया. आगे तीन गायें चल रही थी. इसके बाद धीरे-धीरे कदमकुआं होते हुए एक्जीबिशन रोड ब्रिज के नीचे पहुंचा. यहां ट्रैफिक पुलिस ने रास्ता रोक रखा था. यहां तक पहुंचने में महज 10 मिनट का समय लगा, लेकिन जैसे ही एग्जीबिशन रोड से डाकबंगला की ओर बढ़ा, जमाल रोड पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. जमाल रोड के पास नया ट्रैफिक सिग्नल बनाया गया है, लेकिन अभी वह चालू नहीं हुआ है. यहां बाइक 15 मिनट तक रुकी रही. इसके बाद जमाल रोड से रास्ता खुला और हम डाकबंगला चौराहा के लिए बढ़े. एसबीआइ एटीएम के पास जाम लगा हुआ था. यहां भी 10 मिनट इंतजार के बाद रास्ता खुला. हालांकि चौराहे के चारों ओर जाम होनेे के कारण आगे बढ़ने में परेशानी हुई. डाकबंगला पार करने के बाद अब लगा कि जल्द ही ऑफिस पहुंच जायेंगे, लेकिन कोतवाली के पास ट्रैफिक पुलिस ने हाथ दिया और चार मिनट वहां भी रुकना पड़ा. इसके बाद आया इनकम टैक्स गोलंबर. यहां भी पांच मिनट बाइक रुकी. जाम का आलम ऐसा था कि अस्पताल जाने का रास्ता बंद हो गया और लोग पुलिस के सिग्नल का इंतजार किये बिना भाग निकले. इसके बाद गाड़ी की रफ्तार बढ़ी. लेकिन, दूसरे लेन में इनकम टैक्स से हाइकोर्ट मोड़ तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई थी. अब हाइकोर्ट से बोरिंग रोड आने वाले रास्ते में हल्का जाम लगा हुआ था और हम 48 मिनट में बोरिंग रोड स्थित अपने ऑफिस पहुंचे. पूरे सफर के दौरान बाइक की रफ्तार 20 किलोमीटर प्रतिघंटा के आस-पास रही. कारण- नाला रोड से लेकर कदमकुआं तक सड़क पर गाय व कुत्ते आराम फरमाते हैं.- नाला रोड पेट्रोल पंप से लेकर मोड़ तक दोनों ओर गाड़ी पार्क रहती है. – साहित्य सम्मेलन के पास सब्जी मंडी से यातायात में परेशानी होती है. – भट्टाचार्य रोड से लेकर एग्जीबिशन रोड पुल के नीचे तक दोनों लेन में गाड़ी आती है और एक लेन में गाड़ी जाती भी है. इससे जाम लगता है. – एग्जीबिशन रोड से लेकर डाकबंगला तक सड़कों पर वाहनों का खड़ा करना – डाकबंगला से कोतवाली थाना तक हरिनिवास व मौर्यालोक के सामने सड़क पर वाहन खड़े रहते हैं. – इनकम टैक्स गोलंबर तक पहुंचने के लिए तारामंडल के पास सवारी लेने के लिए कई ऑटो खड़ी रहती है. सुझाव – नाला रोड पेट्रोल पंप के समीप से ऑटो स्टैंड हटाने की जरूरत – नाला रोड से कदमकुआं तक सड़क से गाय व अन्य जानवरों को हटाने के लिए नगर निगम को सख्त निर्देश देने चाहिए. – साहित्य सम्मेलन के पास बनी सब्जी मंडी को सड़क से हटाना चाहिए. – भट्टाचार्य रोड से एग्जीबिशन रोड तक दोनों लेन को ठीक करने की जरूरत. – एग्जीबिशन रोड चौराहा से डाकबंगला तक वाहनाें की लेन तय होनी चाहिए. – जमाल रोड मोड़ कट को बंद करने के साथ साथ रास्ता स्टेशन रोड की ओर करने की जरूरत. – तारामंडल के पास ऑटो को किनारे में लगवाने की जरूरत. ——————————————————दानापुर से बोरिंग रोड चौराहा : नौ किमी 72 मिनटों मेंअनुपमआज मैं सुबह 9:35 पर मिथिला कॉलोनी दानापुर से बोरिंग रोड चौराहा स्थित अपने आॅफिस के लिए निकली. 9 बजकर 40 मिनट पर राजापुल के लिए ऑटो ली. 9:49 मिनट पर ऑटो दीघा-आशियाना मोड़ पहुंच चुकी थी. यहां से रफ्तार अचानक से धीमी हो जाती है. राेजमर्रा की तरह मंगलवार को भी आशियाना मोड़ से आने वाली गाड़ियों और गांधी मैदान से आने वाली गाड़ियों के कारण जाम लगा हुआ था. सड़क के दोनों किनारे सब्जी दुकानदारों का अतिक्रमण और उसके बाद सड़क पर हाल में बने डिवाइडर. आने -जाने वाले गाड़ियों की लंबी लाइन. उस पर से बाइक वाले बेलगाम. जिधर थोड़ी सी जगह मिले उधर से निकाल दिया. सभी को आगे निकलने की आपा-धापी. लंबे मशक्त के बाद दीघा बाजार का सफर पार हुआ. उसके बाद ऑटो जैसे ही अपने सही रफ्तार पर चलने लगी थी कि संत माइक्लस हाइ स्कूल के निकट स्कूली वाहनों व पैरेंटस और निजी वाहनों की भीड़ होने से जाम लग गया और ऑटो रुक-रुक कर चलने लगी. इसके बाद ऑटो कुरजी मोड़ पहुंची. ऑटो से उतरने और चढ़ने वालों की भीड़ के कारण यहां भी जाम लग गया. जाम लगते ही पुलिस वालों का डंडा ऑटो पर बरसने लगा. इसके बाद सभी ऑटो एक लेन में चलने लगी. ऑटो फिर कुरजी अस्पताल के पास रुकी. इसके बाद गोसांय टोला तक रफ्तार ठीक रही. जाम का तीसरा मेन प्वांइट मैनपुरा में आया. सड़क के किनोर फैले कचरे से सड़क पूरी तरह संकरी हो चुकी है. किसी बड़े वाहन के आते के साथ ही जाम लग गया. गाड़ियां रेंगते हुए 10 बजकर 35 मिनट पर राजापुल पहुंची. यहां से बोरिंग रोड का सफर आराम से कटा. आखिरकार 10 बजकर 47 मिनट पर मैं अाॅफिस पहुंची. इस तरह नौ किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे 72 मिनट लग गये. इसमें 22 मिनट दीघा के जाम में व्यर्थ हुए.समस्या- सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण.- टैफ्रिक पुलिस का न होना.- दोनों किनारे बालू का फैलाव होने से सड़क का सिकुड़ना.- रात में सड़कों पर लाइटिंग की व्यवस्था न होना.- ऑटो चालकों द्वारा गाड़ियों को जहां-तहां रोक कर सवारी लेना.- सड़क किनारे कचराें का अंबार.- राजापुल पर पर्व त्योहार के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़.- सड़क में मिलने वाले स्कूल वाहनों की कैंपस के अंदर पार्किंग न होना.सुझाव- सड़कों की प्रतिदिन सफाई, ताकि बालू जमा न हो सके.- ट्रैक्टरों का सुबह आठ बजे के बाद से मेन रोड में नो इंट्री.- बालू ढु्लाई पर नियमों का सही से पालन जैसे ढ़क कर ले जाने का.- ट्रैफिक पुलिस का मुस्तैदी से खड़ा रहना.- वाहन चालकों के लिए लेन फिक्स करना. ——————————————————कारगिल चौक से बोरिंग रोड : 22 मिनट में चार किलोमीटर राजेशदिन मंगलवार. स्थान कारगिल चौक. घड़ी में ठीक 10 बज रहे थे. कारगिल चौक से बोरिंग रोड चौराहा के लिए बाइक से ऑफिस के लिए निकला. उद्योग भवन के पास पहुंचते ही बाइक में ब्रेक लगानी पड़ी. कार, बाइक ऑटो से लेकर रिक्शा वाले बेतरतीब तरीके से खड़े थे. लाल बत्ती के बावजूद वाहन खिसक रहे थे. दो मिनट के बाद हरी बत्ती का सिग्नल मिला. वाहन तेजी से आगे बढ़ने लगे, लेकिन जाम की स्थिति बनने लगी. आगे बढ़ते ही रामगुलाम चौक पर हरी बत्ती का सिग्नल मिलने के कारण वाहन को रोकना नहीं पड़ा. यही स्थिति होटल मौर्या के गोलंबर के पास रही. पहुंचते-पहुंचते हरी बत्ती का सिग्नल मिला, इसलिए आगे बढ़ता गया.बाइक से टाइम्स ऑफ इंडिया गोलंबर से होते हुए ठीक 10.06 बजे डाकबंगला चौराहा पहुंचा. चौराहा को पार करने वाला ही था कि यातायात पुलिस ने वाहनों को रोक दिया. अाखिरकार जिसका डर था, वही हुआ. यहां पर ठीक आठ मिनट रुकना पड़ा. ठीक 10.14 मिनट पर सिग्नल मिला और वहां से तारामंडल आयकर गोलंबर होते हुए बेली रोड की ओर मुड़ा. बेली रोड के दूसरे फ्लैंक की ओर काफी भीड़, लेकिन इस ओर ट्रैफिक सामान्य था. इसलिए बाइक को कहीं रोकना नहीं पड़ा. इसके बावजूद बेली रोड से हाइकोर्ट मोड़ की ओर से बोरिंग रोड चौराहा पहुंचने में आठ मिनट लग गये.कारण :-उद्योग भवन के पास बेतरतीब वाहनों के अनियंत्रित होने के कारण जाम की स्थिति.-डाकबंगला चौराहा के पास ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था नहीं रहने से समय का निर्धारण नहीं होता, इस कारण अधिक इंतजार.सुझाव :-जेब्रा क्रॉसिंग की व्यवस्था.-ट्रैफिक लाइट में टाइम भी लगाया जाये, जरूरत के अनुसार कंट्रोल करें.-पिक आॅवर में यातायात में लगे पुलिसकर्मी मुस्तैदी से काम करें.
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जाम ने थाम ली है पटना की रफ्तार
जाम ने थाम ली है पटना की रफ्तारसिपारा एसबीआइ से बोरिंग रोड चौराहा, 5.5 किमी का सफर 45 मिनटों मेंराजनीतिक और सामाजिक स्तर पर देश में विचारों को गति देने वाला पटना शहर खुद जाम की जकड़न में फंसा हुआ प्रतीत होता है. देश के अन्य शहरों में जो सफर पांच से सात मिनटों में […]
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